Advertisement

ममता का केंद्र पर हमला, बोलीं- राज्यों को वैक्सीन दे नहीं पा रहे, दिसंबर तक देश को कैसे करेंगे वैक्सीनेट?

ममता बनर्जी ने बुधवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस में बताया कि ओडिशा के सीएम नवीन पटनायक से मेरी बात हुई है. केरल के चीफ मिनिस्टर से भी बात हुई है. केंद्र सरकार को सभी राज्यों को मुफ्त में वैक्सीन देना चाहिए. सभी लोग इस पर सहमत हैं.

बंगाल की सीएम ममता बनर्जी (फाइल फोटो) बंगाल की सीएम ममता बनर्जी (फाइल फोटो)
अनुपम मिश्रा
  • कोलकाता,
  • 02 जून 2021,
  • अपडेटेड 5:06 PM IST
  • ममता बनर्जी ने केंद्र सरकार पर फिर निशाना साधा
  • कहा- दिल्ली में बोला बहुत जाता है पर होता नहीं है

बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने केंद्र सरकार पर फिर निशाना साधा है. इस बार सीएम ममता ने वैक्सीन को लेकर मोदी सरकार पर हमला बोला है. उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार बहुत कुछ कहती है पर होता नहीं है. कमिटमेंट होना चाहिए. पूरे देश को वैक्सीन देना बड़ा काम है. राज्यों को तो वैक्सीन नहीं दे पा रहे हैं. ऐसे में दिसंबर तक कैसे पूरे देश को वैक्सीनेट करेंगे? 

Advertisement

ममता बनर्जी ने बुधवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस में बताया कि ओडिशा के सीएम नवीन पटनायक से मेरी बात हुई है. केरल के चीफ मिनिस्टर से भी बात हुई है. केंद्र सरकार को सभी राज्यों को मुफ्त में वैक्सीन देना चाहिए. सभी लोग इस पर सहमत हैं.

तीन दिन में रिपोर्ट देने को कहा

ममता बनर्जी ने Amphan तूफान के वक्त हुए नुकसान को लेकर रिपोर्ट मांगी है. ममता बनर्जी ने कहा कि Amphan के समय टूटे हजारों पेड़ों का क्या हुआ? बेच दिए गए या अभी हैं? मुझे 3 दिन के भीतर रिपोर्ट चाहिए. हर साल इरिगेशन के नाम पर हम बांध बना रहे हैं और हर साल बांध टूट जा रहे हैं. ऐसे में हमें देखना होगा कहां पैसा लगाएं. हम 5 लाख मंगरोव लगा रहे हैं, ये एक ऐसी घास है जो जमीन को पकड़ कर रखती है. ऐसा एक प्रोजेक्ट भी हम ला रहे हैं. 

Advertisement

अलपन बंदोपाध्याय फिर नहीं आए दिल्ली, अब केंद्र के पास क्या बचे हैं विकल्प? 

अलपन पर बोलीं- चैप्टर क्लोज

प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान ममता बनर्जी से अलपन बंद्योपाध्याय को लेकर सवाल पूछा गया तो उन्होंने कहा कि ये चैप्टर क्लोज हो चुका है, इस पर कोई बात नहीं कहनी है. बता दें कि पश्चिम बंगाल के मुख्य सचिव अलपन बंदोपाध्याय त्यागपत्र देकर मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के सलाहकार बन गए हैं. 

अब अलपन भारतीय प्रशासनिक सेवा के अधिकारी नहीं रह गए. यह कदम उठाकर उन्होंने अपने खिलाफ केंद्र की ओर से लिए जाने वाले कड़े एक्शन से बचा लिया है. हालांकि, अलपन बंदोपाध्याय के मामले में अब केंद्र के पास करवाई के लिए सीमित विकल्प हैं.  

Read more!
Advertisement

RECOMMENDED

Advertisement