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बंगाल: किसान की मौत पर 2 लाख मुआवजा, सरकारी योजना के तहत कई लाभ, ममता सरकार के बड़े ऐलान

बंगाल सरकार ने Notun Krishak Bondhu योजना के तहत किसानों को पैसे देने का ऐलान किया है. सीएम ममता ने कहा कि मैं राज्य के सभी जिलाधिकारियों से पैसे बांटने की अपील करती हूं. उन्होंने कहा कि किसान की मौत होने पर किसान के परिवार को 2 लाख रुपये का मुआवजा दिया जाएगा.  इस योजना से अभी 28,000 किसानों के परिजनों को पैसा मिलेगा. 

ममता बनर्जी (फाइल फोटो) ममता बनर्जी (फाइल फोटो)
aajtak.in
  • कोलकाता ,
  • 17 जून 2021,
  • अपडेटेड 1:45 PM IST
  • किसानों के लिए ममता सरकार ने किये कई बड़े ऐलान
  • बंगाल में किसानों को न्यूनतम 4000 रुपये मिलेंगे

पश्चिम बंगाल की सीएम ममता बनर्जी ने कैबिनेट बैठक में दिए गए सुझाव को मंजूरी दे दी. बंगाल में अब सरकारी योजना (Notun Krishak Bondhu Scheme) के तहत किसानों को न्यूनतम 4000 रुपये मिलेंगे, जबकि 1 एकड़ जमीन वालों किसानों को 10000 रुपये मिलेंगे. मजदूर और बरगद के पेड़ों के लिए भी 4000 रुपये मिलेंगे, पहले इसके लिए 2000 रुपये मिलते थे. 

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ममता सरकार के इस फैसले से 60 लाख से अधिक किसानों को लाभ मिलेगा. सीएम ममता की ओर से कहा गया कि केंद्र कम पैसा दे रहा है और सभी को मिल भी नहीं रहा है. उनकी योजना में बरगदों और मजदूरों को कवर नहीं किया गया है. इसीलिए बंगाल सरकार के बुधवार को लिए गए फैसले से कई किसानों को पैसा मिलेगा और योजना का समुचित लाभ मिलेगा. 

बता दें कि बंगाल सरकार ने Notun Krishak Bondhu योजना के तहत किसानों को पैसे देने का ऐलान किया है. सीएम ममता ने कहा कि मैं राज्य के सभी जिलाधिकारियों से पैसे बांटने की अपील करती हूं. उन्होंने कहा कि किसान की मौत होने पर किसान के परिवार को 2 लाख रुपये का मुआवजा दिया जाएगा. इस योजना से अभी 28,000 किसानों के परिजनों को पैसा मिलेगा. 

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ममता बनर्जी ने कहा कि भारी बारिश के बाद जो पहले कभी नहीं देखा गया वो दिखा. मैं लोगों से सावधान रहने की अपील करती हूं. बिहार और झारखंड में भी भारी बारिश हो रही है.
 
गौरतलब है कि ममता सरकार की ओर से किसानों के लिए ये फैसले ऐसे समय लिए गए हैं जब केंद्र सरकार के कृषि कानूनों के खिलाफ दिल्ली बॉर्डर पर किसान संगठन महीनों से प्रदर्शन कर रहे हैं. कृषि कानून वापसी की मांग को लेकर दिल्ली बॉर्डर पर धरना दे रहे किसानों के तेवर बरकरार हैं. बीच में किसान संगठन और मोदी सरकार के बीच 11 बार बातचीत हुई, लेकिन वो भी किसी नतीजे पर नहीं पहुंची. 

(प्रेमा के इनपुट के साथ)

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