
पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने रविवार को पीएम नरेंद्र मोदी को एक और पत्र लिखा, जिसमें उन्होंने आरोप लगाया कि दामोदर वैली कॉरपोरेशन द्वारा अभूतपूर्व पानी छोड़े जाने के कारण राज्य के दक्षिणी हिस्से में आई विनाशकारी बाढ़ मानव निर्मित (Man Made Disaster) है. उन्होंने कहा है कि दामोदर वैली कॉरपोरेशन (डीवीसी) ने उनकी सरकार से परामर्श किए बिना अपने जलाशयों से पानी छोड़ दिया, जिससे पश्चिम बंगाल के कई जिले जलमग्न हो गए हैं.
इससे पहले प्रधानमंत्री को लिखे ममता बनर्जी के पहले पत्र का जवाब देते हुए, केंद्रीय जल शक्ति मंत्री सीआर पाटिल ने कहा था कि राज्य के अधिकारियों को डीवीसी जलाशयों से पानी छोड़ने के बारे में हर चरण में सूचित किया गया था. उन्होंने यह भी कहा था कि एक बड़ी आपदा को रोकने के लिए डीवीसी रिजर्वायर से पानी छोड़ना आवश्यक था. ममता बनर्जी ने अपने दूसरे पत्र में केंद्रीय जलशक्ति मंत्री के दावे को नकारा है.
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ममता बनर्जी ने लिखा है, 'केंद्रीय जलशक्ति मंत्री का दावा है कि डीवीसी रिजर्वायर से पानी छोड़ने का फैसला सर्वसम्मति से और दामोदर वैली रिजर्वायर रेगुलेशन कमिटी के सहयोग से किया गया था, जिसके लिए पश्चिम बंगाल सरकार के प्रतिनिधियों के साथ भी बातचीत की गई थी. लेकिन मैं इस दावे से असहमत हूं. सभी महत्वपूर्ण निर्णय केंद्रीय जल आयोग, जल शक्ति मंत्रालय, भारत सरकार के प्रतिनिधियों द्वारा आम सहमति के बिना एकतरफा रूप से लिए जाते हैं.'
ममता बनर्जी ने अपने पत्र में आरोप लगाया है कि कभी-कभी राज्य सरकार को बिना किसी नोटिस के पानी छोड़ दिया जाता है और उनकी सरकार के विचारों का सम्मान नहीं किया जाता है. उन्होंने अपने पहले पत्र में लिखा था, 'डीवीसी के जलाशयों से नौ घंटे तक अधिकतम मात्रा में पानी छोड़ा गया, जिसके बारे में हमें सिर्फ 3.5 घंटे पहले सूचना दी गई थी. इतने कम समय में प्रभावी आपदा प्रबंधन कैसे हो सकता है.' उन्होंने अपने पहले पत्र में डीवीसी समझौते से बाहर होने की चेतावनी दी थी.
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पीएम मोदी को 20 सितंबर को लिखे अपने पत्र में ममता बनर्जी ने दावा किया था कि राज्य में 50 लाख लोग बाढ़ से प्रभावित हुए हैं. उन्होंने इस व्यापक तबाही से निपटने के केंद्र सरकार से तुरंत फंड जारी करने और मंजूरी देने का आग्रह किया था. केंद्रीय जलशक्ति मंत्री सीआर पाटिल ने डीवीसी जलाशयों से पानी छोड़े जाने के कारण आने वाली बाढ़ के बारे में मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के पत्र का जवाब दिया था.
उन्होंने बताया था कि डीवीसी रिजर्वायर से पानी रिलीज करने के बारे में निर्णय दामोदर वैली रिजर्वायर रेगुलेशन कमिटी (DVRRC) द्वारा किया जाता है, जिसमें केंद्रीय जल आयोग, पश्चिम बंगाल, झारखंड और डीवीसी के प्रतिनिधि शामिल होते हैं. पाटिल ने यह भी स्पष्ट किया था कि 14 से 17 सितंबर तक भारी बारिश के कारण पश्चिम बंगाल के अधिकारियों के अनुरोध पर मैथन और पंचेत जलाशयों से पानी छोड़ने में 50 प्रतिशत की कटौती की गई थी.