
पश्चिम बंगाल सरकार के कर्मचारियों द्वारा महंगाई भत्ते (डीए) में बढ़ोतरी की मांग को लेकर राज्य की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने शुक्रवार को कहा कि वह कोई जादूगर नहीं हैं जो सभी इच्छाओं को पूरा कर सकती हैं. बनर्जी ने कहा कि उनकी सरकार सभी की जरूरतों को संतुलित करने के लिए अपनी ओर से बेहतर करने का प्रयास कर रही है.
उन्होंने कहा, मैं कोई जादूगर नहीं हूं कि पैसा मांगने पर आसमान से नीचे आ जाएगा. उन्होंने इस दौरान एक फिल्म की कहानी का भी जिक्र किया. बांकुड़ा जिले में सरकारी सेवाओं के वितरण कार्यक्रम को संबोधित करते हुए सीएम ने कहा, केंद्र से नहीं मिलने के बावजूद, हमने तीन फीसद डीए दिया है.
वित्त मंत्री चंद्रिमा भट्टाचार्य ने 15 फरवरी को बजट पेश करते हुए सरकारी कर्मचारियों और अन्य के लिए अतिरिक्त तीन प्रतिशत डीए की घोषणा की थी. हालांकि, कर्मचारी और ज्यादा डीए की मांग कर रहे थे. भाजपा सरकार पर हमला बोलते हुए सीएम बनर्जी ने दावा किया कि केंद्र 100 दिन की मनरेगा रोजगार गारंटी योजना के लिए पैसे उपलब्ध नहीं करा रहा है.
उन्होंने कहा, यहां तक कि जिन लोगों ने योजना के तहत काम किया है, उन्हें भी योजना के तहत मजदूरी नहीं दी जा रही है. सीएम ने कहा कि केंद्र सरकार मनरेगा, आवास या सड़क निर्माण जैसी योजनाओं के लिए पश्चिम बंगाल को धन जारी नहीं कर रही है. बनर्जी ने कहा कि उनकी सरकार गरीब लोगों को बेदखल नहीं करती है, बल्कि उन्हें जमीन का अधिकार देती है.
सीएम बनर्जी ने कहा कि केंद्र की भाजपा सरकार टीएमसी शासित पश्चिम बंगाल को वंचित कर रही है. उन्होंने कहा कि ऐसा लगता है जैसे वे अपना पैसा दे रहे हैं. यह हमारा पैसा है जिसे वे टैक्स कलेक्शन के नाम पर ले जा रहे हैं और राज्य सरकारें इसमें से अपने हिस्से की हकदार हैं. बनर्जी ने कहा कि राज्य के लोग अपना अधिकार चाहते हैं ना कि खैरात. उन्होंने कहा कि अगर उनके भाई-बहन आगे बढ़ेंगे, तभी बंगाल आगे बढ़ेगा.