Advertisement

राष्ट्रपति चुनाव: ममता बनर्जी बोलीं- द्रौपदी मुर्मू की जीत के ज्यादा चांस, बीजेपी ने यशवंत सिन्हा के नाम पर ली चुटकी

देश का अगला राष्ट्रपति चुनने के लिए 18 जुलाई को मतदान होना है. राष्ट्रपति चुनने के लिए मतदान से पहले महाराष्ट्र में सत्ता के उलटफेर से अब समीकरण बदल गए हैं. ममता बनर्जी ने भी ये मान लिया है कि राष्ट्रपति चुनाव में एनडीए उम्मीदवार की जीत के चांस ज्यादा हैं. बीजेपी ने ममता के बयान पर चुटकी ली है.

ममता बनर्जी (फाइल फोटो) ममता बनर्जी (फाइल फोटो)
aajtak.in
  • नई दिल्ली,
  • 02 जुलाई 2022,
  • अपडेटेड 11:29 AM IST
  • महाराष्ट्र में सत्ता परिवर्तन के बाद बढ़ा NDA का संख्याबल- ममता 
  • कांग्रेस नेता अधीर रंजन चौधरी ने ममता बनर्जी को बताया सनकी

महाराष्ट्र में सियासी उलटफेर के बाद देश का नया राष्ट्रपति चुनने की जंग अब एकतरफा होती नजर आ रही है. भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के नेतृत्व वाले राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (NDA) उम्मीदवार द्रौपदी मुर्मू की एकतरफा जीत की संभावनाएं मजबूत होती दिख रही हैं. बदले समीकरणों के बीच अब विपक्षी खेमा भी इसे स्वीकार करता नजर आ रहा है. राष्ट्रपति चुनाव में एनडीए के खिलाफ विपक्ष का साझा उम्मीदवार उतारने के लिए बैठक पर बैठक करने वाली पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री और तृणमूल कांग्रेस की अध्यक्ष ममता बनर्जी ने भी अब ये स्वीकार कर लिया है.

Advertisement

पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कहा है कि द्रौपदी मुर्मू की जीत के ज्यादा चांस हैं. ममता बनर्जी के बयान पर बीजेपी ने विपक्ष के उम्मीदवार यशवंत सिन्हा का नाम लेते हुए चुटकी ली है.

दरअसल, ममता बनर्जी ने कहा है कि विपक्षी दल भी राष्ट्रपति पद के लिए द्रौपदी मुर्मू की उम्मीदवारी का समर्थन कर सकते थे अगर बीजेपी ने उन्हें मैदान में उतारने के पहले उनसे चर्चा की गई होती. उन्होंने साथ ही ये भी कहा कि 18 जुलाई को राष्ट्रपति चुनाव में द्रौपदी मुर्मू की जीत की अधिक संभावनाएं है. महाराष्ट्र में सत्ता परिवर्तन के बाद एनडीए का संख्याबल बढ़ा है.

ममता बनर्जी ने जोर देकर कहा कि आम सहमति वाला उम्मीदवार देश के लिए हमेशा बेहतर होता है. अगर बीजेपी ने उनके नाम के ऐलान से पहले हमसे भी बात की होती तो हम निश्चित रूप से व्यापक हितों का ध्यान रखते हुए इस पर विचार करते. उन्होंने ये भी साफ किया कि टीएमसी विपक्षी दलों के निर्णय के मुताबिक ही चलेगी. ममता बनर्जी ने कहा कि हमारे मन में सभी धर्म, जाति और पंथ के लिए बराबर सम्मान है. हम चाहते हैं कि राष्ट्रपति चुनाव शांतिपूर्ण तरीके से संपन्न हो. हमें महिला उम्मीदवार को उतारने की कोशिश करनी चाहिए थी. मैं अकेले फैसला नहीं कर सकती थी.

Advertisement

चुनाव हो रहा, इसका दुख

ममता बनर्जी ने ये भी कहा कि राष्ट्रपति चुनने के लिए मतदान हो रहा है, मुझे इसका दुख है. दलित और सभी जनजातियां हमारे साथ हैं. हम लोगों में बंटवारा नहीं करते. वहीं, दूसरी तरफ कांग्रेस नेता अधीर रंजन चौधरी ने ममता बनर्जी पर इस बयान को लेकर हमला बोला है. उन्होंने आरोप लगाया कि ममता ने ये बयान पीएम मोदी के इशारे पर दिया है. अधीर रंजन ने आरोप लगाया कि ममता बनर्जी ने नरेंद्र मोदी के साथ गुप्त समझौता किया है जो फिर से उजागर हो गया है.

अधीर रंजन ने ममता को बताया सनकी

अधीर रंजन चौधरी ने ममता बनर्जी को सनकी बताते हुए कहा कि अब वो बीजेपी एजेंट के रूप में काम कर रही हैं. उन्होंने कहा कि बीजेपी ने जब संख्या सुनिश्चित कर ली तब द्रौपदी मुर्मू को राष्ट्रपति पद के लिए उम्मीदवार बनाया. द्रौपदी मुर्मू जीतेंगी तो इसमें कोई बड़ी बात नहीं है.

बीजेपी ने ली चुटकी

बीजेपी ने भी ममता बनर्जी पर तंज किया है. बीजेपी नेता अमित मालवीय ने कहा कि देउचा पचामी में जनजातियों की जमीन कब्जा करने की असफल कोशिशों के बाद ममता बनर्जी को पता चला है कि उनकी छवि महिला और आदिवासी विरोधी बन रही है. उन्होंने सवालिया अंदाज में कहा है कि क्या वो राष्ट्रपति पद के लिए विपक्ष के उम्मीदवार यशवंत सिन्हा को छोड़ देंगी?

Advertisement

बता दें कि यशवंत सिन्हा ममता बनर्जी की पार्टी टीएमसी में ही थे. ममता की कोशिशों के बाद ही यशवंत सिन्हा को विपक्ष ने मिलकर राष्ट्रपद का उम्मीदवार बनाया गया है लेकिन चुनाव से पहले ही हालात बदल गए हैं.

Read more!
Advertisement

RECOMMENDED

Advertisement