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पश्चिम बंगाल में ममता बनर्जी कभी मुख्यमंत्री नहीं बन पातीं अगर सोनिया गांधी राज्य में निष्पक्ष चुनाव सुनिश्चित नहीं करतीं. यह बात पश्चिम बंगाल कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष सुभांकर सरकार ने कही है. उन्होंने कहा कि क्या टीएमसी वो बात भूल गई? कि 2011 में सोनिया गांधी ने यह सुनिश्चित किया था कि राज्य में निष्पक्ष चुनाव हो. उन्होंने कहा कि 2011 में निष्पक्ष चुनाव हुए और उसके बाद कभी भी यहां फ्री एंड फेयर इलेक्शन नहीं हुए.
बंगाल कांग्रेस अध्यक्ष सुभांकर सरकार ने कहा कि दिल्ली चुनाव के बाद सब इतने डरे हुए क्यों हैं? राजनीतिक दल इतने डरे हुए क्यों हैं? अगर बंगाल में कांग्रेस का कोई वजूद नहीं है, तो ममता बनर्जी अपने विधायकों से कांग्रेस के बारे में चर्चा क्यों करती हैं? वे बाइनरी राजनीति चाहते हैं, चाहे बीजेपी हो या टीएमसी. उन्होंने कहा कि टीएमसी को जवाब देना चाहिए कि बंगाल में बीजेपी का वोट 38 प्रतिशत कैसे है?
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ममता बनर्जी 2026 में अकेली लड़ेंगी चुनाव!
दरअसल, पश्चिम बंगाल में ममता बनर्जी ने बीते दिनों ऐलान किया था कि वह 2026 का चुनाव भी अकेले लड़ेंगी, और ये कि राज्य में कांग्रेस का कोई वजूद नहीं है. इसपर राज्य कांग्रेस के अध्यक्ष ने कहा कि अगर कोई वजूद नहीं है तो फिर कांग्रेस का नाम लेने की क्या जरूरत थी. वे सोच रहे हैं कि आने वाले दिन में क्या होगा. उन्होंने कहा कि अगर बंगाल की जनता को विकास देना है तो वो सिर्फ कांग्रेस पार्टी दे सकती है.
बीजेपी-आरएसएस की विचारधारा से कांग्रेस ही लड़ सकती है!
दिल्ली में कांग्रेस पार्टी एक भी सीट हासिल नहीं कर सकी है, और ऐसा लगातार छठी बार है, जब पार्टी एक भी सीट हासिल करने से महरूम रही है. हालांकि बंगाल कांग्रेस अध्यक्ष का कहना है कि बीजेपी और आरएसएस की विचारधारा से सिर्फ कांग्रेस लड़ सकती है. अडानी का पैसा जिसके पास चला जाता है वो खामोश हो जाता है, लेकिन कांग्रेस लड़ रही है.
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अरविंद केजरीवाल और आम आदमी पार्टी की हार पर कांग्रेस के बंगाल अध्यक्ष ने कहा कि इंडिया गठबंधन किस लिए बना था. सभी का आइडियोलॉजी अलग था लेकिन सभी साथ आए. आज ममता बनर्जी ने उन्हें (अरविंद केजरीवाल) को क्यों नहीं समझाया. आज बीजेपी का 38 फीसदी वोट है बंगाल में तो ममता बनर्जी उसे क्यों नहीं रोक पाई. उन्होंने कहा कि दिल्ली के चुनाव के बाद कांग्रेस छोड़कर कोई भी बड़ी लड़ाई नहीं लड़ सकते.