
केंद्र की ओर से बंगाल को मनरेगा मजदूरों का बकाया भुगतान नहीं किए जाने के खिलाफ ममता बनर्जी दो दिनों तक धरने पर बैठीं. उन्होंने इस मुद्दे पर पीएम मोदी को भी पत्र लिखकर कैग की रिपोर्ट पर आपत्ति जताई है. अपने पत्र में उन्होंने लिखा है, 'कैग की 2020-21 की स्टेट फाइनेंस ऑडिट रिपोर्ट में बताया गया है कि 2002-03 से 2020-21 तक 2,29,099 करोड़ रुपये के यूटिलाइजेशन सर्टिफिकेट जमा करने में देरी हुई, जो सही नहीं है. राज्य सरकार के संबंधित विभागों ने विभिन्न मदों के तहत किए गए आवंटन और मंजूरी के खिलाफ निर्धारित प्रारूप में भारत सरकार के संबंधित मंत्रालयों को समय पर यूटिलाइजेशन सर्टिफिकेट जमा कर दिया था'.
ममता बनर्जी ने प्रधानमंत्री को लिखा है, 'आप भली-भांति जानते हैं कि इन यूटिलाइजेशन सर्टिफिकेट से संतुष्ट होने पर ही भारत सरकार द्वारा समय-समय पर विभिन्न योजनाओं के तहत आवंटन किया जाता है. भारत सरकार के विभिन्न मंत्रालयों द्वारा जारी किए गए मंजूरी आदेशों में स्पष्ट रूप से कहा गया है कि पिछली अवधि का कोई यूटिलाइजेशन सर्टिफिकेट लंबित नहीं है'. उन्होंने आगे लिखा है, 'यह जानकर हैरानी हुई कि कैग जैसी प्रतिष्ठित संवैधानिक संस्था ऐसी टिप्पणियां कर सकता है जो गलत हैं. ये टिप्पणियां भारत के दिशानिर्देशों के अनुरूप यूटिलाइजेशन सर्टिफिकेट जमा करने की प्रक्रियाओं की उचित जांच के बिना की गई हैं'.
ममता बनर्जी ने लिखा है, 'विभिन्न योजनाओं के लिए यूसी जमा करने को भारत सरकार के संबंधित मंत्रालयों से सत्यापित किया जा सकता है और, यदि आप चाहें, तो मैं आपके अवलोकन के लिए सभी यूसी की प्रतियां प्रधानमंत्री कार्यालय को भेज सकती हूं'. उन्होंने आगे लिखा कि पीएम इस बात की सराहना करेंगे कि ऐसी गलत रिपोर्ट्स भ्रामक तस्वीर पेश करती हैं और दुर्भाग्य से कुछ लोगों द्वारा राज्य की प्रशासनिक मशीनरी के खिलाफ झूठे प्रचार के लिए इसका इस्तेमाल किया जा रहा है.
ममता बनर्जी ने अपने पत्र में लिखा है, 'ऑडिट रिपोर्ट 2002-03 से 2020-21 तक की अवधि को कवर करती हुई प्रतीत होती है. हालांकि, कैग ऑडिट हर साल होता है. और यह स्पष्ट नहीं है कि पिछले लगभग 20 वर्षों में इस मुद्दे को क्यों नहीं उठाया गया. शायद आपको याद हो कि 20 दिसंबर, 2023 को हमारी बैठक के दौरान, यह निर्णय लिया गया था कि पश्चिम बंगाल सरकार को बकाया भुगतान के संबंध में मुद्दों को सुलझाने के लिए भारत सरकार और राज्य सरकार के अधिकारियों के बीच सचिव स्तर की बैठक आयोजित की जाएगी'. उन्होंने पीएम से मामले में हस्तक्षेप का अनुरोध किया है और यह सुनिश्चित करने को कहा है कि पश्चिम बंगाल को केंद्रीय योजनाओं की बकाया राशि आवंटित हो.