सुप्रीम कोर्ट में शख्स ने खुद को बताया आध्यात्मिक गुरु, अदालत ने पूछा- आपको कैसे पता

मामले पर बहस के दौरान चीफ जस्टिस ने शख्स से पूछा कि आपको कैसे पता है कि आप एक आध्यात्मिक गुरु हैं? अदालत ने यह भी पूछा कि क्या लड़की ने कोई शिकायत दर्ज करवाई है कि उसे गलत तरीके से कैद करके रखा गया है.

Advertisement
सुप्रीम कोर्ट सुप्रीम कोर्ट
अनीषा माथुर
  • नई दिल्ली,
  • 18 जनवरी 2021,
  • अपडेटेड 6:42 PM IST
  • 'बालिग महिला अवैध रूप से माता पिता की कैद में'
  • 'शख्स का दावा हमारे साथ रहना चाहती है महिला'

सुप्रीम कोर्ट में सोमवार को एक अजीब मामला सामने आया. यहां एक शख्स ने खुद को अदालत के सामने 'आध्यात्मिक गुरु' बताकर पेश किया. इस शख्स ने अदालत के सामने अपील की कि उसकी 'महिला पार्टनर' को उसके माता पिता ने अवैध रूप से कैद कर रहा है, जबकि वह बालिग है. 

सोमवार को सुप्रीम कोर्ट में एक बन्दी प्रत्यक्षीकरण (Habeas corpus) याचिका की सुनवाई के दौरान इस शख्स ने कहा कि वह 'आध्यात्मिक गुरु' (Spiritual guru) है.  

Advertisement

सीनियर वकील गोपाल शंकरनारायण ने अदालत को कहा कि महिला व्यस्क है, और उसे उसके माता पिता ने अवैध रूप से कैद कर रखा है. वकील गोपाल शंकरनारायण ने कहा कि महिला उसके मुवक्किल की पार्टनर है. महिला ने हाई कोर्ट को अपने बयान में कहा कि वह अपने गुरु के साथ रहना चाहती है. वकील शंकरनारायण के मुताबिक हाई कोर्ट ने गलत तरीके से महिला की कस्टडी उसके माता-पिता को दे दी है. 

देखें: आजतक TV LIVE

मामले पर बहस के दौरान चीफ जस्टिस ने शख्स से पूछा कि आपको कैसे पता है कि आप एक आध्यात्मिक गुरु हैं? अदालत ने यह भी पूछा कि क्या लड़की ने कोई शिकायत दर्ज करवाई है कि उसे गलत तरीके से कैद करके रखा गया है. 

वकील गोपाल शंकरनारायण ने अपना पक्ष रखते हुए कहा कि हाई कोर्ट का फैसला हादिया केस में दिए गए जजमेंट के एकदम खिलाफ है. यदि एक व्यस्क महिला कहती है वो किसी के साथ रहना चाहती है तो उसे इसकी इजाजत दी जानी चाहिए. 

Advertisement

आगे मुख्य न्यायाधीश ने कहा ने कि हाई कोर्ट में इस मामले में 19 तारीख को सुनवाई है, हाई कोर्ट को आदेश जारी करने दीजिए इसके बाद हमलोग इस मामले पर अगले सप्ताह सुनवाई करेंगे. इसके साथ ही सुप्रीम कोर्ट ने मामले को अगले सप्ताह के लिए टाल दिया. 


 

Read more!
Advertisement

RECOMMENDED

Advertisement