
पिछले कई महीनों से संघर्ष झेल रहे मणिपुर (Manipur) में रविवार को पांच जिलों में लोगों ने 42 हथियार और कारतूस जमा किए हैं. इससे पहले भी लोगों ने हथियार जमा किए थे. एक पुलिस अधिकारी ने बताया कि शनिवार को इंफाल पश्चिम और पूर्व, चुराचांदपुर, बिष्णुपुर और तामेंगलोंग जिलों में आग्नेयास्त्र जमा करवाए गए. बिष्णुपुर जिले में 2 पिस्तौल, 6 ग्रेनेड और 75 से ज्यादा कारतूस सहित पांच आग्नेयास्त्र जमा करवाए गए.
तामेंगलोंग जिले के कैमाई पुलिस थाने में 17 देशी बंदूकें, नौ 'पोम्पी' (स्थानीय रूप से निर्मित मोर्टार) और कारतूस जमा किए गए. पुलिस अधिकारी ने बताया कि याइंगंगपोकपी, पोरोमपट, चुराचांदपुर और लामसांग पुलिस थानों में करीब 10 आग्नेयास्त्र और कारतूस जमा किए गए.
जब्त भी किए गए कुछ हथियार
इंफाल पश्चिम जिले के सैरेमखुल में सर्च ऑपरेशन के दौरान शनिवार को 20 राउंड गोला-बारूद से भरी एक मैगजीन के साथ एक इंसास एलएमजी, एक एके-56 राइफल, तीन एसएलआर राइफल, एक एसएमजी 9 एमएम कार्बाइन, एक .303 राइफल, एक डीबीबीएल गन, बिना डेटोनेटर के चार ग्रेनेड, एक चीनी हैंड ग्रेनेड और अन्य सामान भी जब्त किया गया.
सुरक्षा बलों ने कांगपोकपी जिले में थिंगसैट पहाड़ी में मार्क हिल में दो अवैध बंकरों को भी ध्वस्त कर दिया. शनिवार को कांगपोकपी और इंफाल पूर्वी जिलों के पास के इलाके में वाकन पहाड़ी में तीन अन्य अवैध बंकरों को ध्वस्त कर दिया गया.
सूबे में राष्ट्रपति शासन
राज्यपाल अजय कुमार भल्ला ने 20 फरवरी को युद्धरत समूहों से सुरक्षा बलों से लूटे गए हथियारों और अन्य अवैध रूप से रखे गए आग्नेयास्त्रों को 7 दिनों के अंदर खुद से जमा करने का निर्देश दिया था. सात दिनों की अवधि के दौरान, मुख्य रूप से घाटी के जिलों में 300 से ज्यादा आग्नेयास्त्रों को जनता द्वारा आत्मसमर्पण किया गया.
बाद में, उन्होंने पहाड़ी और घाटी दोनों इलाकों के लोगों द्वारा अतिरिक्त वक्त की मांग के बाद लूटे गए और अवैध आग्नेयास्त्रों को जमा करने की समय सीमा 6 मार्च शाम 4 बजे तक बढ़ा दी.
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2023 से जारी है हिंसा
मई 2023 से अब तक मैतेई और कुकी-ज़ो समूहों के बीच जातीय हिंसा में 250 से ज़्यादा लोग मारे जा चुके हैं और हज़ारों लोग बेघर हो गए हैं. मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह के इस्तीफ़ा देने के बाद 13 फ़रवरी को केंद्र सरकार ने राज्य में राष्ट्रपति शासन लगा दिया था. इसके साथ ही राज्य विधानसभा को निलंबित कर दिया गया है.
(एजेंसी के इनपुट के साथ)