
मंगलवार शाम करीब 6.20 बजे हथियारबंद बदमाशों ने इंफाल पश्चिम के एडिशनल एसपी अमित मायेंगबाम के आवास पर हमला कर दिया. हमले के कारण इंफाल पश्चिम के वांगखेई इलाके में तनाव पैदा हो गया है. यहीं अतिरिक्त एसपी का आवास स्थित है. हमले में आवास के परिसर में खड़े चार वाहन क्षतिग्रस्त हो गए. खबर यह भी है कि एडिशनल एसपी के सुरक्षा गार्डों और हथियारबंद बदमाश के बीच फायरिंग भी हुई. हालांकि, हमले के अपराधियों और इसके पीछे के मकसद का अभी तक पता नहीं चल पाया है. प्रारंभिक रिपोर्ट के अनुसार, क्षेत्र में स्थिति तनावपूर्ण बनी हुई है, सुरक्षा बल फिलहाल स्थिति को स्थिर करने के लिए काम कर रहे हैं.
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गौरतलब है कि फरवरी महीने के मध्य में मणिपुर के चुराचांदपुर में एक बार फिर हिंसा भड़क गई थी. उग्र भीड़ ने पुलिस अधीक्षक और जिला कलेक्टर कार्यालयों पर धावा बोला था. सुरक्षा बलों ने भीड़ को काबू करने के लिए फायरिंग की, जिसमें कम से कम दो लोग मारे गए और 42 लोग घायल हो गए थे. हिंसा के ताजा मामलों के बाद राज्य सरकार ने कुकी-बाहुल्य चुराचांदपुर जिले में इंटरनेट सेवा पांच दिनों के लिए सस्पेंड कर दिया था. भीड़ ने मिनी सचिवालय के नाम से जाने जाने वाले कॉम्प्लेक्स के पास खड़े सुरक्षा बलों के वाहनों के साथ-साथ कलेक्टर के आवास को भी जला दिया था.
क्यों भड़की थी हिंसा
दरअसल, कुकी हेड कांस्टेबल को सस्पेंड करने बाद हिंसा शुरू हो गई. आदिवासी कुकी समुदाय के एक पुलिस हेड कांस्टेबल के निलंबन की रिपोर्ट सामने आने के बाद हिंसक भीड़ पुलिस अधीक्षक कार्यालय के बाहर जमा हो गई. हेड कांस्टेबल को 'हथियारबंद लोगों' और 'ग्राम स्वयंसेवकों' के साथ उसका एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल होने के बाद निलंबित कर दिया गया था.
चुराचांदपुर के पुलिस अधीक्षक शिवानंद सुर्वे ने मणिपुर के 'अनुशासित पुलिस बल' के एक सदस्य द्वारा 'गंभीर अनुशासनहीनता' का हवाला देते हुए हेड कांस्टेबल के निलंबन का आदेश जारी किया था. बता दें कि कुकी और मैतेई दोनों समुदायों ने मणिपुर के उन जिलों में एंट्री और एग्जिट पॉइंट्स पर बैरिकेड्स लगाए हैं जहां वे बहुमत में हैं. हथियारबंद लोग जो खुद को 'ग्राम रक्षा स्वयंसेवक' कहते हैं, इन चौकियों की सुरक्षा कर रहे हैं.