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'कोई बड़ा नेता नहीं आया', भीड़ का शिकार हुए मणिपुर के बीजेपी MLA की पत्नी बोलीं 

इंफाल में बीजेपी के विधायक वुंगजागिन वाल्टे पर गुस्साई भीड़ ने हमला कर दिया था. ये हमला उस समय हुआ जब वह मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह से मुलाकात कर विधायक राज्य सचिवालय से लौट रहे थे. वाल्टे कुकी जनजाति से आते हैं और एक आदिवासी विधायक हैं. उनका इलाज दिल्ली के अपोलो अस्पताल में चल रहा है.

दिल्ली के अपोलो अस्पताल में भर्ती हैं बीजेपी विधायक दिल्ली के अपोलो अस्पताल में भर्ती हैं बीजेपी विधायक
अनमोल नाथ/इंद्रजीत कुंडू
  • इंफाल,
  • 25 जुलाई 2023,
  • अपडेटेड 12:18 PM IST

मणिपुर में जब हिंसा की शुरुआत हुई थी, उसके अगले ही दिन बीजेपी विधायक वुंगजागिन वाल्टे पर भीड़ ने हमला कर दिया था, जिसमें वह गंभीर रूप से घायल हो गए थे, जिसके बाद उनके इलाज के लिए परिवार दिल्ली आ गया था और उन्हें इंद्रप्रस्थ अपोलो अस्पताल में भर्ती कराया गया था. अब उनकी हालत में सुधार है, लेकिन उनकी पत्नी ने कहा कि इस दौरान बीजेपी का कोई बड़ा नेता उनके पति से मुलाकात करने के लिए नहीं आया. 

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हिंसा के दौरान राजधानी इंफाल में बीजेपी के विधायक वुंगजागिन वाल्टे पर गुस्साई भीड़ ने हमला कर दिया था. ये हमला उस समय हुआ जब वह मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह से मुलाकात कर विधायक राज्य सचिवालय से लौट रहे थे. वाल्टे कुकी जनजाति से आते हैं और एक आदिवासी विधायक हैं.  

वाल्टे इस समय दिल्ली के इंद्रप्रस्थ अपोलो अस्पताल में भर्ती हैं, उनकी हालत में काफी सुधार हुआ है. उनकी पत्नी माइनु वाल्टे ने आजतक से बात करते हुए उस दर्दनाक घटना के बारे में बताया, जिसने उनके पूरे परिवार को झकझोर कर रख दिया था.  

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माइनु वाल्टे ने इस दौरान निराशा जताई कि बीजेपी विधायक होने के बावजूद इलाज के दौरान पति से किसी भी बड़े नेता ने मुलाकात नहीं की. उन्होंने दुख जताते हुए कहा, "मणिपुर विधानसभा में बहुत सारे आदिवासी विधायक हैं, लेकिन केवल तीन ही मेरे पति से मिलने आए." 

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वुंगजागिन वाल्टे के बेटे जोसेफ ने मणिपुर में चल रही जातीय हिंसा और आम लोगों की सुरक्षा को लेकर चिंता जताई. उन्होंने जोर देकर कहा, "अगर मेरे पिता, एक विधायक, राज्य में सुरक्षित नहीं थे, तो आप एक आम आदमी की स्थिति की कल्पना कर सकते हैं." जोसेफ ने यह भी दावा किया कि उनके पिता पर हमले के पीछे कट्टरपंथी मैतेई ग्रुप आरामबाई तेंगगोल का हाथ था.  

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अपने पिता पर हुए हमले के बारे में बताते हुए जोसेफ ने खुलासा किया, "उन्होंने मेरे पिता के सिर पर कई बार तेज वस्तुओं से हमला किया. उनके चेहरे पर भी चोटें थीं, इसके अलावा सिर पर किसी चीज से वार किया गया था. उन्हें न केवल पीटा गया था, बल्कि इतनी बुरी तरह बिजली का झटका दिया गया था कि वह वर्तमान में दो मिनट भी अपने आप बैठने में असमर्थ हैं. उन्होंने अपनी बोलने की क्षमता और याददाश्त खो दी है. डॉक्टरों का अनुमान है कि उन्हें ठीक होने में दो महीने से अधिक समय लगेगा." 

जब तक नहीं सुधरेंगे हालात, नहीं जाएंगे: जोसेफ 

डर और सुरक्षा को लेकर इस परिवार ने वहां के हालात में सुधार होने तक इंफाल नहीं लौटने का फैसला किया है. जोसेफ ने बताया, "उन्होंने (मैतेई) हमें अलग-थलग कर दिया. हमने खुद को अलग नहीं किया है, लेकिन उन्होंने आदिवासियों को वहां से चले जाने के लिए कहा है." 

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माल्टे की पत्नी बोलीं- पति को देखकर आते हैं आंसू 

माइनु वाल्टे ने उस दर्दनाक दिन को याद करते हुए कहा जब उनके पति पर हमला हुआ था. उन्होंने कहा, "इंफाल में जातीय झड़पें हो रही थीं और कई आदिवासियों ने हमारे घर में शरण ली थी. अचानक मेरे पति का पीएसओ आया और हमें घटना के बारे में बताया. जब मैं अपने पति को पीड़ित देखती हूं तो मेरी आंखों में आंसू आ जाते हैं." 

जनजातीय मामलों में CM के सलाहकार हैं वाल्टे 

वुंगजागिन वाल्टे को राज्य के प्रमुख आदिवासी नेताओं में से एक के रूप में माना जाता है. वह वर्तमान में जनजातीय मामलों पर सीएम बीरेन सिंह के सलाहकार के रूप में कार्यरत हैं और पिछली सरकार में जनजातीय मामलों और पहाड़ी मंत्री का पद संभाला था.  

MNF ने कहा- मणिपुर में लगे राष्ट्रपति शासन 

वहीं मिजोरम की सत्तारूढ़ पार्टी मिजो नेशनल फ्रंट, जोकि एनडीए में भी शामिल है, वह मणिपुर में केंद्र सरकार की भूमिका से खुश नहीं है. गृह मंत्री लालचामलियाना ने कहा कि हम एनडीए में हैं, लेकिन उसकी सभी नीतियों से सहमत नहीं हैं. उन्होंने कहा कि मणिपुर को लेकर केंद्र सरकार को ज्यादा गंभीर होना चाहिए. वहां राष्ट्रपति शासन लगाना चाहिए. केंद्र को नागरिकों को हथियार उठाने पर नियंत्रित करना चाहिए. 

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