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मणिपुर के सीएम बीरेन सिंह ने दिया इस्तीफा, MHA का आदेश- हाईअलर्ट पर रहें सुरक्षा एजेंसियां

मणिपुर में राजनीतिक हलचल बढ़ गई है, सूबे के सीएम एन बीरेन सिंह ने सीएम पद से इस्तीफा दे दिया है. बीरेन सिंह थोड़ी देर पहले ही बीजेपी सांसद संबित पात्रा, मणिपुर सरकार के मंत्री और विधायकों के साथ राज्यपाल से मुलाकात करने राजभवन पहुंचे थे. इस फैसले से पहले बीरेन सिंह ने आज ही दिल्ली में केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह से भी मुलाकात की थी. 

मणिपुर के सीएम बीरेन सिंह ने पद से इस्तीफा दे दिया है मणिपुर के सीएम बीरेन सिंह ने पद से इस्तीफा दे दिया है
इंद्रजीत कुंडू/मंजीत नेगी/आशुतोष मिश्रा
  • इम्फाल,
  • 09 फरवरी 2025,
  • अपडेटेड 7:02 PM IST

मणिपुर में राजनीतिक हलचल बढ़ गई है, सूबे के सीएम एन बीरेन सिंह ने सीएम पद से इस्तीफा दे दिया है. बीरेन सिंह थोड़ी देर पहले ही बीजेपी सांसद संबित पात्रा, मणिपुर सरकार के मंत्री और विधायकों के साथ राज्यपाल से मुलाकात करने राजभवन पहुंचे थे. इस फैसले से पहले बीरेन सिंह ने आज ही दिल्ली में केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह से भी मुलाकात की थी. इसी बीच गृह मंत्रालय ने सभी सुरक्षा एजेंसियों को हाईअलर्ट पर रहने के लिए कहा है. एन. बीरेन सिंह ने सोमवार को विधानसभा में पेश होने वाले अविश्वास प्रस्ताव से पहले सीएम पद से इस्तीफा दे दिया है.

लंबे समय से बीरेन सिंह को लेकर बीजेपी विधायकों में भी नाराजगी चल रही थी. मणिपुर में बीजेपी के 19 विधायकों ने पिछले साल अक्टूबर के महीने में एन बीरेन सिंह को सीएम पद से हटाने की मांग करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को चिट्ठी भेजी थी. इस चिट्ठी पर साइन करने वालों में विधानसभा अध्यक्ष थोकचोम सत्यव्रत सिंह, मंत्री थोंगम विश्वजीत सिंह और युमनाम खेमचंद सिंह का नाम भी शामिल था. चिट्ठी में कहा गया था कि मणिपुर के लोग बीजेपी सरकार से सवाल कर रहे हैं कि राज्य में अभी तक शांति क्यों नहीं बहाल हुई है. अगर जल्द समाधान नहीं निकला, तो विधायकों से इस्तीफा देने की मांग भी की जा रही है.

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विपक्ष के निशाने पर भी थे बीरेन सिंह 

राज्य में जातीय हिंसा को लेकर बीरेन सिंह के खिलाफ कड़ा रोष था. नाराज विधायकों की चिट्ठी से पहले बीरेन सिंह ने पद छोड़ने से साफ इनकार कर दिया था. उन्होंने कहा था कि 'मैं इस्तीफा क्यों दूं? क्या मैंने कुछ चुराया है? क्या मेरे खिलाफ किसी घोटाले का आरोप है? क्या मैंने राष्ट्र या राज्य के खिलाफ काम किया है?' बीरेन सिंह जातीय हिंसा को लेकर विपक्ष के निशाने पर भी थे. कुकी संगठन उन पर जातीय हिंसा में मैइई समुदाय का पक्ष लेने का आरोप लगा रहा था, 

मणिपुर में 2 साल से जारी था हिंसा का दौर 

बता दें कि मणिपुर में हिंसा लंबे समय से एक गंभीर मुद्दा बना हुआ था. सूबे में मैतेई और कुकी समुदायों के बीच तनाव बढ़ने के कारण कई बार हिंसक झड़पें हुई थीं, जिससे सैकड़ों लोगों की जान जा चुकी है और हजारों को अपने घर छोड़ने पर मजबूर होना पड़ा है. मैतेई और कुकी समुदायों के बीच लंबे समय से जमीन, आरक्षण और राजनीतिक प्रतिनिधित्व को लेकर विवाद चल रहा है. इसी बीच एक समुदाय राज्य में सरकार पर पक्षपातपूर्ण रवैया अपनाने का आरोप लगाता रहा है. राज्य में बीते कुछ महीनों में बड़े पैमाने पर झड़पें हुई हैं, जिसमें कई लोग हताहत हुए हैं, केंद्र सरकार ने हालात को काबू में करने के लिए अतिरिक्त सुरक्षा बलों की तैनाती की है.

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