
मणिपुर के मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह ने मौजूदा संकट को लेकर कांग्रेस द्वारा राज्य सरकार की आलोचना पर सवाल उठाया है. उन्होंने पूछा, 'क्या प्रधानमंत्री पीवी नरसिम्हा राव ने 1992-97 में नागा और कुकी के बीच जातीय संघर्ष के दौरान मणिपुर का दौरा किया था? क्या प्रधानमंत्री 1993-97 में पैते और कुकी के बीच जातीय संघर्ष के दौरान यहां आए थे, जिसमें 300 से अधिक निर्दोष लोगों की जान चली गई थी. तो वे राजनीति क्यों कर रहे हैं.'
मुख्यमंत्री सचिवालय में गुरुवार को मीडिया ब्रीफिंग में उन्होंने विपक्ष की ईमानदारी पर सवाल उठाया और उन पर मणिपुर के हितों को प्राथमिकता देने में विफल रहने का आरोप लगाया. सीएम बीरेन ने कहा, 'हम वर्तमान संघर्ष का ठोस समाधान चाहते हैं. यह महज एक राजनीतिक मुद्दा नहीं है. यह कांग्रेस द्वारा पैदा की गई एक पुरानी समस्या है. वे ही हैं जिन्होंने इन मुद्दों को जन्म दिया और अब वे हमें दोषी ठहरा रहे हैं. भगवान ही नहीं, यहां तक कि लोग भी उन्हें माफ नहीं करेंगे.'
'किरेन रिजिजू की टिप्पणी को निजी राय'
केंद्रीय मंत्री किरेन रिजिजू की टिप्पणियों पर मुख्यमंत्री एन बीरेन ने कहा कि राज्य की स्थिति की जटिलताओं से हर कोई पूरी तरह वाकिफ नहीं है. उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि इस मुद्दे से करीबी से जुड़े लोग, जैसे कि केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह, जमीनी हकीकत को समझते हैं.
सीएम बीरेन ने रिजिजू की टिप्पणी को निजी राय और जनरल ऑब्जर्वेशन बताया. बता दें कि पिछले गुरुवार को केंद्रीय मंत्री किरेन रिजिजू ने कहा था कि मणिपुर में समस्या भाजपा के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार के खिलाफ विद्रोह नहीं है, बल्कि दो प्रमुख समूहों- मैतेई और कुकी के बीच जातीय संघर्ष है.
'सोशल मीडिया पर बर्दाश्त नहीं हेटस्पीच'
मुख्यमंत्री ने राज्य में सोशल मीडिया यूजर्स से जिम्मेदारी के साथ काम करने अथवा 'देश के कानून' के तहत परिणाम भुगतने की चेतावनी दी. उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि सरकार हेटस्पीच, सांप्रदायिक तनाव भड़काने वाला कंटेंट या किसी के निजी जीवन को टारगेट करने वाली और परिवारों पर बुरा असर डालने वाले कंटेंट को बर्दाश्त नहीं करेगी.