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'टेररिस्ट्स से सॉरी क्यों कहूंगा...मैंने हिंसा पीड़ित निर्दोष लोगों से माफी मांगी...', बोले मणिपुर CM बीरेन सिंह

मणिपुर के मुख्यमंत्री बीरेन सिंह ने कहा कि मैंने हिंसा में अपनों को खो चुके लोगों और इसकी वजह से विस्थापित हुए लोगों से माफी मांगी है. मैं टेररिस्ट्स माफी क्यों मांगूंगा. उनसे माफी मांगने का सवाल ही नहीं उठता.

मणिपुर के मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह. (PTI Photo) मणिपुर के मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह. (PTI Photo)
बेबी शिरीन
  • इंफाल,
  • 03 जनवरी 2025,
  • अपडेटेड 1:04 PM IST

मणिपुर हिंसा को लेकर मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह की माफी चर्चा में बनी हुई है. सीएम बीरेन सिंह की इसे लेकर आलोचना भी हो रही है. लेकिन अब उन्होंने अपनी माफी पर स्पष्टीकरण दिया है.

बीरेन सिंह ने कहा कि मैंने हिंसा में अपनों को खो चुके लोगों और इसकी वजह से विस्थापित हुए लोगों से माफी मांगी है. मैं टेररिस्ट्स माफी क्यों मांगूंगा. उनसे माफी मांगने का सवाल ही नहीं उठता.

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उन्होंने मीडियाकर्मियों से कहा कि विपक्ष सूर्य को चांद कहेगा तो इसमें हम क्या कर सकते हैं. उनकी कोई विचारधारा नहीं है. राज्य में जो हुआ, उसे लेकर मैं दुख में था जिस वजह से मैंने माफी मांगी. मेरी माफी हिंसा में अपनों को खो चुके लोगों के लिए थी. मैंने मानवीय स्तर पर माफी मांगी. मैं टेररिस्ट्स से सॉरी क्यों कहूंगा? मैं निर्दोष लोगों से माफी मांगी है, जिन्होंने अपनों को खोया है.

बता दें कि बीरेन सिंह ने 3 मई, 2023 से हो रही हिंसा के लिए राज्य के लोगों से माफी मांगी थी. उन्होंने मणिपुर की आबादी के सभी वर्गों से अपील की थी कि वे भविष्य में शांति और सद्भाव के लिए प्रयास करते हुए आने वाले नए साल में अतीत को माफ कर दें और भूल जाएं. उन्होंने यह टिप्पणी मंगलवार को राजधानी इंफाल में अपने आवास पर सरकार के विकास कार्यों और उपलब्धियों तथा आगामी वर्ष के लिए उसकी योजनाओं पर प्रकाश डालते हुए की थी. 

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उन्होंने कहा था कि मणिपुर आंतरिक और बाहरी दोनों तरह से अवैध प्रवासियों के मुद्दे से जूझ रहा है. सरकार आवश्यक इनर लाइन परमिट के बिना राज्य में प्रवेश करने वाले अवैध प्रवासियों की पहचान करने के अपने प्रयास जारी रखे हुए है. अवैध अप्रवासियों के संबंध में, बायोमेट्रिक रजिस्ट्रेशन प्रक्रिया जारी है. अवैध प्रवासियों की समस्या को समाप्त करने के लिए, आधार-लिंक्ड बर्थ रजिस्ट्रेशन जनवरी 2025 से शुरू किया जाएगा. पहले चरण में यह व्यवस्था तीन जिलों में लागू की जाएगी और अगले साल 15 जनवरी को लॉन्च की जाएगी. जन्म पंजीकरण अनिवार्य कर दिया जाएगा और हर 5 साल में अपडेट कराना होगा.

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