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कांग्रेस भवन में रविवार को एक शोक सभा आयोजित की गई, जिसमें पूर्व प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह को उनकी देश के लिए और योगदान को लेकर श्रद्धांजलि अर्पित की गई. मणिपुर में उनके द्वारा किए गए विकास कार्यों की भी चर्चा की गई. इस मौके पर कांग्रेस विधायक दल के नेता ओकराम इबोबी सिंह और राज्य कांग्रेस अध्यक्ष केशाम मेघाचंद्र ने भी उनके कामों को याद किया.
मनमोहन सिंह का मणिपुर के विकास में योगदान!
ओकराम इबोबी सिंह ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि डॉ. मनमोहन सिंह के नेतृत्व में, उत्तर पूर्व क्षेत्र खासतौर से मणिपुर में बहुत बड़ा विकास किया गया. उन्होंने कहा, "डॉ. मनमोहन सिंह ने मणिपुर से बहुत प्रेम किया और राज्य को विशेष श्रेणी का दर्जा देने की आवश्यकता को पहचाना. इसके तहत राज्य को वित्तीय सहायता प्रदान की गई, जिससे कई आधारभूत संरचनाओं का विकास हुआ."
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उन्होंने कहा, "इसके अंतर्गत नए विधानसभा भवन और उच्च न्यायालय भवन का निर्माण हुआ. पहाड़ी जिलों में भी जिला प्रशासन की रीढ़ मानी जाने वाली सुविधाओं, जैसे कि जिला अस्पतालों का निर्माण किया गया. कई पावर सब-स्टेशनों का भी निर्माण हुआ."
मनमोहन सिंह ने मणिपुर से अफस्पा हटाया- केशाम मेघाचंद्र
राज्य कांग्रेस अध्यक्ष केशाम मेघाचंद्र ने कहा, "डॉ. मनमोहन सिंह मणिपुर के इतिहास में याद किए जाएंगे. उन्होंने मणिपुर से अफस्पा को हटाया, जब इसे सात विधानसभा क्षेत्रों से हटाया गया और कांगला किले को राज्य की जनता के हवाले कर दिया गया. ये दोनों मांगें लंबे समय से चली आ रही थीं."
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मेघाचंद्र ने आगे कहा, "उन्होंने ढांचागत सुधारों को शुरू किया और पुनर्गठन किया. आज का भारत और आज का मणिपुर डॉ. मनमोहन सिंह के योगदान का परिणाम है." इस शोक सभा में बड़ी संख्या में कांग्रेसी नेता और गणमान्य व्यक्ति उपस्थित थे, जिन्होंने डॉ. मनमोहन सिंह के योगदान को याद किया और उनके लिए प्रार्थना की. सभा में उनके योगदान और विचारधारा को जीवित रखने की प्रतिज्ञा की गई.