
सरकारी प्रतिबंधों के बावजूद शनिवार को कुकी आबादी वाले इलाकों में विशाल जनसभा की गई. कुकी आबादी वाले इलाकों में आयोजित जनसभा में चुराचनपुर और कांगपोकपी जिलों में लोगों की भारी भीड़ देखी गई. आयोजकों ने इस रैली को 'नरसंहार और जातीय सफाया' के खिलाफ अपना विरोध जताने और 'अलग प्रशासन' की अंतिम मांग को आगे बढ़ाने का आह्वान बताया.
यह रैली मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह के कथित तौर पर वायरल ऑडियो क्लिप के मद्देनजर भी आयोजित की गई थी, जिसमें कथित तौर पर राज्य में संघर्ष के संबंध में कुछ आपत्तिजनक टिप्पणियां की गई थीं. हालांकि मणिपुर सरकार ने कहा था कि ऑडियो टेप से 'छेड़छाड़' किए गए थे और राज्य पुलिस इसकी जांच कर रही है. चुराचांदपुर में विरोध रैली लीशांग में एंग्लो कुकी वॉर एंट्री से शुरू हुई और तुइबोंग में शांति मैदान तक चली, जिसमें 6 किलोमीटर की दूरी तय की गई.
जोमी छात्र संघ और कुकी छात्र संगठन सहित चुराचांदपुर में स्थित छात्र निकायों द्वारा आयोजित रैली के तहत जिले के सभी बाजार, स्कूल बंद रहे. शुक्रवार को राज्य सरकार द्वारा एक 'सार्वजनिक अपील' जारी करने के बावजूद सरकारी कार्यालयों में उपस्थिति कम रही, जिसमें कहा गया था कि 'राज्य और केंद्र सरकार के संस्थानों के प्रमुख घोषित रैली समय के दौरान अपने संस्थानों को सामान्य रूप से संचालित करने के लिए आवश्यक निर्देश जारी करें.'
आयुक्त (गृह) एन अशोक कुमार द्वारा जारी सार्वजनिक अपील में आम जनता से व्यापारिक प्रतिष्ठान, सरकारी कार्यालय और निजी संस्थान खुले रखने का आग्रह किया गया. कांगपोकपी जिले में सैकड़ों प्रदर्शनकारियों ने कीथेलमैनबी मिलिट्री कॉलोनी से जिला मुख्यालय के थॉमस ग्राउंड तक कम से कम 8 किलोमीटर की दूरी तय करते हुए रैली निकाली.
साथ ही रैली के जवाब में मणिपुर के घाटी जिलों में काम बंद होने और हड़ताल से दैनिक जीवन अस्त-व्यस्त हो गया. जिससे पूरे क्षेत्र में बिजनेस, स्कूल और संस्थान प्रभावित हुए. हड़ताल का असर घाटी के कई हिस्सों पर पड़ा है, लेकिन स्थिति शांतिपूर्ण रही और कहीं से भी किसी अप्रिय घटना की खबर नहीं आई.