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मणिपुर में तनाव की स्थिति लगातार बनी हुई है. राज्य के कई हिस्सों में गुरुवार को एक बार फिर हिंसक प्रदर्शन हुए. इस दौरान बुधवार से अब तक कुल पांच लोगों की मौत हो गई है जबकि बीएसेफ के तीन जवान घायल हो गए हैं.
इससे पहले बुधवार सुबह तेंगनोपल में हथियारबंद मिलिटेंट्स के हमले में दो पुलिसकर्मियों की मौत हो गई थी जबकि छह घायल हो गए थे. इस वजह से बीते दो दिनों में मरने वालों की संख्या बढ़कर सात हो गई जबकि अब तक कुल नौ लोग घायल हुए हैं.
कल उग्रवादियों के हमले में शहीद हुए थे दो जवान
इससे पहले 17 जनवरी की सुबह सशस्त्र उग्रवादियों ने मोरेह और टेंग्नौपाल जिले में ग्रेनेड और अन्य विस्फोटकों का उपयोग करके राज्य सुरक्षा बलों पर हिंसक हमला किया. इस घटना में, 6वीं मणिपुर राइफल्स के जवान वांगखेम सोमोरजीत मीतेई ड्यूटी के दौरान शहीद हो गए. मणिपुर 10वीं आईआरबी के एक और पुलिस कर्मी तखेल्लमबम सिलेशवर सिंह मोरेह में सशस्त्र उग्रवादियों के हमले में भी शहीद हो गए.
इस हमले में 6 अन्य पुलिस कर्मियों को चोटें आई हैं. घायल जवानों की पहचान मोहम्मद कमल हसन, सोंगसुआथुई ऐमोल, मोहम्मद अब्दुल हासिम, नगासेपम विम, सिदार्थ थोकचोम और केके प्रेमानंद के रूप में हुई है. इस हमले में 6 अन्य पुलिस कर्मियों को चोटें आई हैं. घायल जवानों की पहचान मोहम्मद कमल हसन, सोंगसुआथुई ऐमोल, मोहम्मद अब्दुल हासिम, नगासेपम विम, सिदार्थ थोकचोम और केके प्रेमानंद के रूप में हुई है.
मणिपुर में पिछले साल 3 मई को भड़की थी हिंसा
राज्य पुलिस ने आगे बताया कि उसके जवान मणिपुर के विभिन्न क्षेत्रों में सुरक्षा के साथ-साथ लॉ एंड ऑर्डर भंग करने वाले तत्वों से सख्ती से निपट रहे हैं. मणिपुर में पिछले साल 3 मई को घाटी-बहुसंख्यक मैतेई और पहाड़ी-बहुसंख्यक कुकी के बीच जातीय झड़पें हुई थीं, जिसेके बाद से राज्य में हिंसा का दौर जारी है. मणिपुर में जातीय हिंसा में अब तक 180 से अधिक लोग मारे जा चुके हैं, जबकि हजारों लोग विस्थापित हुए हैं.