
मणिपुर में महिलाओं के साथ हुई हैवानियत से पूरा देश शर्मसार है. ये ऐसी घटना पर है, जिसे देखकर इंसानियत की रूह कांप उठी है, देशवासियों का खून खौल उठा है. इस मामले में बंगाल की सीएम ममता बनर्जी ने बीजेपी को घेरा है.
बंगाल सीएम बोलीं कि मणिपुर की घटना दुखद और बेहद शर्मनाक है. उन्होंने कहा कि हमारा दिल रो रहा है. यह अपमानजनक है, भारत यह लड़ाई लड़ रहा है. भारत का मतलब है मणिपुर, शांति, एकता. उन्होंने बीजेपी पर निशाना साधते हुए कहा कि ये लोग संत्रास (हिंसा) के सौदागर हैं.
बता दें कि मणिपुर में जातीय हिंसा के दौरान 4 मई को 2 महिलाओं को निर्वस्त्र करके घुमाया गया, उनकी पिटाई की गई. सामूहिक दुष्कर्म हुआ. विरोध कर रहे पीड़ित के भाई की हत्या उसके सामने कर दी गई.
ममता ने कहा कि हम महिलाओं का सम्मान करते हैं, लेकिन इस वीडियो को देखकर बहुत दुख हो रहा है. बीजेपी हमें गाली देती है, लेकिन उन महिलाओं के बारे में बीजेपी का क्या कहना है? ममता ने कहा कि भारत अत्याचार के खिलाफ लड़ाई लड़ रहा है. भारत मणिपुर के पक्ष में है. हम कुछ मुख्यमंत्रियों के साथ मणिपुर का दौरा करना चाहते हैं. अगर सभी पार्टियां चाहेंगी तो ऐसा हो सकता है. उन्होंने कहा कि हालांकि मैंने केंद्र को लिखा था कि मुझे पहले मणिपुर जाने दिया जाए, लेकिन अनुमति नहीं दी गई.
ममता ने कहा कि देश को उपद्रवियों के ऐसे अमानवीय कृत्यों की निंदा करने और पीड़ितों को न्याय दिलाने के लिए एकजुट होना चाहिए. उन्होंने कहा कि मणिपुर में उन्मादी भीड़ द्वारा 2 महिलाओं के साथ किए गए क्रूर व्यवहार को दिखाने वाले भयावह वीडियो को देखकर दिल टूट गया है. हाशिए पर मौजूद महिलाओं पर हुई हिंसा को देखने के दर्द और पीड़ा को शब्दों में व्यक्त नहीं किया जा सकता है. बर्बरता का यह कृत्य समझ और मानवता से परे है.
वहीं, झारखंड के सीएम हेमंत सोरेन ने कहा कि एक तरफ देश को विश्वगुरु बनाने की बात हो रही, दूसरी तरफ मणिपुर से भयानक मंजर देखने को मिल रहा है.
हंगामे के बाद पीएम मोदी का भी इसपर बयान आया था. उन्होंने कहा कि मेरा हृदय पीड़ा से भरा है. इस मामले के गुनहगार बख्शे नहीं जाएंगे.
मणिपुर में क्यों हो रहा विवाद?
मणिपुर में मैतेई समुदाय जनजाति का दर्जा मांग रहा है. इसपर विचार के लिए हाईकोर्ट ने सरकार को आदेश भी दिया था. लेकिन कोर्ट से इस फैसले से नगा और कुकी जनजाति समुदाय भड़क गए. फिर उन्होंने प्रदर्शन किया, जिसके बाद गतिरोध बढ़ता गया और इसने हिंसा का रूप ले लिया.