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मणिपुर में फिर बिगड़ते जा रहे हालात, प्रदर्शनकारियों ने बीजेपी दफ्तर को लगाई आग

उग्र भीड़ ने गुरुवार को थौबल जिले में बीजेपी मंडल कार्यालय को आग लगा दी. सूचना मिलने पर मौके पर पहुंचे सुरक्षाबलों ने आग पर काबू पाया. हालांकि तब तक कार्यालय में रखा सामान जलकर खाक हो चुका था. इस घटना में कोई हताहत नहीं हुआ है. पुलिस ने आगे की जांच शुरू कर दी है.

मणिपुर में बीजेपी दफ्तर में भीड़ ने लगाई आग मणिपुर में बीजेपी दफ्तर में भीड़ ने लगाई आग
aajtak.in
  • इंफाल,
  • 27 सितंबर 2023,
  • अपडेटेड 11:34 PM IST

मणिपुर में एक फिर हालात बिगड़ते जा रहे हैं. मैतेई और कुकी समुदायों के बीच शुरू हुई हिंसा थमने का नाम नहीं ले रही है. एक तरफ पहाड़ी इलाकों में AFSPA 6 महीने के लिए बढ़ा दी गई है तो वहीं प्रदर्शनकारियों ने बीजेपी दफ्तर को आग लगा दी है. दरअसल, गुरुवार को उग्र भीड़ ने थौबल जिले में बीजेपी मंडल कार्यालय को आग लगा दी. सूचना मिलने पर मौके पर पहुंचे सुरक्षाबलों ने आग पर काबू पाया. हालांकि तब तक कार्यालय में रखा सामान जलकर खाक हो चुका था. इस घटना में कोई हताहत नहीं हुआ है. पुलिस ने आगे की जांच शुरू कर दी है.

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यह पहली बार नहीं है जब जातीय तनाव के बीच बीजेपी दफ्तर पर हमला हुआ है. इससे पहले जून में थौबल जिले में तीन बीजेपी दफ्तरों में उपद्रवियों ने तोड़फोड़ की थी. इस दौरान भीड़ ने कार्यालय के गेट, खिड़कियां और परिसर में खड़ी एक कार के शीशे तोड़ दिए थे. 

बता दें कि छह जुलाई से लापता दो छात्रों की हत्या के विरोध में बुधवार को स्थानीय लोगों ने प्रदर्शन किया. इस बीच स्थानीय प्रदर्शनकारियों और आरएएफ सुरक्षाकर्मियों के बीच मंगलवार रात को झड़प हुई. भीड़ को काबू में करने के लिए सुरक्षाबलों ने प्रदर्शनकारियों पर आंसू गैस के गोले दागे और लाठीचार्ज किया. इस घटना में 45 लोग घायल हो गए जिनमें अधिकतर छात्र हैं.

दोनों छात्रों की हत्या के मामले की जांच सीबीआई को सौंप दी गई है. सीबीआई निदेशक अजय भटनागर अपनी टीम के साथ बुधवार को इम्फाफल पहुंच गए हैं. इस मामले पर मुख्यमंत्री बीरेन सिंह लगातार केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह के संपर्क में बने हुए हैं. सुरक्षाकर्मियों को अलर्ट पर रखा गया है. 

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वहीं मणिपुर सरकार ने राज्य के पहाड़ी इलाकों में AFSPA की अवधि एक अक्तूबर से छह महीने के लिए बढ़ा दी है. हालांकि, घाटी के 19 पुलिस स्टेशनों को इसमें शामिल नहीं किया गया है. आधिकारिक अधिसूचना में कहा गया है कि मणिपुर के 19 पुलिस स्टेशनों के अधिकार क्षेत्र में आने वाले क्षेत्रों को छोड़कर पूरे मणिपुर को अशांत क्षेत्र के रूप में घोषित करने की मंजूरी दी गई है. यह फैसला फिलहाल एक अक्तूबर 2023 से छह महीने की अवधि तक के लिए प्रभावी होगा. जिन थाना क्षेत्रों में अशांत क्षेत्र अधिनियम लागू नहीं किया गया है, उनमें इम्फाल, लाम्फेल, शहर, सिंगजामेई, सेकमई, लामसांग, पास्टल, वांगोई, पोरोम्पट, हीनगांग, लामलाई, इरिबुंग, लीमाखोंग, थौबल, बिष्णुपुर, नामबोल, मोइरांग, काकचिन और जिरबम शामिल हैं.

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