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14 इम्प्रोवाइज्ड मोर्टार, गोले-बारूद के ढेर... मणिपुर में चला सर्च ऑपरेशन तो मिला हथियारों का जखीरा

थौबल में भी इसी तरह के एक ऑपरेशन में असम राइफल्स और थौबल पुलिस की एक संयुक्त टीम ने 15 सितंबर को क्वारोक मारिंग में एक तलाशी अभियान चलाया था. संदिग्ध स्थान की तलाशी के दौरान टीमों ने एक 9 मिमी कार्बाइन और अन्य युद्ध जैसे भंडार बरामद किए. बरामद सामान पुलिस को सौंप दिया गया है. 

मणिपुर में चलाया गया तलाशी अभियान (फाइल फोटो) मणिपुर में चलाया गया तलाशी अभियान (फाइल फोटो)
aajtak.in
  • नई दिल्ली,
  • 17 सितंबर 2023,
  • अपडेटेड 5:59 PM IST

मणिपुर में हिंसा के कारण छाए तनाव के बादल अभी भी छंटे नहीं हैं. यहां कुकी और मैतैई समुदायों के बीच तनाव जारी है. इसी बीच सेना, असम राइफल्स, सीएपीएफ और मणिपुर पुलिस की एक संयुक्त टीम ने खुफिया सूचना पर चुराचांदपुर के ग्राम खोडांग में एक अभियान चलाया. सुरक्षाबलों ने यहां भारी मात्रा में हथियार, गोला-बारूद और युद्ध जैसे भंडार बरामद किया. सामने आया है कि सुरक्षाबलों ने 14 इम्प्रोवाइज्ड मोर्टार, 01 सिंगल बैरल हथियार और 15 अन्य हथियार बरामद किए हैं. 

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थौबल में भी चलाया गया सर्च ऑपरेशन
थौबल में भी इसी तरह के एक ऑपरेशन में असम राइफल्स और थौबल पुलिस की एक संयुक्त टीम ने 15 सितंबर को क्वारोक मारिंग में एक तलाशी अभियान चलाया था. संदिग्ध स्थान की तलाशी के दौरान टीमों ने एक 9 मिमी कार्बाइन और अन्य युद्ध जैसे भंडार बरामद किए. बरामद सामान पुलिस को सौंप दिया गया है. 

मणिपुर में 3 मई को हुई थी जातीय हिंसा की शुरुआत
मणिपुर में 3 मई को इस जातीय हिंसा की शुरुआत हुई थी. मैतेई समुदाय की अनुसूचित जनजाति (एसटी) में शामिल किए जाने की मांग के विरोध में पहाड़ी जिलों में 'आदिवासी एकजुटता मार्च' आयोजित किया था. तब पहली बार मणिपुर में जातीय झड़पें हुईं. हिंसा में अब तक 150 लोगों की जान चली गई और सैकड़ों लोग घायल हो गए. मणिपुर की आबादी में मैतेई समुदाय की संख्या लगभग 53 प्रतिशत है और वे ज्यादातर इम्फाल घाटी में रहते हैं. कुकी और नागा समुदाय की आबादी 40 प्रतिशत से ज्यादा है. ये लोग पहाड़ी जिलों में रहते हैं.

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13 सितंबर को हुई थी दारोगा की हत्या
बता दें कि अभी बीते 13 सितंबर को मणिपुर के चुराचांदपुर जिले में चिंगफेई बंकर नंबर 1 पर ड्यूटी पर तैनात दारोगा की बुधवार दोपहर गोली मारकर हत्या की घटना सामने आई थी. मृत पुलिसकर्मी की पहचान ओंखोमांग हाओकिप (35) के रूप में हुई है, जिसे दोपहर 1 बजे से 1.30 बजे के बीच एक स्नाइपर ने सिर में गोली मार दी. अधिकारियों के मुताबिक घटना में दो अन्य लोगों को भी गोली लगी थी. जानकारी के मुताबिक घाटी स्थित विद्रोही समूह (वीबीआईजी) के एक स्नाइपर ने बिष्णुपुर और लम्का (चुराचांदपुर) को अलग करने वाले सैन्य बफर जोन के पास कुकी-ज़ो समुदाय के सब-इंस्पेक्टर की गोली मारकर हत्या कर दी. 

सोशल मीडिया पर मैतेई समाज ने मनाया था जश्न
मीतेई समुदाय के लोगों ने सोशल मीडिया हत्या के बाद जश्न मनाया. ऐसे ही सोशल मीडिया हैंडल ने स्नाइपर की तस्वीर दिखाते हुए कैप्शन दिया: हमारा हीरो जिसने एसआई ओंखोमांग को मार डाला. दरअसल, यह हमला मंगलवार सुबह कांगपोकपी जिले में अज्ञात लोगों द्वारा तीन आदिवासियों की गोली मारकर हत्या किए जाने के एक दिन बाद हुआ है. इससे पहले 8 सितंबर को टेंगनौपाल जिले के पल्लेल में तीन अन्य लोग मारे गए और 50 से अधिक घायल हो गए थे.

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