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सड़क पर बिखरी जली कारें, चेहरों पर खौफ... तीन दिन की हिंसा में कैसा हो गया मणिपुर का हाल

मणिपुर में 3 मई को हुए मार्च के बाद स्थिति बिगड़ गई और फिर हिंसक विरोध-प्रदर्शन में पूर्वोत्तर का ये राज्य सुलग पड़ा. अब जब तीन दिन बाद विरोध की ये आग कुछ ठंडी पड़ी है तो राज्य के हालात पूरी तरह बदल गए हैं. हर तरफ सिर्फ जली-अधजली चीजें बिखरी हैं और लोगों के चेहरों पर अभी भी खौफ की मौजूदगी देखी जा सकती है.

मणिपुर में स्थिति अभी भी तनावपूर्ण बनी हुई है मणिपुर में स्थिति अभी भी तनावपूर्ण बनी हुई है
aajtak.in
  • नई दिल्ली,
  • 06 मई 2023,
  • अपडेटेड 12:24 PM IST

मणिपुर में दो समुदायों के बीच बिगड़ी स्थिति के कारण राज्य के हालात अभी तक बदहाल हैं और स्थिति तनावपूर्ण बनी हुई है. अब तक अर्धसैनिक बलों की 14 कंपनियां तैनात की जा चुकी हैं. राज्य सरकार के सूत्रों के मुताबिक और अर्धसैनिक बल आने वाले हैं. इंडिया टुडे की टीम ने शुक्रवार को प्रभावित इलाकों का दौरा किया और स्थिति को समझने की कोशिश की. असल में 3 मई को एटीएसयूएम एकजुटता मार्च के बाद 4 मई को हिंसक प्रदर्शन हुए थे. इसके बाद प्रदर्शनकारियों द्वारा चर्चों, स्कूलों, घरों, वाहनों और कई संपत्तियों को आग लगा दी गई थी, जिसने पूरे मणिपुर राज्य में सांप्रदायिक तनाव फैला दिया था. राज्य में हिंसा के बाद तनावपूर्ण स्थिति के बीच क्या महसूस कर रहे हैं लोग डालते हैं एक नजर-

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नफरत की आग में जला मासूमों का घर
यहां एक बाल गृह सामने दिखा, जिसे 1972 में स्थापित किया गया था. प्रदर्शनकारियों ने इसमें भी आग लगा दी थी. बाल गृह की सचिव प्रमोदिनी के मुताबिक, "प्रदर्शनकारियों ने पास के चर्चों को जला दिया, जिससे आग बेकाबू हो गई और हमारे बच्चों का घर भी इसकी चपेट में आ गया. जिस समय आग फैली, यहां 19 बच्चे रह रहे थे. इस तनाव के बाद सभी बहुत डरे हुए हैं.

लंगोल इलाका, जहां जले हुआ वाहनों की लाइन लगी थी
इसके बाद टीम आगे बढ़ी. ये लंगोल इलाका था. सड़क किनारे पड़े सैकड़ों जले वाहन उस स्थिति की भयावहता बताने के लिए काफी थे, जब इलाके में प्रदर्शनकारी हिंसक हो चुके थे और सामने आने वाली हर बिल्डिंग, गाड़ी और अन्य भी वस्तुओं को देखते ही आग के हवाले कर रहे थे. तनावपूर्ण शांति के बीच कुछ सुरक्षाकर्मी यहां तैनात हैं, जो कि लांगोल के प्रभावित इलाके से पीड़ितों को निकाल रहे थे. हिंसा के बाद इंफाल शहर के हर कोने में देखा जा सकता है, जहां वाहनों में आग लगा दी गई थी और कुछ जगहों पर अभी भी आग की लपटें देखी जा सकती हैं. टीम इंफाल ईस्ट में हाओकिप वेंग गई, जहां उन्होंने एक किंडरगार्टन स्कूल, एक चर्च और कई घरों को जलते हुए देखा.

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कुछ इलाकों में विरोध जारी
इम्फाल ईस्ट के खोंगवेंग में लोडस्टार पब्लिक स्कूल के अंदर उस इलाके के लोगों द्वारा सुरक्षा के लिए रखे गए कई वाहन भी जलकर नष्ट हो गए. गुस्साई भीड़ ने कई सार्वजनिक संपत्तियों, कॉमर्शियल संपत्तियों को भी आग के हवाले कर दिया था. यहां उसके जले-काले पड़े अवशेष देखे जा सकते हैं. खैर, अभी स्थिति नियंत्रण में है, लेकिन कुछ इलाकों में अब भी विरोध जारी है. ऐसा ही एक नजारा सांगईप्रोउ में दिखा. यहां गुस्साए प्रदर्शनकारी सड़क पर थे और सुरक्षाकर्मियों ने स्थिति को नियंत्रण में लाने के लिए उन पर आंसू गैस के गोले छोड़े. इस हिंसक विरोध ने कई लोगों की जान ले ली है, हालांकि राज्य सरकार ने सुरक्षा कारणों को देखते हुए अभी किसी तरह की संख्या का खुलासा नहीं किया है. 

पुलिस की अपील- घरों में रहें लोग
पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) पी डोंगल ने कहा कि राज्य के गृह विभाग का शूट एट साइट का आदेश इस तनाव का अंतिम उपाय है. उन्होंने कहा, "अगर जनता चुपचाप चली जाती है, तो इसकी कोई जरूरत नहीं होगी." उन्होंने लोगों को आगाह भी किया कि, "फ्लैग मार्च जारी है और पुलिस जनता के साथ जिस तरह से पेश आती है, सेना उस तरह से व्यवहार नहीं करती है. उन्हें दुश्मन से लड़ने के लिए प्रशिक्षित किया गया है, जबकि पुलिस को अपने ही लोगों को नियंत्रित करने के लिए प्रशिक्षित किया जाता है. इसलिए हम सभी से अपील करते हैं कि जब तक स्थिति सामान्य नहीं हो जाती, तब तक वे अपने घरों में शांति से रहें."

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13 हजार नागरिकों का सफल रेस्क्यू
भारतीय सेना ने शुक्रवार को एक बयान जारी कर कहा कि वे लगभग 13,000 नागरिकों को बचाने में कामयाब रहे हैं, जो वर्तमान में सैन्य चौकियों के आश्रय स्थलों और शरणार्थी कैंपों में रह रहे हैं. इससे पहले भी 7300 लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया था, जो कि प्रदर्शन के दौरान तनाव वाले इलाकों में फंसे थे.

चुराचांदपुर CRPF के कोबरा कमांडो की हत्या
मणिपुर के चुराचांदपुर में छुट्टी पर अपने गांव आए सीआरपीएफ के एक कोबरा कमांडो की शुक्रवार को सशस्त्र हमलावरों ने गोली मारकर हत्या कर दी. अधिकारियों ने बताया कि 204वीं कोबरा बटालियन के डेल्टा कंपनी के कांस्टेबल चोनखोलेन हाओकिप की दोपहर में हत्या कर दी गयी. वरिष्ठ अधिकारियों के मुताबिक, अभी यह स्पष्ट नहीं है कि किन परिस्थितियों में उनकी हत्या की गयी है. 

CRPF ने दिए ये निर्देश
सीआरपीएफ ने शुक्रवार को मणिपुर के रहने वाले और अपने गृह राज्य में छुट्टी पर गए अपने कर्मियों को राज्य में जारी हिंसा में एक कोबरा कमांडो के मारे जाने के मद्देनजर परिवार के सदस्यों के साथ अपने निकटतम सुरक्षा अड्डे पर "तत्काल" रिपोर्ट करने का निर्देश दिया. अधिकारियों ने कहा कि केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल के कोबरा के कमांडो, जो छुट्टी पर थे, उनकी शुक्रवार दोपहर मणिपुर के चुराचांदपुर जिले में उनके गांव में सशस्त्र हमलावरों ने गोली मारकर हत्या कर दी. दिल्ली में 3.25 लाख कर्मियों वाले मजबूत बल के मुख्यालय ने अपने सभी फील्ड कमांडरों को मणिपुर से आने वाले अपने ऑफ-ड्यूटी कर्मियों से "तुरंत" संपर्क करने और उन्हें संदेश देने के लिए कहा.

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Inputs- Afrida/Kamaljit

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