
मणिपुर मामले में सुनवाई करते हुए सीजेआई की अगुआई वाली पीठ ने कहा कि हम सबके आधार कार्ड बनवाने के आदेश जारी नहीं कर सकते, क्योंकि म्यांमार और बांग्लादेश के बहुत सारे घुसपैठिए भी हैं जिनकी पहचान के लिए प्रक्रिया चल रही है. हां, जिन लोगों ने हिंसा आगजनी तोड़फोड़ में अपने आधार कार्ड या पहचान पत्र नष्ट हो जाने के बाद नए कार्ड बनवाने की अर्जी दी है उनकी पहचान का कार्य तेजी से किया जाए.
जिनके रिकॉर्ड सुरक्षित, उनके बनाए जाएं आधार कार्ड
चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ ने इसके लिए गोहाटी में असम सरकार के गृह विभाग के उप महानिदेशक को निर्देश दिया कि जो लोग बेघर हुए हैं, लेकिन सरकारी महकमों यानी UIDAI में उनके रिकॉर्ड सुरक्षित हैं उनको समुचित पहचान कर उनके आधार कार्ड बनवा दिए जाएं. UIDAI अपने आंकड़ों से प्रार्थना पत्र में दिए गए डेटा से मिलान कर ही कार्ड बनवाने का निर्देश दिया है.
सुप्रीम कोर्ट ने मणिपुर सरकार को दिया आदेश
मणिपुर हिंसा में आधार कार्ड गंवाने वालों के आधार कार्ड बनवाए जाएंगे, लेकिन इसके लिए अर्जी देने वालों की समुचित पहचान सुनिश्चित कर उनके आधार कार्ड बनवाने के आदेश सुप्रीम कोर्ट ने UIDAI को दिए. सुप्रीम कोर्ट ने मणिपुर सरकार को आदेश दिया कि हफ्ते भर में हाई कोर्ट से लेकर सभी निचली अदालतों में वीडीओ कांफ्रेसिंग से सुनवाई की सुविधा शुरू की जाए. चीफ जस्टिस ने ये भी कहा कि किसी भी वकील को उसमें पेश होने से न रोका जाए. अगर किसी को रोका गया तो ये सुप्रीम कोर्ट के आदेश की अवमानना होगी. हम सभी को इंसाफ सुनिश्चित करने की गारंटी चाहते हैं.
मणिपुर के हर मामले में हम नहीं देंगे दखलः कोर्ट
कोर्ट ने कहा कि हम मणिपुर के हर मामले में दखल नहीं देंगे. हम मणिपुर का प्रशासन सुप्रीम कोर्ट से नहीं चलाना चाहते. कोर्ट ने ताकीद की कि जनहित में होगा कि एकदूसरे पर कीचड़ उछालना बंद किया जाए. अपने निर्देशों के अनुपालन की स्थिति का जायजा लेने के लिए कोर्ट अगले हफ्ते सुनवाई करेगा.