
मणिपुर के मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया है. मैतेई-कूकी समुदायों के बीच कमोबेश दो साल लंबे संघर्ष के दौरान लगातार उनसे इस्तीफे की मांग की जा रही थी. स्थानीय विपक्ष समेत पूरे देश में उनसे सीएम पद छोड़ने की अपील की जा रही थी. वह लगातार कहते रहे कि उनकी सरकार राज्य में शांति कायम करने की कोशिश कर रही है, लेकिन आज वह गृह मंत्री अमित शाह से मिले और फिर इस्तीफा देने का ऐलान कर दिया.
मणिपुर में मैतेई समुदाय की आबादी 53 फीसदी है, लेकिन वे मणिपुर के लगभग 10 फीसदी हिस्से में ही रहते हैं. इस समुदाय की ज्यादातर आबादी राजधानी इंफाल और आसपास के इलाके में रहते हैं. ये समुदाय लंबे समय से खुदको एसटी कैटगरी में शामिल किए जाने की मांग कर रहा था. अगर उन्हें एसटी में शामिल किया जाता, तो मैतेई लोग पहाड़ी इलाकों में जमीन खरीद सकते थे, जहां आदिवासी समुदाय के लोग रहते हैं. इस मांग के कूकी समुदाय लंबे समय से विरोध कर रहा था. मणिपुर में मैतेई प्रमुख जातीय समूह है और कुकी सबसे बड़ी जनजातियों में से एक है.
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यह सब तब शुरू हुआ जब मणिपुर में आदिवासी समूहों ने 28 अप्रैल 2023 को मुख्यमंत्री बीरेन सिंह के चुराचांदपुर दौरे के दिन संरक्षित वनों पर राज्य सरकार के सर्वेक्षण और गांवों से बेदखली के विरोध में 12 घंटे के पूर्ण बंद की अपील की गई. इससे कुछ दिन पहले ही यहां बेदखली अभियान शुरू हो गए थे, जब कथित रूप से चर्चों को ध्वस्त किया गया था, और इसका आदिवासी समुदाय विरोध कर रहा था. दरअसल, मणिपुर की सबसे प्रमुख पहाड़ी जनजातियां कुकी और नागा ईसाई समुदाय से हैं. आइए इस पूरी घटना के टाइमलाइन पर एक नजर डालते हैं:
2025: मणिपुर हिंसा में अब तक की घटनाएं!
17 जनवरी, 2025: केंद्रीय गृह मंत्रालय (एमएचए) ने कुकी-जो परिषद के सदस्यों से कहा है कि संघर्षग्रस्त मणिपुर में किसी भी राजनीतिक वार्ता को शुरू करने के लिए हिंसा को खत्म करने की सख्त जरूरत है.
जनवरी 2025: मणिपुर के सीएम बीरेन सिंह ने नागा नेताओं से संकट को हल करने में मदद करने की अपील की.
8 फरवरी, 2025: मणिपुर के मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह ने कहा कि उनकी सरकार संघर्षग्रस्त पूर्वोत्तर राज्य में शांति बहाल करने और यह सुनिश्चित करने के लिए सभी कोशिशें कर रही है कि लोग पहले की तरह एक साथ रहें.
9 फरवरी, 2025: एन. बीरेन सिंह ने मणिपुर के सीएम पद से इस्तीफा दे दिया.
2023-2024: मणिपुर हिंसा के दौरान की घटनाएं
28 अप्रैल, 2023: मणिपुर के कई जिलों में धारा 144 लागू कर दी गई और इंटरनेट सेवाएं पांच दिन के लिए निलंबित कर दी गईं. प्रदर्शनकारियों और सुरक्षा बलों के बीच झड़प हुई, पुलिस ने भीड़ को तितर-बितर करने के लिए आंसू गैस के गोले दागे.
3 मई, 2023: मणिपुर के अखिल आदिवासी छात्र संघ (ATSUM) द्वारा आयोजित आदिवासी एकजुटता मार्च में हजारों लोग शामिल हुए. यह मार्च मैतेई को एसटी कैटगरी में शामिल किए जाने के विरोध में आयोजित किया गया था. अनुमान है कि इस रैली में 60,000 से ज्यादा लोग शामिल हुए थे. रैली के दौरान चुराचांदपुर के तोरबंग इलाके में हिंसा भड़क उठी थी.
4 मई, 2023: मणिपुर सरकार ने देखते ही गोली मारने का आदेश जारी किया. हिंसा को रोकने के लिए सेना, सीआरपीएफ, असम राइफल्स और राज्य पुलिस के साथ रैपिड एक्शन फोर्स को तैनात किया गया.
मई 2023: गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि म्यांमार से कुकी लोगों के आने से मणिपुर के मैतेई लोगों में असुरक्षा की भावना पैदा हुई और हिंसा भड़क उठी.
जुलाई 2023: मई में हुए एक हमले का चौंकाने वाला वीडियो सामने आया, जब दो कुकी महिलाओं को उनके गांव को नष्ट करने के तुरंत बाद मैतेई पुरुषों द्वारा नग्न अवस्था परेड कराया गया. इस घटना का वीडियो सामने आने के बाद देशभर के कई शहरों में बड़े स्तर पर प्रदर्शन भी हुए.
20 जुलाई, 2023: मणिपुर के मुख्यमंत्री बीरेन सिंह ने राज्य में इंटरनेट की पहुंच को सीमित करने के अपने फैसले का बचाव किया.
29 जुलाई, 2023: सीबीआई ने कुकी महिलाओं को नग्न अवस्था में घुमाए जाने के मामले को अपने हाथ में ले लिया.
अगस्त 2023: दो दौर की औपचारिक वार्ता के बाद कुकी और मैतेई समूहों द्वारा एक शांति समझौते पर हस्ताक्षर किए गए.
7 अगस्त, 2023: सुप्रीम कोर्ट ने स्वतः संज्ञान लिया और राहत और पुनर्वास पर विचार करने के लिए एक समिति का गठन किया.
7 सितंबर, 2023: मणिपुर के जिरीबाम जिले में कुकी और मैतेई जातीय समुदायों के बीच झड़प हुई.
17 सितंबर, 2024: केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि मणिपुर में हालात को हल करने के लिए कुकी-जो और मैतेई समुदायों के बीच बातचीत की जरूरत है.
5 अक्टूबर, 2023: मानवाधिकार कार्यकर्ता और ह्यूमन राइट्स अलर्ट के निदेशक बबलू लोइटोंगबाम के घर में तोड़फोड़ की गई.
11 नवंबर, 2023: हथियारबंद लोगों ने एक रिलीफ कैंप पर हमला किया और उसके बाद के दिनों में कैंप के आठ मैतेई निवासियों के शव मिले, जिससे हड़कंप मच गया और दोबारा हिंसा हो गई.
31 दिसंबर, 2024: मणिपुर के मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह ने जातीय हिंसा के दौरान सैकड़ों लोगों की जान जाने के लिए राज्य के लोगों से माफ़ी मांगी.
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2022-2023: मणिपुर में हिंसा शुरू होने के पहले की घटनाएं!
7 नवंबर, 2022: मणिपुर सरकार ने 1970 और 1980 के दशक के पिछले आदेशों को दरकिनार करते हुए एक आदेश पारित किया, जिसमें प्रस्तावित चुराचंदपुर-खौपुम संरक्षित वन से गांवों को बाहर रखा गया था.
फरवरी 2023: बीजेपी की राज्य सरकार ने चुराचंदपुर, कांगपोकपी और टेंग्नौपाल जिलों में वनवासियों को अतिक्रमणकारी घोषित करते हुए बेदखली अभियान शुरू किया.
मार्च 2023: मणिपुर कैबिनेट ने तीन कुकी उग्रवादी समूहों के साथ ऑपरेशन के निलंबन समझौते से हटने का फैसला किया. 10 मार्च, 2023 को मणिपुर सरकार ने कुकी नेशनल आर्मी और जोमी रिवोल्यूशनरी फ्रंट के साथ ऑपरेशन के निलंबन समझौते से पीछे हट गई.
20 अप्रैल, 2023: मणिपुर हाईकोर्ट के एक जज ने राज्य सरकार को "मैतेई समुदाय को अनुसूचित जनजाति (एसटी) सूची में शामिल करने के अनुरोध पर विचार करने" का निर्देश दिया.
3 मई, 2023: मणिपुर में मैतेई लोगों और कुकी-जो आदिवासी समुदाय के बीच जातीय हिंसा भड़क उठी, जिसकी वजह से मौतें और विस्थापन देखा गया. अखिल आदिवासी छात्र संघ मणिपुर (ATSUM) द्वारा मैतेई लोगों की ST दर्जे की मांग का विरोध करने के लिए "आदिवासी एकजुटता मार्च" आयोजित किया गया, जहां हिंसा की शुरुआत हुई.
मई 2023: मणिपुर में मैतेई और कुकी समुदायों के बीच 3 मई, 2023 को भड़की जातीय हिंसा की वजह से कम से कम 221 मौतें और 60,000 लोग विस्थापित हुए. हिंसा में आगजनी, बर्बरता, दंगा, हत्या और सामूहिक बलात्कार की घटनाएं देखी गई. कांगपोकपी जिले के सैकुल में लगभग 11 नागरिक घायल हो गए, और दो अन्य की गोली लगने से मौत हो गई.