
मणिपुर हिंसा की चपेट में है और सालभर से नफरत की आग में उबल रहा है. कुकी और मैतेई समुदाय की लड़ाई में अब तक 226 लोगों की जान चली गई है. सैकड़ों घायल हुए हैं और हजारों संपत्तियों को नुकसान पहुंचा है. हालांकि, अब ये लड़ाई खतरनाक होती जा रही है. ड्रोन, बमबारी और मिसाइल अटैक ने केंद्र से लेकर राज्य सरकार की नींद उड़ा दी है. आरोप लग रहा है कि कुकी समुदाय ये जानलेवा हमले कर रहा है. ऐसे में आजतक की टीम कुकी समुदाय के पहाड़ी जिले कांगपोकपी में एक बंकर पहुंची और ये जानने की कोशिश की कि हथियार कैसे तैयार किए जा रहे हैं? ट्रेनिंग कौन दे रहा है और लड़ाके कौन हैं? जानिए...
मणिपुर में 3 मई, 2023 को पहली बार हिंसा हुई थी. यहां कुकी और मैतेई समुदाय के बीच आरक्षण को लेकर विवाद चल रहा है. सरकारी आंकड़ों के अनुसार, हिंसा में अब तक 226 लोगों की मौत हो चुकी है. हजारों लोग बेघर हो गए हैं. हफ्तेभर से ड्रोन और मिसाइल हमले किए जा रहे हैं. पिछले 7 दिनों की हिंसा में 8 लोगों की मौत हुई है और 12 से ज्यादा घायल हुए हैं.
कुकी उग्रवादियों पर ड्रोन हमले का आरोप लगा रही है सरकार
हिंसा के बीच मंगलवार को मणिपुर के तीन जिले इम्फाल पूर्व, इम्फाल पश्चिम और थौबल जिलों में कर्फ्यू लगाया गया है. इम्फाल पश्चिम में लगातार ड्रोन हमलों की खबरें आईं हैं. मणिपुर सरकार कुकी उग्रवादियों पर ड्रोन हमलों का आरोप लगा रही है. सरकार ने जांच के लिए एक उच्च स्तरीय कमेटी का गठन किया है.
कुकी लड़ाकों के बंकरों तक पहुंची आजतक की टीम
मणिपुर हिंसा में कुकी समुदाय से जुड़े लड़ाकों पर अत्याधुनिक हथियारों के इस्तेमाल के आरोप लगा है. आजतक की टीम ने पहाड़ी जिले कांगपोकपी में कुकी लड़ाकों से बात की है और बंकरों के बारे में जानकारी हासिल की है. सीमावर्ती इलाकों में हथियार बंद कुकी लड़ाके आज भी बंकरों में तैनात हैं और अलर्ट मोड में देखे जा रहे हैं. ये लोग कैमरे पर सिर्फ 12 बोर की राइफल के साथ सामने आए.
कुकी लड़ाकों का कहना है कि कइयों ने पढ़ाई छोड़ दी है और हथियार उठाए हैं. ये लोग अपनी जमीन और लोगों को बचाने का दावा कर रहे हैं. इनके बंकरों में रेडियो और कारतूस भरे पड़े हैं.
खुद हथियार तैयार कर रहे हैं कुकी लड़ाके
कुकी लड़ाकों ने खुद को हथियारों के साथ ढाल लिया है. इन्होंने खुद आधुनिक राइफल बनाईं. कैमरे पर पहली बार उन हथियारों को भी दिखाया, जिससे दूर तक बमबारी होती है. रॉकेट-प्रोपेल्ड ग्रेनेड (RPG) की तरह देसी पाइप से पांपी गन तैयार की है. RPG एक कंधे से दागा जाने वाला रॉकेट हथियार है जो विस्फोटक वारहेड से लैस रॉकेट लॉन्च करता है. ज्यादातर RPG को एक जवान अकेले ही ले जा सकता है और अक्सर एंटी-टैंक हथियार के तौर पर इस्तेमाल किया जाता है.
कुकी लड़ाकों के बंकर में ड्रोन भी देखने को मिले हैं. ड्रोन के जरिए कुकी समुदाय विरोधी लड़ाकों का सर्विलांस करते हैं और खतरे की स्थिति में हमला और गोलीबारी करते हैं.
ड्रोन हमलों की एनआईए को सौंपी जाएगी जांच
वहीं, मणिपुर पुलिस ने साफ कर दिया है कि वो उग्रवादियों से सख्ती से निपटने में कोताही नहीं बरतेगी. मणिपुर के IGP इंटेलिजेंस के कबीब ने कहा, मणिपुर पुलिस राज्य में कथित ड्रोन हमले के मामलों को उच्च स्तरीय जांच के लिए एनआईए को मामला सौंपेगी. उन्होंने कहा, हम ड्रोनों के बारे में साक्ष्य एकत्रित कर रहे हैं. फोरेंसिक टीमें साक्ष्य जुटा रही हैं. संभावना है कि हम इस बेहद महत्वपूर्ण मामले को राष्ट्रीय जांच एजेंसी को सौंप देंगे ताकि उच्च स्तर पर इसकी पूरी जांच हो सके. हम इसे बेहद गंभीर घटनाक्रम के रूप में लेते हैं.
आईजीपी (प्रशासन) के जयंत सिंह कहते हैं कि ड्रोन और हाई-टेक मिसाइल हमलों के सबूत मिले हैं. ड्रोन बरामद किए गए हैं. नागरिक क्षेत्रों पर दागे गए अत्याधुनिक रॉकेट के अवशेष बरामद किए गए हैं. हालांकि, उन्होंने यह नहीं बताया कि हमलावरों ने ये अत्याधुनिक रॉकेट और ड्रोन कहां से हासिल किए.
छात्रों से झड़प के बाद स्थिति तनावपूर्ण
पुलिस ने बताया कि छात्रों से झड़प के बाद स्थिति तनावपूर्ण है. लेकिन नियंत्रण में है. एक दिन पहले राजभवन तक मार्च निकालने के दौरान छात्रों और सुरक्षा बलों के बीच झड़प हो गई थी. राजधानी इम्फाल में मंगलवार दोपहर कर्फ्यू लगा दिया गया. ये बुधवार सुबह भी जारी रहा. जबकि अतिरिक्त सुरक्षा बलों को तैनात किया गया है. किसी भी अप्रिय घटना से बचने के लिए शहर में पुलिस लगातार गश्त कर रही है. इससे पहले मंगलवार शाम सरकार ने एक संशोधित आदेश जारी किया, जिसमें कहा गया कि इंटरनेट सेवाओं का निलंबन सिर्फ पांच घाटी जिलों पर लागू होता है. आंदोलनकारी छात्र इम्फाल में डीजीपी और राज्य सरकार के सुरक्षा सलाहकार को हटाने की मांगों को लेकर राजभवन की ओर मार्च निकाल रहे थे. पुलिस ने ख्वाइरामबंद और काकवा नाओरेम लेइकाई इलाकों में सुरक्षा बलों पर पथराव करने के आरोपी छात्रों को तितर-बितर करने के लिए आंसू गैस के गोले दागे.
छात्र संगठन ने दावा किया कि झड़पों में 55 से ज़्यादा छात्र घायल हुए हैं और उन्हें रिम्स अस्पताल में भर्ती कराया गया है. राजभवन ने मंगलवार देर रात जारी एक बयान में कहा, छात्रों के प्रतिनिधियों ने राज्यपाल लक्ष्मण प्रसाद आचार्य से मुलाकात की और एक ज्ञापन सौंपा. उन्होंने राज्यपाल से उनकी मांगों को पूरा करने के लिए उचित कदम उठाने का आग्रह किया. बयान में कहा गया है कि राज्यपाल ने उन्हें आश्वासन दिया कि वह छात्रों और मणिपुर के लोगों के सर्वोत्तम हित में कदम उठाएंगे.
इम्फाल में कर्फ्यू के दूसरे दिन भारी हिंसा और विरोध प्रदर्शन के बीच राज्यपाल लक्ष्मण प्रसाद आचार्य मणिपुर से असम की राजधानी गुवाहाटी के लिए रवाना हो गए. आचार्य असम के भी राज्यपाल हैं. मौजूदा तनावपूर्ण स्थिति के कारण राज्यपाल की रवानगी के लिए विशेष सुरक्षा व्यवस्था की गई. एक दिन पहले कर्फ्यू का उल्लंघन किए जाने पर पुलिस और प्रदर्शनकारी आमने-सामने आ गए थे. पुलिस बलों के साथ हिंसक झड़प में करीब 80 छात्र घायल हो गए थे. छात्रों ने पुलिस की ओर पथराव किया और पुलिस ने जवाबी कार्रवाई में आंसू गैस के गोले छोड़े. कर्फ्यू और बढ़ते हालात के बाद मणिपुर यूनिवर्सिटी की परीक्षाएं स्थगित कर दी गई हैं. इम्फाल घाटी में स्कूल और कॉलेज आज और कल बंद रखने की घोषणा की गई है. इससे पहले राज्यपाल ने प्रदर्शनकारियों से शांति बनाए रखने की अपील की थी.