
मणिपुर में 4 मई को हुई दो महिलाओं के साथ दरिंदगी का वीडियो वायरल होने के बाद सड़क से लेकर संसद तक बवाल मचा है. पुलिस ने अब तक मणिपुर की घटना में आरोपी चार 'दुशासनों' को गिरफ्तार कर लिया है. मुख्य आरोपी हेरादास को गुरुवार को थॉउबल जिले से गिरफ्तार किया गया था. इसके अलावा तीन और आरोपियों को अब तक गिरफ्तार किया गया है.
दरअसल, बुधवार को मणिपुर में कुकी समुदाय की दो महिलाओं को निर्वस्त्र सड़क पर घुमाने का वीडियो वायरल हुआ था. इसमें देखा जा सकता है कि भीड़ न सिर्फ महिलाओं को सड़क पर घुमा रही है, बल्कि अभद्रता भी कर रही है. इसके बाद महिलाओं से रेप किया जाता है. इस घटना का वीडियो वायरल होने के बाद मणिपुर में फिर तनाव बढ़ गया.
यह वीडियो 4 मई की घटना का बताया जा रहा है. मणिपुर में 3 मई को कुकी समुदाय की ओर से निकाले गए 'आदिवासी एकता मार्च' के दौरान हिंसा भड़की थी. इस दौरान कुकी और मैतेई समुदाय के बीच हिंसक झड़प हो गई थी. तब से ही वहां हालात तनावपूर्ण बने हुए हैं. अब तक 150 से ज्यादा लोग हिंसा में अपनी जान गंवा चुके हैं. हिंसा फैलने का ये वीडियो करीब ढाई महीने बाद बुधवार को वायरल हुआ. पुलिस ने इस मामले में अब तक 4 लोगों को गिरफ्तार कर लिया है.
उन्मादी भीड़, निर्वस्त्र परेड, गैंगरेप और मर्डर... 4 मई को मणिपुर के गांव में क्या-क्या हुआ था?
अब तक ये चार आरोपी हुए गिरफ्तार
- हुइरेम हेरादास
- अरुण सिंह
- जीवन इलांगबाम
- तोम्बा सिंह
वीडियो से पहचान कर हो रहीं गिरफ्तारियां
मणिपुर पुलिस के मुताबिक, अरुण सिंह, जीवन इलांगबाम और तोम्बा सिंह मणिपुर के थॉउबल जिले के रहने वाले हैं. इन्हें वायरल वीडियो की मदद से पहचान करके गिरफ्तार किया गया है. पुलिस के मुताबिक, इन आरोपियों से पूछताछ के बाद और भी गिरफ्तारियां होंगी. मणिपुर पुलिस और केंद्रीय बलों की 12 संयुक्त टीमें 12 और संदिग्धों को गिरफ्तार करने के लिए तलाशी अभियान चला रही हैं.
पुलिस के मुताबिक, हुइरेम ही मामले का मुख्य आरोपी है. वह भीड़ को उकसाते हुए दिख रहा है. पुलिस ने बताया कि वीडियो में नजर आ रहे बाकी आरोपियों को गिरफ्तार करने की भी कोशिश की जा रही है.
भीड़ ने मुख्य आरोपी के घर पर लगाई आग
महिलाओं के साथ दरिंदगी का वीडियो वायरल होने के बाद देशभर में इस घटना को लेकर गुस्सा है. मणिपुर में भी जगह जगह पर प्रदर्शन किए गए. इतना ही नहीं गुस्साई भीड़ ने मुख्य आरोपी हुइरेम हेरादास के घर पर आग लगा दी.
दोषी मृत्युदंड के हकदार- सीएम बीरेन सिंह
मणिपुर के मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह ने इस घटना को अमानवीय बताया. उन्होंने कहा कि इस मामले के दोषी मृत्युदंड की सजा के हकदार हैं. उन्होंने घटना की कड़ी निंदा व्यक्त करते हुए इसे मानवता के खिलाफ अपराध करार दिया और कहा कि उनकी सरकार इस जघन्य अपराध पर चुप नहीं रहेगी.
उन्होंने बताया कि वीडियो देखने के बाद उन्होंने तुरंत साइबर अपराध विभाग को इसकी प्रामाणिकता की जांच करने का निर्देश दिया और अधिकारियों को अपराधियों को पकड़ने के लिए तलाशी अभियान चलाने का भी निर्देश दिया था.
एक दिन पहले भी हुई थी गांव पर हमले की कोशिश
महिलाओं के साथ दरिंदगी की इस घटना के चश्मदीद हाहत वैफेई ने बताया कि भीड़ ने एक दिन पहले उनके गांव बी फीनोम पर भी इसी तरह से हमले की कोशिश की थी. लेकिन गांववालों ने इस हमले की कोशिश को नाकाम कर दिया था.
हाहत वैफेई ने दावा किया कि वे महिलाओं के साथ दरिंदगी की घटना के वक्त मौजूद थे. उन्होंने बताया कि जब भीड़ ने हमला किया, तो हम दूसरी जगह भाग रहे थे. तभी हमें भीड़ ने पकड़ लिया. जब हमने उन्हें छोड़ देने की अपील की तो वे हमें गांव से दूर ले गए. यहां उन्होंने महिलाओं को कपड़े उतारने के लिए कहा. इसके बाद उन्होंने महिलाओं को नग्न अवस्था में घुमाया और उनके साथ रेप किया.
मणिपुर की घटना की टाइमलाइन
3 मई: मणिपुर में कुकी-मैती समुदाय में हिंसा फैली.
4 मई: मणिपुर के थोबल में महिलाओं के साथ भीड़ ने दरिंदगी की. इसका वीडियो बनाया.
18 मई: घटना की शिकायत की गई.
21 जून: पुलिस ने मामला दर्ज किया.
19 जुलाई: वीडियो वायरल होने के बाद घटना देशभर के सामने आई.
20 जुलाई: मामले के मुख्य आरोपी की गिरफ्तारी हुई.
20 जुलाई: पीएम मोदी ने घटना पर दुख जताया. सुप्रीम कोर्ट ने संज्ञान लिया.
20 जुलाई: केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने सीएम बीरेन सिंह से बात की. बीरेन सिंह ने कहा कि दोषियों को सख्त सजा दिलाएंगे.
21 जुलाई: अब तक चार आरोपी गिरफ्तार
21 जुलाई: भीड़ ने मुख्य आरोपी का घर जलाया
क्या हुआ 4 मई को?
4 मई को हुई इस घटना की शिकायत 18 मई को पुलिस को दी गई थी. पुलिस ने इस मामले में 21 जून को एफआईआर दर्ज की थी. एफआईआर के मुताबिक, शिकायत में कहा गया है कि 4 मई की दोपहर तीन बजे अज्ञात लोगों ने उनके गांव पर हमला बोल दिया. उस दिन 900 से 1000 लोगों ने थोबल में स्थित उनके गांव पर हमला किया था. ये हमलावर मैतेई समुदाय से जुड़े थे. इस भीड़ ने गांव पर हमला कर घरों में आग लगा दी और इसके बाद नकदी और गहने समेत कीमती सामान को लूट लिया.
- हमला होने पर तीन महिलाएं अपने पिता और भाई के साथ जंगल की ओर भागे. पुलिस की टीम ने इन्हें बचा लिया. पुलिस उन्हें थाने लेकर जा ही रही थी कि भीड़ ने रास्ता रोक लिया. और पुलिस से उन महिलाओं और उनके पिता-भाई को छीन लिया. ये सब थाने पहुंचने से दो किलोमीटर पहले हुआ. भीड़ ने पुलिस के सामने ही उन महिलाओं के पिता की हत्या कर दी. इसके बाद तीनों महिलाओं को कपड़े उतारने को मजबूर किया. इनमें से एक की उम्र 21 साल, दूसरी की 42 साल और तीसरी की 52 साल थी.
(Input- Saraswat Kashyap)