Advertisement

'एक दिन पहले भी हमारे गांव पर हमले को कोशिश हुई थी', मणिपुर हमले के प्रत्यक्षदर्शियों ने बताया हमले के वक्त का मंजर

मणिपुर के कांगकोपी में बुधवार को कुकी समुदाय की दो महिलाओं को निर्वस्त्र सड़क पर घुमाने का वीडियो वायरल हुआ है. इसमें देखा जा सकता है कि भीड़ न सिर्फ महिलाओं को सड़क पर घुमा रही है, बल्कि अभद्रता भी कर रही है. इसके बाद महिलाओं से रेप किया जाता है. इस घटना का वीडियो वायरल होने के बाद मणिपुर में फिर तनाव बढ़ गया.

मणिपुर में 3 मई से हिंसा जारी मणिपुर में 3 मई से हिंसा जारी
aajtak.in
  • इंफाल,
  • 21 जुलाई 2023,
  • अपडेटेड 10:32 AM IST

मणिपुर में 4 मई को हुई दो महिलाओं के साथ दरिंदगी की घटना ने सभी को झकझोर कर रख दिया. इस घटना के चश्मदीद हाहत वैफेई ने दावा किया है कि भीड़ ने एक दिन पहले भी उनके गांव बी फीनोम पर भी इसी तरह से हमले की कोशिश की थी. लेकिन गांववालों ने इस हमले की कोशिश को नाकाम कर दिया.

Advertisement

समाचार एजेंसी के मुताबिक, हाहत वैफेई ने बताया कि वे महिलाओं के साथ दरिंदगी की घटना के वक्त मौजूद थे. उन्होंने बताया, जब भीड़ ने हमारे गांव पर दूसरे दिन हमला किया, तो हम लोग दूसरी जगह भाग रहे थे. तभी भीड़ ने हम लोगों को पकड़ लिया. जब हमने उन्हें छोड़ देने की अपील की तो वे हमें गांव से दूर ले गए. यहां उन्होंने महिलाओं को कपड़े उतारने के लिए कहा. इसके बाद उन्होंने महिलाओं को नग्न अवस्था में घुमाया और उनके साथ रेप किया.'' 

मणिपुर में 3 मई से जारी है हिंसा  

दरअसल, पूर्वोत्तर के राज्य मणिपुर में 3 मई को कुकी समुदाय की ओर से निकाले गए 'आदिवासी एकता मार्च' के दौरान हिंसा भड़की थी. इस दौरान कुकी और मैतेई समुदाय के बीच हिंसक झड़प हो गई थी. तब से ही वहां हालात तनावपूर्ण बने हुए हैं. अब तक 160 लोगों को मौत हो चुकी है. जबकि सैकड़ों लोग जख्मी हुए हैं. 

Advertisement

इन सबसे बीच बुधवार को मणिपुर के कांगकोपी में कुकी समुदाय की दो महिलाओं को निर्वस्त्र सड़क पर घुमाने का वीडियो वायरल हुआ है. इसमें देखा जा सकता है कि भीड़ न सिर्फ महिलाओं को सड़क पर घुमा रही है, बल्कि अभद्रता भी कर रही है. इसके बाद महिलाओं से रेप किया जाता है. इस घटना का वीडियो वायरल होने के बाद मणिपुर में फिर तनाव बढ़ गया. यह घटना 4 मई की बताई जा रही है. बताया जा रहा है कि यह वीडियो कांगकोपी का है. दोनों महिलाएं कुकी जनजाति की थीं, जबकि उनके साथ छेड़छाड़ करने वाली भीड़ मैतेई समुदाय से थी. इस मामले में चार आरोपियों को गिरफ्तार किया गया है. मुख्य आरोपी हुइरेम हेरादाश को गिरफ्तार किया जा चुका है. 

क्या हुआ था 4 मई को?

4 मई को हुई इस घटना की शिकायत 18 मई को पुलिस को दी गई थी. पुलिस ने इस मामले में 21 जून को एफआईआर दर्ज की थी. एफआईआर के मुताबिक, शिकायत में कहा गया है कि 4 मई की दोपहर तीन बजे अज्ञात लोगों ने उनके गांव पर हमला बोल दिया. उस दिन 900 से 1000 लोगों ने थोबल में स्थित उनके गांव पर हमला किया था. ये हमलावर मैतेई समुदाय से जुड़े थे. इस भीड़ ने गांव पर हमला कर घरों में आग लगा दी और इसके बाद नकदी और गहने समेत कीमती सामान को लूट लिया. 

Advertisement

- हमला होने पर तीन महिलाएं अपने पिता और भाई के साथ जंगल की ओर भागे. पुलिस की टीम ने इन्हें बचा लिया. पुलिस उन्हें थाने लेकर जा ही रही थी कि भीड़ ने रास्ता रोक लिया. और पुलिस से उन महिलाओं और उनके पिता-भाई को छीन लिया. ये सब थाने पहुंचने से दो किलोमीटर पहले हुआ. भीड़ ने पुलिस के सामने ही उन महिलाओं के पिता की हत्या कर दी. इसके बाद तीनों महिलाओं को कपड़े उतारने को मजबूर किया. इनमें से एक की उम्र 21 साल, दूसरी की 42 साल और तीसरी की 52 साल थी.

 

 

Read more!
Advertisement

RECOMMENDED

Advertisement