
महिला और बाल विकास मंत्रालय को मनमोहन सिंह के कार्यकाल में काफी मजबूत किया गया था. इस मंत्रालय की पहली जिम्मेदारी रेणुका चौधरी को मिली थी. आज पूर्व पीएम को याद करते हुए वह कहती हैं कि डॉक्टर सिंह ने मुझे घरेलू हिंसा के खिलाफ कानून लाने का साहस दिया. उन्होंने सादगी को एक लिबास की तरह पहना.
डॉक्टर सिंह की सरकार में पहली बार महिला और बाल विकास मंत्रालय को एक स्वतंत्र मंत्रालय बनाया गया था. इस मंत्रालय की पहली मंत्री रेणुका चौधरी ने बताया कि डॉक्टर सिंह ने उनसे पूछा कि क्या डोमेस्टिक वाइलेंस के खिलाफ कानून लाना सही है? तो आप इसे बनाएं.
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"लड़कियों को मत मारो, जो राजाओं को जन्म देती हैं"
रेणुका चौधरी ने बताया कि पूर्व पीएम ने उन्हें कहा कि वह डोमेस्टिक वाइलेंस एक्ट लाएं, चाहे इसके लिए उन्हें कितनी ही कीमत क्यों न चुकानी पड़े. उन्होंने बताया कि मनमोहन सिंह लड़कियों के पिता होने के नात इसकी सराहना भी की और बताया कि वह कहा करते थे, "लड़कियों को मत मारो, जो राजाओं को जन्म देती हैं."
अपनी सादगी को लिबास की तरह पहना!
कांग्रेस नेता और पूर्व मंत्री रेणुका चौधरी ने कहा कि वह काफी विनम्र थे और जमीन से जुड़े रहने की उनमें क्षमता थी, मैंने उनके और उनके परिवार के साथ उनके आवास पर एक मुलाकात में यह देखा था. पूर्व मंत्री ने कहा कि, मनमोहन सिंह ने अपनी सादगी को लिबास की तरह पहना, शांत स्वभाव को शक्ति के रूप में पेश किया.
मनमोहन सिंह की पत्नी फोन किया करती थीं!
रेणुका चौधरी ने बातचीत में कहा कि डॉक्टर सिंह ने मुझे जो कीमती उपहार दिया, वह था उनसे और उनके परिवार से संपर्क में रहना. उन्होंने कहा कि जब मेरे पति बीमार होते थे, तो मनमोहन सिंह की पत्नी फोन किया करती थीं. मेरे लिए वो मुश्किल समय था. इससे मुझे सबक मिला - अगर इतनी ऊंचाई पर पहुंचने वाले लोग मेरे लोगों को इस तरह संभाल सकते हैं, तो मुझे भी इससे सीखना चाहिए. वे मुझसे पूछते रहते थे कि मैं इस स्थिति से कैसे निपट रही हूं. देश के ऐसे महान सपूत के जाने पर आसमान रो रहा है.