पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह का 92 साल की उम्र में निधन हो गया. आज (27 दिसंबर) उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, गृहमंत्री अमित शाह, कांग्रेस नेता सोनिया गांधी, लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी सहित कई दिग्गजों ने पूर्व पीएम मनमोहन सिंह के पार्थिव शरीर के अंतिम दर्शन किए. सिंह का अंतिम संस्कार कल (28 दिसंबर) किया जाएगा. उनकी एक बेटी अमेरिका से आ रही हैं, जिनका इंतजार किया जा रहा है.
पूर्व पीएम के निधन पर सरकार ने 7 दिन का राजकीय शोक घोषित किया है. उनके निधन के बाद कांग्रेस पार्टी ने आज अपने सभी कार्यक्रम रद्द कर दिए हैं. बता दें कि उन्हें बेहोश होने के बाद गुरुवार (26 दिसंबर) शाम दिल्ली AIIMS में भर्ती कराया गया था, जहां रात 9.51 बजे उन्होंने अंतिम सांस ली. निधन के बाद देर रात मनमोहन सिंह का पार्थिव शरीर AIIMS से उनके दिल्ली स्थित आवास पर लाया गया. डॉ. मनमोहन सिंह लंबे समय से स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं का सामना कर रहे थे. इससे पहले भी उन्हें कई बार स्वास्थ्य कारणों से अस्पताल में भर्ती कराया जा चुका था.
पूर्व प्रधानमंत्री डॉ मनमोहन सिंह का गुरुवार रात निधन हो गया. शनिवार को राजकीय सम्मान के साथ उनका अंतिम संस्कार किया जाएगा. सरकार की ओर से फैसला लिया गया है कि 28 दिसंबर 2024 को सुबह 11:45 बजे नई दिल्ली के निगमबोध घाट पर मनमोहन सिंह का अंतिम संस्कार किया जाएगा. गृह मंत्रालय ने इसकी जानकारी दी है. कांग्रेस ने उनके अंतिम संस्कार और स्मारक के लिए उचित स्थान की मांग की है. अब कांग्रेस के साथ अन्य दल भी सरकार के इस फैसले का विरोध कर रहे हैं. शिरोमणि अकाली दल के नेता सुखबीर सिंह बादल ने कहा, 'चौंकाने वाला और अविश्वसनीय! यह बेहद निंदनीय है कि केंद्र सरकार ने डॉ. मनमोहन सिंह जी के परिवार के उस अनुरोध को अस्वीकार कर दिया है, जिसमें उन्होंने उनका अंतिम संस्कार ऐसे स्थान पर करने की मांग की थी, जहां उनकी स्मृति में एक ऐतिहासिक स्मारक बनाया जा सके. वो जगह राजघाट होनी चाहिए. यह अतीत में अपनाई गई परंपरा के अनुरूप होगा.'
पाकिस्तान के पूर्व वित्त मंत्री इशाक डार ने भारत के पूर्व प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह के निधन पर गहरा शोक व्यक्त किया है. उन्होंने डॉ. सिंह को एक प्रतिष्ठित अर्थशास्त्री और राजनीतिक नेता बताते हुए उनके योगदान को याद किया. डार ने कहा, "चाकवाल जिले के एक छोटे से गांव में जन्मे डॉ. मनमोहन सिंह ने अपनी बुद्धिमत्ता और सौम्यता से लोगों का दिल जीता. उनकी उपलब्धियां न केवल अर्थशास्त्र के क्षेत्र में उल्लेखनीय थीं, बल्कि उन्होंने क्षेत्रीय शांति को बढ़ावा देने के लिए भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई."
डॉ. मनमोहन सिंह के कार्यकाल को याद करते हुए डार ने कहा, "भारत-पाकिस्तान संबंधों को बेहतर बनाने में उनका योगदान हमेशा याद किया जाएगा. उन्होंने क्षेत्रीय मुद्दों को आपसी समझ, संवाद और सहयोग के जरिए सुलझाने पर बल दिया, जो उनके दूरदर्शी दृष्टिकोण को दर्शाता है."
केंद्र सरकार ने पूर्व प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह की स्मृति में राष्ट्रीय राजधानी में एक स्मारक बनाने का फैसला किया है. शुक्रवार को आधिकारिक सूत्रों ने यह जानकारी दी और कांग्रेस पर इस मुद्दे को लेकर राजनीति करने का आरोप लगाया. पीटीआई के मुताबिक, सूत्रों ने बताया कि स्मारक बनाने के निर्णय से कांग्रेस को पहले ही सूचित किया जा चुका है, लेकिन इसके लिए उपयुक्त स्थान तय करने में कुछ दिन का समय लगेगा.
सरकारी सूत्र ने कहा, "सरकार ने मनमोहन सिंह के सम्मान में स्मारक बनाने का निर्णय कांग्रेस को सूचित कर दिया है, लेकिन कांग्रेस इस पर राजनीति कर रही है." डॉ. मनमोहन सिंह, जो कांग्रेस के नेतृत्व वाली यूपीए सरकार के प्रमुख थे और आर्थिक सुधारों के लिए जाने जाते हैं, का गुरुवार को 92 वर्ष की आयु में निधन हो गया. उन्होंने 2004 से 2014 तक भारत के प्रधानमंत्री के रूप में 10 वर्षों तक देश का नेतृत्व किया.
कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने शुक्रवार को ट्वीट कर केंद्र सरकार पर पूर्व प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह के प्रति अपमानजनक रवैया अपनाने का आरोप लगाया. उन्होंने लिखा, "आज सुबह कांग्रेस अध्यक्ष ने प्रधानमंत्री को पत्र लिखकर यह प्रस्ताव दिया कि डॉ. मनमोहन सिंह का अंतिम संस्कार ऐसे स्थान पर किया जाए, जहां उनकी विरासत का सम्मान करने के लिए एक स्मारक बनाया जा सके." जयराम रमेश ने सवाल उठाते हुए कहा, "हमारे देश के लोग यह नहीं समझ पा रहे हैं कि भारत सरकार डॉ. मनमोहन सिंह के वैश्विक कद, उत्कृष्ट उपलब्धियों और दशकों तक राष्ट्र की सेवा के अनुरूप उनके अंतिम संस्कार और स्मारक के लिए कोई स्थान क्यों नहीं तय कर पाई." उन्होंने इसे भारत के पहले सिख प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह का जानबूझकर किया गया अपमान करार दिया. डॉ. मनमोहन सिंह, जो 2004 से 2014 तक भारत के प्रधानमंत्री रहे, का गुरुवार को 92 वर्ष की आयु में निधन हो गया. उनका अंतिम संस्कार शनिवार सुबह 11:45 बजे दिल्ली के निगमबोध घाट पर पूरे राजकीय सम्मान के साथ किया जाएगा.
दिवंगत पूर्व प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह को वाराणसी के दशाश्वमेध घाट पर गंगा आरती के दौरान श्रद्धांजलि दी गई.
शिरोमणि अकाली दल के अध्यक्ष सुखबीर सिंह बादल ने केंद्र सरकार पर डॉ. मनमोहन सिंह के अंतिम संस्कार को लेकर लिए गए फैसले पर कड़ा आक्रोश व्यक्त किया है. उन्होंने X पर पोस्ट में कहा कि "यह चौंकाने वाला और निंदनीय है कि केंद्र सरकार ने डॉ. मनमोहन सिंह जी के परिवार की वह अपील ठुकरा दी, जिसमें उन्होंने उनके अंतिम संस्कार और स्मारक के लिए एक ऐतिहासिक स्थल की मांग की थी. यह स्थान राजघाट होना चाहिए था, जो इस महान नेता की असाधारण सेवाओं के अनुरूप होता."
उन्होंने इस फैसले को "सरकार की पूर्व प्रधानमंत्री और सिख समुदाय के पहले प्रधानमंत्री के प्रति असम्मानजनक" करार दिया. उन्होंने कहा कि यह कदम न केवल स्थापित परंपराओं के विपरीत है, बल्कि एक महान नेता की वैश्विक प्रतिष्ठा के प्रति भी अनादर है. सुखबीर सिंह बादल ने बताया कि "डॉ. मनमोहन सिंह जी ने देश को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर नई ऊंचाइयों पर पहुंचाया. हमारी राजनीतिक मतभेदों के बावजूद, हमने हमेशा उन्हें राजनीति से ऊपर उठकर एक राष्ट्रीय नेता के रूप में सम्मान दिया है."
रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने भारत की राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखकर भारत के पूर्व प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह के निधन पर गहरी शोक संवेदना व्यक्त की है. राष्ट्रपति पुतिन ने अपने संदेश में कहा, "मनमोहन सिंह एक उत्कृष्ट राजनेता थे. प्रधानमंत्री के रूप में और अन्य उच्च पदों पर रहते हुए उन्होंने भारत के आर्थिक विकास को बढ़ावा देने और वैश्विक मंच पर भारत के हितों को स्थापित करने में महत्वपूर्ण योगदान दिया."
उन्होंने यह भी कहा कि डॉ. मनमोहन सिंह ने भारत और रूस के बीच दोस्ती को मजबूती देने और इसे विशेष रणनीतिक साझेदारी के स्तर तक ले जाने में अहम भूमिका निभाई. राष्ट्रपति पुतिन ने कहा"मैंने इस असाधारण व्यक्ति से कई बार बातचीत की. हम उनके साथ की यादों को हमेशा संजोकर रखेंगे,"
पूर्व प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह का अंतिम संस्कार शनिवार सुबह 11:45 बजे दिल्ली के निगम बोध घाट पर किया जाएगा. उनके निधन से पूरे देश में शोक की लहर है. डॉ. सिंह को राजकीय सम्मान के साथ अंतिम विदाई दी जाएगी. देश-विदेश से नेता और गणमान्य लोग उनकी अंतिम यात्रा में शामिल होने के लिए पहुंच रहे हैं.
देश के पूर्व प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह को श्रद्धांजलि देने के लिए अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी (AICC) मुख्यालय में कांग्रेस कार्य समिति (CWC) की बैठक आयोजित की गई. बैठक में हिस्सा लेने के लिए लोकसभा में विपक्ष के नेता और कांग्रेस सांसद राहुल गांधी AICC मुख्यालय पहुंचे. इस दौरान कांग्रेस संसदीय दल की अध्यक्ष सोनिया गांधी भी बैठक में शामिल होने के लिए पहुंचीं. बैठक में डॉ. मनमोहन सिंह के योगदान को याद करते हुए उन्हें श्रद्धांजलि दी जाएगी. कांग्रेस कार्य समिति के अन्य वरिष्ठ नेता भी इस महत्वपूर्ण बैठक में शामिल होने के लिए पहुंचे हैं.
मलेशिया के प्रधानमंत्री अनवर इब्राहिम ने पूर्व पीएम डॉ. सिंह को याद करते हुए अपना मित्र बताया. उन्होंने कहा, "वह केवल एक राजनेता ही नहीं, बल्कि मानवता और उदारता का जीवंत उदाहरण थे. कठिन समय में उन्होंने मेरे परिवार के लिए जो सहानुभूति दिखाई, उसे मैं कभी नहीं भूल सकता."
नेपाल के पूर्व प्रधानमंत्री पुष्प कमल दहल ‘प्रचंड’ ने कहा, "डॉ. सिंह का निधन भारत के लिए एक बड़ी क्षति है. उनका नेतृत्व और योगदान आने वाली पीढ़ियों को प्रेरित करता रहेगा." मालदीव के पूर्व राष्ट्रपति मोहम्मद नशीद ने उन्हें "स्नेहिल पिता तुल्य" और मालदीव का सच्चा मित्र बताया. श्रीलंका के पूर्व राष्ट्रपति महिंदा राजपक्षे ने कहा, "डॉ. मनमोहन सिंह भारत के आर्थिक उदारीकरण के शिल्पकार थे. उनका योगदान भारत के लिए एक नए युग की शुरुआत थी."
फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों ने भी पूर्व पीएम को श्रद्धांजलि दी है. उन्होंने कहा, "भारत ने एक महान व्यक्ति खो दिया और फ्रांस ने एक सच्चा मित्र. डॉ. मनमोहन सिंह ने अपने देश को समर्पित जीवन जिया. हमारी संवेदनाएं उनके परिवार और भारत की जनता के साथ हैं."
अमेरिकी विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन ने पूर्व पीएम डॉ. मनमोहन सिंह को भारत-अमेरिका सामरिक साझेदारी का "सबसे बड़ा समर्थक" बताया. उन्होंने कहा, "डॉ. सिंह के नेतृत्व में हुए भारत-अमेरिका सिविल न्यूक्लियर सहयोग समझौते ने दोनों देशों के संबंधों को नई ऊंचाई दी."
देश के पूर्व प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह के निधन पर उत्तर प्रदेश के मंत्री असीम अरुण ने अपनी गहरी शोक संवेदना जताई है. असीम अरुण, साल 2004 से तीन वर्षों तक डॉ. मनमोहन सिंह के विशेष सुरक्षा गार्ड (SPG) रहे थे, उन्होंने पूर्व पीएम को एक प्रेरणादायक व्यक्तित्व बताया. असीम अरुण ने कहा, "मैं अपनी गहरी संवेदनाएं व्यक्त करता हूं. मुझे तीन वर्षों तक उनके साथ रहने और देश-विदेश में उनके साथ यात्रा करने का अवसर मिला. उनकी जीवनशैली, संवाद करने का तरीका और प्रबंधन सभी के लिए प्रेरणादायक था. प्रधानमंत्री के रूप में उनका टाइम मैनेजमेंट असाधारण था. हर रात उनके पास अध्ययन के लिए एक घंटे का तय समय होता था." पूर्व प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह की सरलता और कार्यशैली को याद करते हुए उन्होंने कहा कि उनका व्यक्तित्व सभी को बेहतर बनने की प्रेरणा देता था. देश के राजनीतिक और सामाजिक क्षेत्र में डॉ. सिंह के योगदान को हमेशा याद किया जाएगा.
पूर्व प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह का पार्थिव शरीर अंतिम दर्शन के लिए उनके निवास स्थान 3, मोतीलाल नेहरू रोड नई दिल्ली में रखा गया है. कल (28 दिसंबर) सुबह 8 बजे उनके पार्थिव शरीर को कांग्रेस मुख्यालय ले जाया जाएगा और कांग्रेस कार्यकर्ताओं के साथ-साथ आम लोग भी सुबह 8.30 से 9.30 बजे के बीच श्रद्धांजलि अर्पित कर सकेंगे. इसके बाद यहीं से उनकी अंतिम यात्रा निकाली जाएगी.
(इनपुट: मौसमी सिंह)
कांग्रेस नेता केसी वेणुगोपाल ने बताया है कि पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह की अंत्येष्टि कल (28 दिसंबर) को होगी. अंतिम संस्कार 10 से 11 बजे की बीच किया जाएगा. इससे पहले सुबह 9.30 बजे दिल्ली में स्थित कांग्रेस मुख्यालय से उनकी अंतिम यात्रा निकाली जाएगी.
(इनपुट: अमित भारद्वाज)
पूर्व प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह को श्रद्धांजलि देने के लिए आज शाम 5.30 बजे अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी मुख्यालय में कांग्रेस कार्यसमिति की बैठक बुलाई गई है, जिसमें CWC के स्थायी मेंबर और विशेष आमंत्रित सदस्य शामिल होंगे.
(इनपुट: अमित भारद्वाज)
केंद्रीय कैबिनेट की बैठक खत्म हो गई है. इस बैठक में पूर्व प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह के देश को योगदान को याद किया गया और एक शोक प्रस्ताव भी पारित किया गया.
आम आदमी पार्टी (AAP) के सांसद संजय सिंह ने पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के लिए भारत रत्न की मांग की है. वहीं, देश के पूर्व पीएम डॉ. मनमोहन सिंह के निधन के बाद उनके साथ यूपीए-1 और यूपीए-2 कैबिनेट में सहयोगी रहे सुबोध कांत सहाय ने उन्हें याद किया है. सहाय ने कहा,'पूर्व पीएम का झारखंड से गहरा लगाव रहा है. मनरेगा की लॉन्चिंग के लिए उन्होंने झारखंड को ही चुना था. यह पहली योजना थी, जो तब कम से कम 100 दिनों के रोजगार की गारंटी मजदूरों को देती है.'
(इनपुट: अमित भारद्वाज, सत्यजीत कुमार)
कांग्रेस संसदीय दल की अध्यक्ष सोनिया गांधी, लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी और कांग्रेस सांसद प्रियंका गांधी ने पूर्व पीएम मनमोहन सिंह के पार्थिव शरीर के अंतिम दर्शन किए.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पूर्व पीएम मनमोहन सिंह को श्रद्धांजलि दी और कहा, 'डॉ. मनमोहन सिंह की विनम्रता, सौम्यता और बौद्धिकता उनकी पहचान बनी. दुनिया के प्रतिष्ठित संस्थानों से शिक्षा लेने और सरकार के शीर्ष पदों पर रहने के बाद भी उनका व्यक्तित्व बेहद सरल था. वे सभी के लिए सहज उपलब्ध रहे. जब मैं सीएम था, तब उनके साथ राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय मुद्दों पर खुले मन से चर्चा होती थी. मेरे दिल्ली आने पर उनसे बात और मुलाकात होती थी.'
उप राष्ट्रपति जगदीप धनखड़, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और कांग्रेस संसदीय दल की अध्यक्ष सोनिया गांधी मनमोहन सिंह के आवास पर पहुंचे और उनके पार्थिव शरीर के अंतिम दर्शन कर पूर्व पीएम को श्रद्धांजलि दी.
पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह का अंतिम संस्कार कल (शनिवार ) सुबह 10-11 बजे दिल्ली के शक्ति स्थल के पास विशेष राजकीय प्रोटोकॉल के साथ होगा. उनकी बेटी आज देर रात अमेरिका से दिल्ली पहुंचेंगी. फिलहाल, डॉ. मनमोहन सिंह का पार्थिव शरीर दिल्ली के मोतीलाल नेहरू मार्ग पर स्थित उनके आवास पर रखा गया है. कल रात एम्स से उनके पार्थिव शरीर को यहां लाया गया था, जहां उनके अंतिम दर्शन के लिए लोगों की भीड़ लग रही है.
(इनपुट: मंजीत नेगी)
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृहमंत्री अमित शाह पूर्व पीएम मनमोहन सिंह के आवास पर उनके पार्थिव शरीर के अंतिम दर्शन करने पहुंचे हैं. उनके साथ बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा भी हैं. इस बीच बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने डॉ. मनमोहन सिंह के निधन को देखते हुए 27 और 28 दिसंबर की अपनी प्रगति यात्रा को स्थगित कर दिया है. उनकी यात्रा का पहला चरण कल खत्म होना था. आज मुजफ्फरपुर और कल उनकी यात्रा वैशाली में रहने वाली थी.
(इनपुट: अशोक सिंघल, रोहित कुमार सिंह)
देश के गृहमंत्री अमित शाह और भारतीय जनता पार्टी (BJP) के अध्यक्ष जेपी नड्डा, पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के पार्थिव शरीर के दर्शन करने के लिए उनके आवास पर पहुंचे.
तेलंगाना के मुख्यमंत्री और कांग्रेस नेता रेवंत रेड्डी, मनमोहन सिंह को श्रद्धांजलि देने के लिए दोपहर करीब 2 बजे दिल्ली के लिए रवाना होंगे. वहीं, तमिलनाडु के मुख्यमंत्री और DMK पार्टी के चीफ एमके स्टालिन भी मनमोहन सिंह को श्रद्धांजलि देने के लिए दिल्ली रवाना होने वाले हैं.
(इनपुट: नागार्जुन)
प्रधानमंत्री के रूप में मनमोहन सिंह ने भारत की विदेश नीति को आकार दिया और राजनीतिक दलों के कड़े विरोध के बावजूद अमेरिका के साथ असैन्य परमाणु समझौते के लिए बातचीत को आगे बढ़ाया. जब मनमोहन सिंह ने 1991 में वित्त मंत्री का पद संभाला तो भारत गंभीर भुगतान संतुलन संकट से जूझ रहा था. पूरी खबर पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें
पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह का जन्म अविभाजित पंजाब (अब पाकिस्तान में) के एक गांव में हुआ था और उनके परिवार ने विभाजन की त्रासदी झेली थी. शायद यही कारण है कि सिंह अपने लंबे सार्वजनिक जीवन में अक्सर सांप्रदायिक सद्भाव की बात करते थे. भारत में आर्थिक सुधारों का सूत्रपात करने वाले सिंह का गुरुवार रात निधन हो गया. वे 92 वर्ष के थे. उनका जन्म पंजाब प्रांत के पश्चिमी क्षेत्र गाह में हुआ था जो अब पाकिस्तान में आता है. सिंह एक प्रसिद्ध अर्थशास्त्री थे और भारत समेत विदेशों में उनका काफी सम्मान था. पूरी खबर पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें
पंजाब के अमृतसर के एक निवासी का कहना है कि वे (पूर्व प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह) 70-80 साल पहले यहां रहा करते थे. सांसद बनने के बाद वे एक बार यहां आए थे. अमृतसर के लोग उनके निधन से दुखी हैं, क्योंकि वे अमृतसर के रहने वाले थे. वहीं, कांग्रेस नेता संदीप दीक्षित ने कहा है कि मनमोहन सिंह का अंतिम संस्कार कहां होगा. अभी परिवार विचार कर रहा है. कार्यक्रम तय नहीं हुआ है. उनकी बेटी विदेश से आ रही हैं और दोपहर या शाम तक आ जाएंगी, उसके बाद सब तय होगा. अंतिम संस्कार कल हो सकता है.
(इनपुट: मौसमी सिंह)
पूर्व प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह का अंतिम संस्कार कल (28 दिसंबर) किया जा सकता है. मनमोहन सिंह के निधन की जानकारी मिलने के बाद उनकी एक बेटी अमेरिका से दिल्ली लौट रही हैं.
डॉ. मनमोहन सिंह का राजनीति में आने का किस्सा बहुत रोचक है. डॉ. सिंह को पीवी नरसिम्हा राव सरकार में वित्त मंत्री बनने का प्रस्ताव देर रात नींद से उठाकर दिया गया था, जिस पर उन्हें यकीन नहीं हुआ और अगली सुबह वे अपने दफ्तर चले गए थे, जबकि उन्हें शपथ लेने के लिए राष्ट्रपति भवन जाना था. पूरी खबर पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें
पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के निधन के बाद कांग्रेस पार्टी ने अगले 7 दिनों के सभी कार्यक्रम रद्द कर दिए हैं. पार्टी महासचिव केसी वेणुगोपाल ने इसकी जानकारी दी. उन्होंने एक्स पोस्ट में कहा,'दिवंगत पूर्व प्रधानमंत्री डॉक्टर मनमोहन सिंहजी के सम्मान में कांग्रेस के स्थापना दिवस समारोह सहित सभी आधिकारिक कार्यक्रम अगले सात दिनों के लिए रद्द कर दिए गए हैं. इसमें सभी आंदोलन और आउटरीच कार्यक्रम शामिल हैं. पार्टी के कार्यक्रम 3 जनवरी, 2025 को फिर से शुरू होंगे. शोक की इस घड़ी के दौरान पार्टी का झंडा आधा झुका रहेगा.'
अफगानिस्तान के पूर्व राष्ट्रपति हामिद करजई ने पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के निधन पर दुख जताते हुए कहा,'भारत ने अपने सबसे शानदार बेटों में से एक को खो दिया है. डॉ मनमोहन सिंह अफगानिस्तान के लोगों के लिए एक अटूट सहयोगी और मित्र थे. मैं उनके निधन पर गहरा शोक व्यक्त करता हूं और उनके परिवार, सरकार और भारत के लोगों के प्रति अपनी गहरी संवेदना व्यक्त करता हूं. उनकी आत्मा को शांति मिले.'
कांग्रेस के सीनियर लीडर और लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी कांग्रेस चीफ मल्लिकार्जुन खड़गे के साथ दिल्ली पहुंच गए हैं. बता दें कि दोनों कर्नाटक के बेलगावी से दिल्ली पहुंचे हैं. बेलगावी में कांग्रेस नेता वर्किंग कमेटी की बैठक के लिए इकट्ठा हुए थे. आज बेलगावी में कांग्रेस की रैली भी होने वाली थी, लेकिन पूर्व पीएम मनमोहन सिंह के निधन के बाद इसे रद्द कर दिया गया.
कांग्रेस महासचिव केसी वेणुगोपाल ने कहा, 'यह दुखद है. डॉ. मनमोहन सिंह कांग्रेस और देश के असली प्रतीक थे. आजादी के बाद के नायक थे. देश पर शासन करने की उनकी दूरदर्शिता और क्षमता को सभी ने देखा. 28 दिसंबर को कांग्रेस स्थापना दिवस समेत 7 दिनों के लिए कांग्रेस के सभी कार्यक्रम रद्द कर दिए गए हैं.'