
हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री और करनाल लोकसभा सीट से बीजेपी उम्मीदवार मनोहर लाल खट्टर ने कहा कि जब उन्हें करनाल लोकसभा सीट का ऑफर दिया गया था. तो उन्होंने एक शर्त रखी थी.
खट्टर ने मंगलवार को करनाल में विजय शंखनाद रैली को संबोधित करते हुए कहा कि पीएम मोदी, मैं और मुख्यमंत्री नायब सैनी सभी साधारण पृष्ठभूमि से है. नायब सिंह सैनी अपनी मेहनत के बूते एक छोटे से कार्यकर्ता से सफर शुरू कर मुख्यमंत्री की कुर्सी तक पहुंचे. हमारे विरोधी हमेशा हमारी आलोचना करते हैं और हम पर सवाल उठाते हैं कि हम अनुभवी नहीं है, अपनी ही सरकार को तोड़ने की कोशिश करते हैं लेकिन हमें 40 सालों तक लोगों की सेवा करने का अनुभव है.
उन्होंने कहा कि हमने 'दयाल योजना' के तहत 400 करोड़ रुपये वितरित किए हैं. मैंने सीएम सैनी से अपील की है कि ये काम रुकना नहीं चाहिए. मैं अपने भाई नायब सिंह की सेवा करने के लिए 24 घंटे तैयार हूं. हम हरियाणा को एक मुकाम पर ले आए हैं कि अन्य राज्य हमारी कॉपी कर रहे हैं.
उन्होंने करनाल सीट से इस्तीफा देने की वजह बताते हुए कहा कि करनाल सीट से उन्होंने इसलिए इस्तीफा दिया था क्योंकि वह मुख्यमंत्री का शहर है और मैंने हाई कमान से कहा कि नए मुख्यमंत्री को करनाल विधानसभा से चुनावी मैदान में उतारें.
करनाल सीट से चुनावी मैदान में उतरने से पहले रखी थी शर्त
मनोहर लाल खट्टर ने बताया कि जब उन्हें करनाल से लोकसभा टिकट ऑफर किया गया था, तब उन्होंने एक शर्त रखी थी. उन्होंने बताया कि जब मुझे करनाल से टिकट का ऑफर किया गया, तब मैंने एक शर्त रखी कि चुनाव तभी लड़ूंगा, जब यहां से मौजूदा सांसद संजय भाटिया इसकी अनुमति देंगे. पिछली बार हम करनाल लोकसभा सीट 6.5 लाख वोटों के अंतर से जीते थे.
बता दें कि लोकसभा चुनाव से पहले हरियाणा में बीजेपी-जेजेपी का गठबंधन टूट गया था और मनोहर लाल खट्टर ने मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया था. इसके बाद बीजेपी ने नायब सिंह सैनी को राज्य का नया मुख्यमंत्री बनाया था.
खट्टर के करीबी माने जाते हैं नायब सिंह सैनी
नायब सिंह सैनी को राज्य का नया मुखिया चुना गया था. नायब सिंह को मनोहर लाल खट्टर का करीबी माना जाता है और इस समय वह राज्य में बीजेपी के अध्यक्ष थे. साल 2019 में भाजपा ने उन्हें कुरुक्षेत्र लोकसभा सीट से चुनाव मैदान में उतारा था. सैनी को 2023 में प्रदेश भाजपा के अध्यक्ष पद की जिम्मेदारी दी गई थी.