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Goa Election: मनोहर पर्रिकर के बेटे उत्पल क्यों हैं BJP से नाराज? AAP ने क्या दिया ऑफर?

Goa Assembly Election 2022: यूपी के बाद गोवा में भी बीजेपी के लिए मुसीबत बढ़ गई है. ये मुसीबत पूर्व रक्षा मंत्री और मुख्यमंत्री दिवंगत मनोहर पर्रिकर (Manohar Parrikar) के बेटे उत्पल पर्रिकर (Utpal Parrikar) ने खड़ी की है. उत्पल पणजी से चुनाव लड़ना चाहते हैं लेकिन पार्टी उनको टिकट देने के मूड में नहीं है.

उत्पल पर्रिकर पणजी से टिकट चाहते हैं. (फाइल फोटो) उत्पल पर्रिकर पणजी से टिकट चाहते हैं. (फाइल फोटो)
aajtak.in
  • नई दिल्ली,
  • 17 जनवरी 2022,
  • अपडेटेड 5:07 PM IST
  • पणजी से 6 बार विधायक थे मनोहर पर्रिकर
  • 2019 में अतनासियो मोंटेसेरेट पणजी से जीते
  • इस बार पर्रिकर के बेटे पणजी से लड़ना चाहते हैं

Goa Assembly Election 2022: उत्तर प्रदेश के बाद बीजेपी के लिए गोवा में भी मुसीबत खड़ी हो गई है. ये मुसीबत किसी और ने नहीं, बल्कि पूर्व रक्षा मंत्री और पूर्व मुख्यमंत्री दिवंगत मनोहर पर्रिकर (Manohar Parrikar) के बेटे उत्पल पर्रिकर (Utpal Parrikar) ने खड़ी की है. गोवा विधानसभा चुनाव में उत्पल पणजी सीट से ही चुनाव लड़ना चाहते हैं, लेकिन बीजेपी उन्हें यहां से चुनाव लड़ाने के मूड में नहीं है. ऐसे में अब उत्पल और बीजेपी के बीच तलवार खीच गई है.

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पणजी पर रहा है बीजेपी का दबदबा

- गोवा की पणजी विधानसभा सीट पर बीजेपी का दबदबा रहा है. मनोहर पर्रिकर यहां से 6 बार विधायक थे. मनोहर पर्रिकर पहली बार 1994 में इस सीट से विधायक चुने गए थे. इसके बाद 1994, 2002, 2007, 2012 में भी विधायक बने. 

-  2014 में लोकसभा चुनाव में बीजेपी की जीत के बाद मनोहर पर्रिकर केंद्र में चले गए और रक्षा मंत्री बने. 2017 के विधानसभा चुनाव तक पर्रिकर रक्षा मंत्री ही रहे. उसके बाद उन्होंने इस्तीफा दे दिया और फिर से गोवा के मुख्यमंत्री बन गए.

- 2017 में पर्रिकर फिर से इस सीट से जीतकर आए. 17 मई 2019 को पर्रिकर का निधन हो गया. उनके निधन के बाद इस सीट पर हुए उपचुनाव में कांग्रेस के अतनासियो मोंटेसेरेट (Atanasio Monserrate) जीते. बाद में मोंटेसेरेट बीजेपी में आ गए. 

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उत्पल पणजी से ही लड़ना चाहते हैं

- मनोहर पर्रिकर के बेटे उत्पल पणजी से ही चुनाव लड़ना चाहते हैं. हालांकि, बीजेपी इस मूड में नहीं दिख रही है. उत्पल की ओर से टिकट की जिद पर गोवा बीजेपी के प्रभारी देवेंद्र फडणवीस (Devendra Fadnavis) ने कहा कि 'पार्टी किसी को सिर्फ इसलिए टिकट नहीं दे सकती क्योंकि वो एक नेता के बेटा है.'

- इसके बाद उत्पल भी नाराज हो गए. न्यूज एजेंसी के मुताबिक, उत्पल ने कहा कि 'गोवा में जिस तरह की राजनीति हो रही है. उसे में बर्दाश्त नहीं कर सकता. क्या केवल जीतने की योग्यता ही पैमाना है? चरित्र और ईमानदारी कोई मायने नहीं रखती?'

- उत्पल ने ये भी कहा कि जहां से मनोहर पर्रिकर विधायक रहे हैं, वहां से पार्टी क्या किसी आपराधिक इतिहास वाले व्यक्ति को टिकट देगी? उत्पल का निशाना मोंटेसेरेट की ओर था जिन पर बलात्कार का केस चल रहा है.

उत्पल को AAP ने दिया ऑफर, TMC ने चुनाव लड़ने से मना किया

- अगर बीजेपी उत्पल को टिकट नहीं देती है तो उत्पल निर्दलीय ही चुनाव लड़ सकते हैं. ऐसे में आम आदमी पार्टी (AAP) ने उत्पल को पार्टी में शामिल होने का न्योता दे दिया है. 

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-  वहीं, गायिका और सोशल एक्टिविस्ट हेमा सरदेसाई ने बताया कि उन्हें टीएमसी से निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में चुनाव लड़ने का प्रस्ताव मिला है. उन्होंने कहा कि अगर उत्पल चुनाव लड़ रहे हैं तो मुझे लड़ने की जरूरत नहीं है. उन्होंने उत्पल को पणजी की जरूरत बताया.

उत्पल को टिकट देने के मूड में क्यों नहीं बीजेपी?

दरअसल, अतनासियो मोंटेसेरेट का असर आसपास की 5-6 सीटों पर भी माना जाता है. उनकी पत्नी जेनिफर तालेगांव से विधायक हैं. उनके बेटे पणजी के मेयर हैं. ऐसे में अगर मोंटेसेरेट की जगह उत्पल को पणजी से टिकट मिलता है तो बीजेपी के लिए मुसीबत बढ़ सकती है. साथ ही अगर उत्पल निर्दलीय भी लड़ते हैं तो भी पार्टी को परेशानी हो सकती है.

 

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