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'हार्ट बीट ऊपर-नीचे होती है, उसका कोई मैच नहीं देखते...', आजतक से बोले मनु भाकर के माता-पिता

मनु भाकर के पिता ने आजतक से कहा कि, 'वह शुरू से ही मनु का कोई मैच नहीं देखते हैं क्योंकि उसमें हार्ट बीट ऊपर नीचे होती रहती है. बल्कि परिवार का कोई भी सदस्य मनु का मैच नहीं देखता. एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि ओलंपिक में पहुंचना ही बहुत बड़ी बात है और वहां जाकर मेडल जीतना एक बहुत बड़ी अचीवमेंट है.

मनु भाकर के माता-पिता ने जताई खुशी मनु भाकर के माता-पिता ने जताई खुशी
सचिन गौड़
  • नई दिल्ली,
  • 30 जुलाई 2024,
  • अपडेटेड 8:36 PM IST

मनु भाकर के दोबारा ब्रॉन्ज मेडल जीतने के बाद उनकी मां ने आजतक से खास बातचीत की. मनु की मां करणी सिंह शूटिंग रेंज पहुंची थी, जहां मनु अक्सर प्रैक्टिस करती हैं. मनु की मां सुमेधा ने कहा कि यह मनु के प्रति छात्रों, खिलाड़ियों और उनके पेरेंट्स का प्यार है कि आज उसकी इस सफलता को सेलिब्रेट करने के लिए सैकड़ों की संख्या में लोग करणी सिंह शूटिंग रेंज में इकट्ठा हुए हैं. उन्होंने कहा कि मनु का पहला घर तो यही जगह है क्योंकि घर पर तो वह सिर्फ सोने के लिए आती है.

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उन्होंने कहा कि उसका सारा दिन यहीं प्रैक्टिस में बीतता है. मां सुमेधा ने कहा कि मनु ने इस मुकाम को हासिल करने के लिए साढ़े आठ साल तप किया है, लेकिन यह तप उसके कोच जसपाल राणा के बिना संभव नहीं था. कोच जसपाल राणा और मनु भाकर की जोड़ी ने यह कमाल किया है. टोक्यो ओलंपिक और पेरिस ओलंपिक के बीच क्या बदला तो उन्होंने कहा कि टोक्यो ओलंपिक में जसपाल सर नहीं थे लेकिन अब वह साथ हैं तो सब अच्छा हो गया.

वहीं, मनु भाकर के पिता ने आजतक से कहा कि, 'वह शुरू से ही मनु का कोई मैच नहीं देखते हैं क्योंकि उसमें हार्ट बीट ऊपर नीचे होती रहती है. बल्कि परिवार का कोई भी सदस्य मनु का मैच नहीं देखता. एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि ओलंपिक में पहुंचना ही बहुत बड़ी बात है और वहां जाकर मेडल जीतना एक बहुत बड़ी अचीवमेंट है. मनु ने दो मेडल जीते हैं. इसके बाद तीसरे इवेंट के लिए उम्मीद और बढ़ गई है. 

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मनु के पिता रामकिशन भाकर ने कहा कि मनु से सुबह से कोई बातचीत नहीं हुई है उससे रात 9:00 बजे बात होगी, जब उसके कोच उसके साथ होंगे और वह कोच के फोन से हमें फोन करेगी. जब उनसे पूछा कि मनु के तीसरे इवेंट के लिए वह क्या उम्मीद करते हैं तो उन्होंने कहा कि भगवान ने हमें बहुत कुछ दिया है हम उसका शुक्रिया अदा करते हैं. जब उनसे पूछा गया कि इस दो मेडल के बाद क्या सोसाइटी में उन्हें मनु के पिता के नाम से जाना जाएगा तो उन्होंने कहा कि मुझे सभी लोग मनु के पिता के नाम से ही जानते हैं, क्योंकि इससे पहले भी उसने बहुत सारे मेडल जीते हैं. 

जसपाल राणा के बाद अभिनव बिंद्रा और अब मनु भाकर की उपलब्धि के बाद क्या देश में शूटिंग का क्रेज बढ़ेगा तो उन्होंने कहा कि पहले से ही बहुत क्रेज बढ़ चुका है, क्योंकि अभी तक हरियाणा में ही 20000 से ज्यादा शूटर हैं. उन्होंने यह भी कहा कि क्रिकेट को देश में बहुत तवज्जो मिलती है जबकि अन्य खेलों में भी खिलाड़ी बहुत अच्छा प्रदर्शन कर रहे हैं मीडिया द्वारा उन्हें भी कवर किए जाने की जरूरत है.

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