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मैरिज हॉल, अपार्टमेंट, लग्जरी फ्लैट्स और कंपनियों में ऊंचे पद... समझें मनी ट्रेल... कैसे अर्पिता मुखर्जी ने करोड़ों रुपये बनाए

पश्चिम बंगाल के पूर्व मंत्री पार्थ चटर्जी और उनकी सहयोगी अर्पिता मुखर्जी पर ईडी की रेड पड़ने के बाद कई खुलासे हुए. जांच में सामने आया कि अर्पिता कई कंपनियों में डायरेक्टर थीं. ईडी को शक है कि इन कंपनियों का इस्तेमाल पैसों को ठिकाने लगाने में किया जाता था. इस बात को लेकर आजतक ने अपनी पड़ताल की, जिसमें कई चौंकाने वाले खुलासे हुए.

अर्पिता मुखर्जी (File Photo) अर्पिता मुखर्जी (File Photo)
मुनीष पांडे/मो. हिज्बुल्लाह
  • कोलकाता/नई दिल्ली,
  • 03 अगस्त 2022,
  • अपडेटेड 2:22 PM IST

बंगाल के शिक्षक भर्ती घोटाले में गिरफ्तार पूर्व मंत्री पार्थ चटर्जी की करीबी अर्पिता से जुड़ी 3 कंपनियां ईडी की जांच के घेरे में हैं. जांच एजेंसी को शक है कि पार्थ के साथ जुड़ने के बाद अर्पिता को इन कंपनियों में डायरेक्टर बनाया गया.

ईडी ने जब अर्पिता के 2 कमरे वाले अपार्टमेंट में 22 जुलाई को छापा मारा था तो 21 करोड़ 90 लाख कैश, सोने के जेवर और विदेशी मुद्रा की खेप मिली थी. पांच दिन बाद ईडी ने अर्पिता मुखर्जी के एक और अपार्टमेंट से 27 करोड़ 90 लाख के नोट, पांच करोड़ का सोने और विदेशी मुद्रा जब्त की थी. पार्थ ने अर्पिता को भी कोलकाता की 3 कंपनियों का डायरेक्टर बना दिया था.

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इस मुद्दे से जुड़े राज खोलने के लिए आजतक इसकी तह तक पहुंचा. जांच में पता चला कि सिम्बियोसिस मर्चेंट प्राइवेट लिमिटेड, सेंट्री इंजीनियरिंग प्राइवेट लिमिटेड और एचे एंटरटेनमेंट प्राइवेट लिमिटेड को सिर्फ कागज पर काम करते हुए दिखाया गया था.

कंपनी के दस्तावेजों के मुताबिक 21 मार्च 2011 से सिम्बायोसिस मर्चेंट प्राइवेट लिमिटेड कई प्रकार की वस्तुओं के थोक व्यापार में शामिल है. इस कंपनी में 1 जुलाई 2021 को कल्याण धर नामक व्यक्ति को सह-निदेशक बनाया गया. 

कागजों पर सेंट्री इंजीनियरिंग प्राइवेट लिमिटेड विशेष प्रयोजन के लिए बनने वाली मशीनरी के निर्माण में शामिल है. अर्पिता मुखर्जी को 9 नवंबर 2011 को इसका डायरेक्टर बनाया गया. 2018 में कल्याण धर भी निदेशक के रूप में कंपनी में शामिल हुआ. 

29 अक्टूबर 2014 को रिकॉर्ड में आई कंपनी Echhay Entertainment Private Limited को मनोरंजन में शामिल दिखाया गया है. अर्पिता मुखर्जी इसकी पहली डायरेक्टर थीं. कल्याण धर को 2018 में इसका दूसरा डायरेक्टर बनाया गया. उसी साल वह अर्पिता के साथ सेंट्री इंजीनियरिंग प्राइवेट लिमिटेड का डायरेक्टर बना.

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आजतक ने एक-एक करके तीनों कंपनियों के रजिस्टर्ड पतों को ट्रैक किया. Echhay Entertainment की इमारत में एक मेल बॉक्स था, जिसमें कंपनी के नाम की एक छोटी पर्ची थी. कोई साइनबोर्ड नहीं था, लेकिन मेलबॉक्स पर चिपकाई गई एक पर्ची से कंपनी का पता चल गया. जब यहां ड्यूटी पर तैनात गार्ड से बात की गई तो उसने खुलासा किया कि परिसर बैंक्वेट हॉल के रूप में संचालित होता है.

आजतक ने उस बिल्डिंग के गार्ड से बात की. गार्ड ने कहा कि यहां कोई नया कार्यक्रम नहीं होगा. ऑफिस बंद है. ईडी ने छापा मारा था. पूछने पर गार्ड ने बताया कि यह मूल रूप से एक वेडिंग हॉल है? उसने यह भी कहा कि उसने पार्थ चटर्जी और अर्पिता मुखर्जी को एक-दो बार देखा है.

आज तक की पड़ताल में कंपनी के कागज में लिखा और कोलकाता नगर निगम के रिकॉर्ड में उपलब्ध Echhay Entertainment का पता गलत पाया गया. नगर निगम के रिकॉर्ड में वही 95 राजडंगा मेन रोड का पता कृष्ण गोपाल कर के नाम दर्ज है. आजतक ने उस पते पर पहुंचकर कर परिवार से बात की.

जिस व्यक्ति के नाम पर पता पता दर्ज है, उसके बेटे संजीव ने बताया कि जिस इमारत में ऑफिस संचालित हो रहा था, उस पर कर परिवार का कब्जा है. कंपनी ने अपने बैनर तले इसका गलत इस्तेमाल किया है. नगर निगम के रिकॉर्ड में इस बात की पुष्टि हुई की कर परिवार पिछले कई सालों से उसी परिसर के बदले टैक्स का भुगतान कर रहे है. कंपनी के दस्तावेज बताते हैं कि 2014 में कंपनी बनने के बाद से कंपनी को तगड़ा मुनाफा हुआ है.

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इसके बनने के एक साल बाद साल 2015 में कंपनी ने 2,201 रुपये का लाभ कमाया, लेकिन छह साल बाद कंपनी का लाभ लगभग 40 लाख रुपये के शेष के साथ बढ़कर 14 लाख रुपए हो गया. 

आजतक की पड़ताल में यह भी पता चलता है कि उसी कंपनी ने कोलकाता के डायमंड सिटी साउथ में 75 लाख रुपये का 1,187 वर्ग फुट का अपार्टमेंट खरीदा गया था. इसका भुगतान दो बैंक खातों के जरिए किया गया था.

डायमंड सिटी अपार्टमेंट वही संपत्ति है, जहां से ईडी को 27.90 करोड़ नकद मिले थे. अधिकारियों को संदेह है कि कंपनी अर्पिता के नाम पर पंजीकृत एक जाली कंपनी हो सकती है. पार्थ चटर्जी इसका इस्तेमाल नकदी के जरिए संपत्ति के सौदों के माध्यम से काला धन लगाने के लिए कर रहे हैं.

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