
देश के कई राज्यों में इन दिनों मूसलाधार बारिश हो रही है, जिसकी वजह से नदियां उफान पर हैं और कई इलाके बाढ़ की चपेट में हैं. बाढ़-बारिश से लोगों का जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया है. मौसम विभाग ने 25 जुलाई को गुजरात, महाराष्ट्र, गोवा, ओडिशा, कर्नाटक और मध्य प्रदेश में भारी बारिश का अलर्ट जारी किया है.
दिल्ली का मौसम
दिल्ली में 25 जुलाई को तेज बारिश होने की संभावना है. वहीं, 26 से 28 जुलाई के बीच दिल्ली में हल्की बारिश होने के आसार हैं. इस दौरान उमस भरी गर्मी से भी राहत मिलेगी. IMD के मुताबिक, इस पूरे हफ्ते दिल्ली का अधिकतम तापमान 33 से 35 डिग्री सेल्सियस के बीच रह सकता है और न्यूनतम तापमान 26 से 28 डिग्री सेल्सियस के आसपास रहने की संभावना है.
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देश के मौसम का हाल
मौसम पूर्वानुमान एजेंसी स्काईमेट के मुताबिक, अगले 24 घंटों के दौरान, गुजरात, कोंकण और गोवा और पूर्वी राजस्थान के कुछ हिस्सों में मध्यम से भारी बारिश संभव है. वहीं मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, विदर्भ, मध्य महाराष्ट्र, तेलंगाना के कुछ हिस्सों, तटीय कर्नाटक और ओडिशा के कुछ हिस्सों में हल्की से मध्यम बारिश के साथ कुछ भारी बारिश हो सकती है. सिक्किम, पूर्वोत्तर भारत, उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, पश्चिम बंगाल और बिहार में हल्की से मध्यम बारिश के साथ एक या दो बार भारी बारिश हो सकती है.
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इसके अलावा हिमाचल प्रदेश, पंजाब, हरियाणा, दिल्ली, मराठवाड़ा, तेलंगाना, अंडमान और निकोबार द्वीप समूह और ओडिशा के कुछ हिस्सों में हल्की से मध्यम बारिश हो सकती है. वहीं, जम्मू कश्मीर, गिलगित बाल्टिस्तान, मुजफ्फराबाद, लद्दाख, राजस्थान के पश्चिमी हिस्सों, आंतरिक कर्नाटक, आंध्र प्रदेश, तमिलनाडु और लक्षद्वीप में हल्की बारिश संभव है.
देश की मौसमी गतिविधियां
मौसम पूर्वानुमान एजेंसी स्काईमेट के मुताबिक, झारखंड और आस-पास के इलाकों में चक्रवाती परिसंचरण समुद्र तल से 7.6 किलोमीटर ऊपर तक फैला हुआ है, जो ऊंचाई के साथ दक्षिण की ओर झुका हुआ है. वहीं, समुद्र तल पर मॉनसून की द्रोणिका बीकानेर, सीकर, ग्वालियर, सतना, डाल्टनगंज, कोंटाई और फिर पूर्व-दक्षिण-पूर्व की ओर उत्तर-पूर्वी बंगाल की खाड़ी से होकर गुजरती है और मुख्य समुद्र तल से 0.9 किलोमीटर ऊपर तक फैली हुई है.
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इसके अलावा समुद्र तल से 3.1 से 7.6 किलोमीटर ऊपर 22 डिग्री उत्तर में लगभग साझा क्षेत्र दक्षिण की ओर झुका हुआ है. दक्षिण गुजरात-केरल तट पर औसत स्तर पर अपतटीय द्रोणिका बनी हुई है. उत्तर-पश्चिम उत्तर प्रदेश में 1.5 किलोमीटर ऊपर चक्रवाती परिसंचरण बना हुआ है. उत्तर-पूर्व असम में 1.5 किलोमीटर ऊपर चक्रवाती परिसंचरण बना हुआ है. दक्षिण-पश्चिम राजस्थान पर 1.5 किमी ऊपर चक्रवाती परिसंचरण बना हुआ है. जिसकी वजह से देश के अधिकतर हिस्सों में मॉनसून की बारिश की गतिविधियां बढ़ी हैं.