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लीबिया में 14 सितंबर को 7 भारतीयों का अपहरण, सकुशल रिहाई की कोशिशें जारी- विदेश मंत्रालय

विदेश मंत्रालय ने आज गुरुवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि उत्तर प्रदेश, बिहार, गुजरात और आंध्र प्रदेश के रहने वाले 7 नागरिकों का पिछले महीने लीबिया में अपहरण कर लिया गया था. त्रिपोली एयरपोर्ट पर जाते समय इनका अपहरण कर लिया गया था. ये लोग कंस्ट्रक्शन और ऑइल कंपनी में काम कर रहे थे.

सांकेतिक तस्वीर सांकेतिक तस्वीर
कमलजीत संधू
  • नई दिल्ली,
  • 08 अक्टूबर 2020,
  • अपडेटेड 11:29 PM IST
  • 'त्रिपोली एयरपोर्ट जाते समय हुआ था अपहरण'
  • 'UP, बिहार, गुजरात और आंध्र प्रदेश के रहने वाले'
  • सकुशल रिहाई को लेकर बातचीत जारीः MEA

विदेश मंत्रालय का कहना है कि पिछले महीने 14 सितंबर को लीबिया में 7 भारतीय नागरिकों का अपहरण कर लिया गया था. अपह्रत नागरिक उत्तर प्रदेश, बिहार, गुजरात और आंध्र प्रदेश के रहने वाले थे. त्रिपोली एयरपोर्ट जाते समय अपहरण कर लिया गया था. अपहृत नागरिकों की सकुशल रिहाई को लेकर बातचीत की जा रही है.

विदेश मंत्रालय ने आज गुरुवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि उत्तर प्रदेश, बिहार, गुजरात और आंध्र प्रदेश के रहने वाले 7 नागरिकों का अपहरण कर लिया गया था. त्रिपोली एयरपोर्ट पर जाते समय इनका अपहरण कर लिया गया था. ये लोग कंस्ट्रक्शन और ऑइल कंपनी में काम कर रहे थे.

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उन्होंने कहा कि सुरक्षा हालात के मद्देनजर सितंबर 2015 में लीबिया नहीं जाने की एडवाइजरी जारी की गई थी. 2016 में सरकार ने यात्रा पर पाबंदी लगा दी थी. उन्होंने कहा कि सरकार इन नागरिकों की रिहाई के लिए काम कर रही है.

विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने कहा कि ट्यूनीशिया में हमारे दूतावास ने लीबिया की सरकार और अंतरराष्ट्रीय संस्थानों से संपर्क किया है. अपहत नागरिक सुरक्षित हैं और इनकी फोटो दिखाई गई है. हम अपहरण किए गए लोगों के परिजनों से लगातार संपर्क में हैं.

भारतीय मीडिया स्वतंत्रः MEA

ताइवान के राष्ट्रीय दिवस के अवसर पर दिल्ली स्थित चीनी दूतावास की ओर से भारतीय मीडिया को कवरेज को लेकर दिए गए गाइडलाइन पर विदेश मंत्रालय ने कहा कि भारत की मीडिया स्वतंत्र है और उन्हें जैसा लगता है वैसी रिपोर्टिंग करते हैं.

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भगोड़े कारोबारी विजय माल्या को लेकर विदेश मंत्रालय ने कहा कि 10 दिसंबर, 2018 को मजिस्ट्रेट कोर्ट ने माल्या के प्रत्यर्पण की सिफारिश की थी. हाईकोर्ट ने फैसले को चुनौती देते हुए उनकी अपील को स्वीकार कर लिया था और अप्रैल में इसे खारिज कर दिया था. मई 2020 में, प्रत्यर्पण अपील की एक और याचिका खारिज कर दी गई थी. जिससे उनके लाने का रास्ता साफ हो गया था. हम जल्द से जल्द माल्या के प्रत्यर्पण के लिए ब्रिटेन के अधिकारियों के संपर्क में हैं.

उन्होंने कहा कि हमें बताया गया है कि एक सीक्रेट मैटर है जिसे उनके प्रत्यर्पित किए जाने से पहले हल करने की जरूरत है. हालांकि हम इस मामले के पक्ष में नहीं हैं इसलिए यूके सरकार के संपर्क में हैं.

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