
अरुणाचल प्रदेश में चीन द्वारा निर्माण कार्य शुरू किए जाने की एक खबर को लेकर विदेश मंत्रालय का बयान सामने आया है. मंत्रालय ने कहा कि हमने भारत के साथ सीमावर्ती क्षेत्रों में चीन के निर्माण कार्य पर हालिया रिपोर्ट देखी है. चीन पिछले कई सालों से अरुणाचल प्रदेश के बॉर्डर से सटे इलाकों में इस तरह के ढांचे का निर्माण गतिविधि चला रहा है. इसके जवाब में भारत सरकार ने भी बॉर्डर पर रोड, पुल आदि सहित कई सारे इंफ्रास्ट्रक्चर विकसित किए हैं, जिससे बॉर्डर के पास रह रहे स्थानीय लोगों को मदद मिली है.
अरुणाचल प्रदेश में चीन के गांव बनाए जाने की मीडिया रिपोर्ट को लेकर विदेश मंत्रालय ने आज कहा कि भारत सरकार अपने क्षेत्र की सुरक्षा के लिए हर जरूरी कदम उठा रही है. विदेश मंत्रालय ने कहा कि चीन ने पिछले कई सालों से इस तरह का इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलप किया है. मंत्रालय ने कहा कि जवाब में हमारी सरकार ने भी बॉर्डर पर रोड, पुल आदि सहित कई सारे इंफ्रास्ट्रक्चर विकसित किए हैं, जिससे बॉर्डर के समीप रह रहे स्थानीय लोगों को मदद मिली है.
विदेश मंत्रालय ने कहा कि सरकार आगे भी अरुणाचल प्रदेश सहित सभी सीमावर्ती इलाकों में रह रहे अपने नागरिकों की आजीविका में सुधार के लिए बुनियादी ढांचा तैयार करने के लिए प्रतिबद्ध है.
विदेश मंत्रालय ने कहा कि भारत सरकार देश की सुरक्षा को प्रभावित करने वाले सभी घटनाक्रमों पर नजर रखती है. इसके साथ ही अपनी संप्रभुता और क्षेत्रीय अखंडता की सुरक्षा के लिए सभी आवश्यक उपाय करती है.
दरअसल एक निजी चैनल की रिपोर्ट में दिखाया गया था कि चीन ने अरुणाचल प्रदेश में एक नया गांव बसाया है. इस गांव में लगभग 101 घर बने हुए दिखाई दे रहे हैं. इतना ही नहीं विशेषज्ञों के हवाले से दावा किया गया है कि यह गांव भारत के वास्तविक सीमा के 4.5 किलोमीटर अंदर बना हुआ है. इसी रिपोर्ट को लेकर भारतीय विदेश मंत्रालय की तरफ से जवाब आया है.
सीडीएस रावत ने लद्दाख पहुंचकर सुरक्षा स्थिति का लिया जायजा
प्रमुख रक्षा अध्यक्ष (सीडीएस) जनरल बिपिन रावत ने पिछले हफ्ते सेना की समग्र तैयारी की समीक्षा के लिए लद्दाख का दौरा किया था. यहां पर पिछले आठ महीने से जारी गतिरोध के बीच भारत और चीन के हजारों सैनिक ऊंचे पहाड़ों पर तैनात हैं. प्रमुख रक्षा अध्यक्ष ने लद्दाख के इस दौरे के पहले अरुणाचल प्रदेश में वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) के पास दिंबाग घाटी, लोहित सेक्टर और सुबंसिरी घाटी में विभिन्न चौकियों समेत महत्वपूर्ण ठिकानों का दौरा किया था.
थल सेना और वायु सेना पूर्वी लद्दाख में सैन्य गतिरोध के मद्देनजर चीन के साथ लगी करीब 3500 किलोमीटर की एलएसी के पास किसी भी स्थिति से निपटने के लिए तैयार अवस्था में तैनात है. भारतीय सेना ने पूर्वी लद्दाख में विभिन्न स्थानों पर करीब 50,000 सैनिकों की तैनाती की है.