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'कई विकल्पों पर काम कर रहे हैं', सूडान में फंसे भारतीयों पर विदेश मंत्रालय का बयान

अफ्रीकी देश सूडान में सेना और पैरामलिट्री (अर्धसैनिक बल) के बीच कई दिनों से भीषण युद्ध चल रहा है. सेना के खिलाफ जंग छेड़ने वाले अर्धसैनिक बल को यहां रैपिड सपोर्ट फोर्स (RSF) के नाम से जाना जाता है. सेना और RSF के बीच छिड़ी जंग में यहां आम लोग बुरी तरह से पिस रहे हैं. यहां हजारों भारतीय फंसे हुए हैं.

सूडान में कई दिनों से चल रहा युद्ध सूडान में कई दिनों से चल रहा युद्ध
अक्षय डोंगरे
  • नई दिल्ली,
  • 23 अप्रैल 2023,
  • अपडेटेड 7:06 PM IST

सूडान में सेना और पैरामिलिट्री के बीच चल रहे भीषण युद्ध में सैकड़ों लोगों की मौत हो चुकी है. युद्ध के बीच हजारों भारतीय भी सूडान में फंसे हैं, जिन्हें निकालने के लिए भारत सरकार लगातार प्रयास कर रही है. इसको लेकर एक बार फिर विदेश मंत्रालय का बयान आया है, जिसमें कहा गया है कि भारत सरकार सूडान में फंसे भारतीयों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए हर संभव प्रयास कर रही है.

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विदेश मंत्रालय ने कहा कि हम उन भारतीयों की सुरक्षित आवाजाही के लिए अन्य देशों के साथ भी समन्वय कर रहे हैं, जिनके लोग भी सूडान में फंसे हुए हैं और वह उन्हें निकालना चाहते हैं. दरअसल, विदेश मंत्रावल सूडानी अधिकारियों से संपर्क में है. वहीं सूडान में भारतीय दूतावास भी संयुक्त राष्ट्र, सऊदी अरब, संयुक्त अरब अमीरात, मिस्र और अमेरिका के साथ नियमित संपर्क में है.

मंत्रालय ने कहा कि हम भारतीयों को निकालने के लिए सभी तैयारी कर रहे हैं. भारत सरकार कई विकल्पों पर काम कर रही है. दो भारतीय वायु सेना C-130J वर्तमान में जेद्दाह में स्टैंडबाय पर तैनात हैं, साथ ही आईएनएस सुमेधा सूडान पोर्ट पहुंच गया है. तैयारियां की गई हैं, लेकिन जमीन पर कोई भी गतिविधि सुरक्षा स्थिति पर निर्भर करेगी. सूडानी हवाई क्षेत्र वर्तमान में सभी विदेशी विमानों के लिए बंद है. ओवरलैंड मूवमेंट में जोखिम और तार्किक चुनौतियां भी होती हैं.

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अधिकारियों ने कहा कि हमारा दूतावास सूडान में फंसे भारतीयों के नियमित संपर्क में है और उन्हें सुरक्षित आवाजाही को लेकर बातचीत कर रहा है. साथ ही उन्हें अनावश्यक जोखिम से बचने की सलाह दे रहा है. जैसे भी मौका मिलेगा और स्थिति में सुधार होगा, आगे की कार्रवाई की जाएगी.

सूडान में हो क्या रहा है? 

अफ्रीकी देश सूडान में सेना और पैरामलिट्री (अर्धसैनिक बल) के बीच कई दिनों से भीषण युद्ध चल रहा है. सेना के खिलाफ जंग छेड़ने वाले अर्धसैनिक बल को यहां रैपिड सपोर्ट फोर्स (RSF) के नाम से जाना जाता है. सेना और RSF के बीच छिड़ी जंग में यहां आम लोग बुरी तरह से पिस रहे हैं. सबसे ज्यादा खराब हालात राजधानी खार्तूम में है. यहां एयरपोर्ट और स्टेशन सहित तमाम अहम ठिकानों पर कब्जे को लेकर लड़ाई जारी है.

सूडान में क्यो जारी है जंग? 

सूडान में संघर्ष सेना के कमांडर जनरल अब्देल-फतह बुरहान और पैरामिलिट्री फोर्स के प्रमुख जनरल मोहम्मद हमदान डगालो के बीच हो रहा है. जनरल बुरहान और जनरल डगालो, दोनों पहले साथ ही थे. मौजूदा संघर्ष की जड़ें अप्रैल 2019 से जुड़ी हैं. उस समय सूडान के तत्कालीन राष्ट्रपति उमर अल-बशीर के खिलाफ जनता ने विद्रोह कर दिया था. बाद में सेना ने अल-बशीर की सत्ता को उखाड़ फेंका. बशीर को सत्ता से बेदखल करने के बावजूद विद्रोह थमा नहीं. बाद में सेना और प्रदर्शनकारियों के बीच एक समझौता हुआ. 

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समझौते के तहत एक सोवरेनिटी काउंसिल बनी और तय हुआ कि 2023 के आखिर तक चुनाव करवाए जाएंगे. उसी साल अबदल्ला हमडोक को प्रधानमंत्री नियुक्त किया गया. लेकिन इससे भी बात नहीं बनी. अक्टूबर 2021 में सेना ने तख्तापलट कर दिया. जनरल बुरहान काउंसिल के अध्यक्ष तो जनरल डगालो उपाध्यक्ष बन गए.

भारतीयों को निकालना क्यों हो रहा मुश्किल? 

- सूडान में 4 हजार के आसपास भारतीय हैं. जानकारी के मुताबिक, ज्यादातर भारतीय चार शहरों में बसे हुए हैं. इनमें से एक है ओमडुरमैन (Omdurman), दूसरा है कसाला (Kassala), तीसरा है गेडारेफ (Gedaref) या अल कादरीफ (Al Qadarif) वहीं चौथे शहर का नाम है वाड मदनी (Wad Madani). 

- इनमें से दो शहरों की दूरी राजधानी खार्तूम से 400 किलोमीटर से भी ज्यादा है तो वहीं एक शहर की करीब 200 किलोमीटर है. एक शहर तो राजधानी से सटा हुआ है और उसकी खार्तूम से दूरी मात्र 25 किलोमीटर है. सबसे ज्यादा चिंताजनक बात यह है कि इन चारों शहरों में से किसी में भी इंटरनेशनल एयरपोर्ट नहीं है. 

- सूडान में दो ही अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट हैं. एक राजधानी खार्तूम में तो दूसरा पोर्ट सूडान में है. हालांकि, एयरस्ट्राइक के बीच यहां से लोगों को एयरलिफ्ट करना भी बेहद मुश्किल है. यह तभी संभव है, जब सीजफायर हो जाए.

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