
करागतिमान एक्सप्रेस से वीरांगना लक्ष्मीबाई रेल्वे स्टेशन (झांसी) से हजरत निजामुद्दीन की यात्रा कर रहे यात्रियों को परोसे गए खाने में मांस के टुकड़े निकलने का मामला सामने आया है. यात्रियों ने वेज खाना ऑर्डर किया था. भोजन के दौरान यात्रियों को छोले में कुछ अजीब सा लगा. ध्यान से देखने पर वह मांस का टुकड़ा निकला. इस संबंध में जब कैटरिंग स्टाफ को शिकायत की गई तो उन्होंने यह कहते हुए पल्ला झाड़ लिया कि उनका काम केवल खाना सर्व करने का है. खाना कहीं और से पैक होकर आता है.
दरअसल, घटना शनिवार को वीरांगना लक्ष्मीबाई रेल्वे स्टेशन (झांसी) से चलकर हजरत निजामुद्दीन की ओर आने वाली गतिमान एक्सप्रेस (12049) की है. यात्री राजेश कुमार तिवारी अपनी पत्नी प्रीति तिवारी के साथ कोच नं C7 में सफर कर रहे थे. ट्रेन के झांसी से चलने के बाद कैटरिंग स्टाफ ने तिवारी से पूछा कि आप लंच में छोले-कुलछे खाना पसंद करेंगे या फिर पास्ता खाएंगे.
छोले में थे मांस के टुकड़े- यात्री
जवाब में तिवारी ने खुद के लिए और अपनी पत्नी के छोले-कुलछे लाने के लिए कहा. स्टाफ द्वारा उन्हें खाना परोस दिया गया. लंच करने के दौरान यात्री राजेश तिवारी ने देखा कि परोसे गए छोले में मांस के टुकड़े हैं. उन्होंने तुरंत ही इसकी जानकारी कैटरिंग स्टाफ को दी.
कहीं और से पैक होकर आता है खाना- कैटरिंग सुपरवारइजर
राजेश तिवारी ने आगे कहा कि स्टाफ ने अपने सुपरवाइजर को बुलाया. हमने उन्हें बताया कि खाने में मांस के टुकड़े हैं. सुपरवाइजर ने भी खाने को देखा और स्वीकार किया कि खाने में मांस के टुकड़े मौजूद हैं, लेकिन उसने यह कहा कि खाना हमने पैक नहीं किया है. खाना किचन से पैक होकर आता है और हम केवल सर्व करते हैं.
पास्ता में निकले चिकन के पीस
वहीं, इसी ट्रेन से ग्वालियर के दिल्ली आने वाली यात्री कृतिका मोदी ने भी शिकायत करते हुए कहा कि उन्होंने खाने में पास्ता और छोले-कुलछे ऑर्डर किया था. पास्ता रोल की तरह था. फिर भी हमने उसे खाया तो समझ आया कि उसमें चिकन था. हमने शिकायत भी लेकिन कोई एक्शन नहीं लिया गया. इस घटना से हमारी पूरी यात्रा खराब हो गई है.
नहीं लिया गया कोई एक्शन: यात्री राजेश तिवारी
यात्री राजेश तिवारी के मुताबिक जब सुपरवाइजर से कंप्लेंट बुक और फिडबैक फॉर्म मांगा गया तो दिया नहीं गया. वहीं, इस संबंध में रेलवे विभाग को भी ट्वीट किया गया. फिलहाल वहां से भी कोई सहायता नहीं मिली है.