
भारतीय रेलवे द्वारा लगातार सुविधाओं को बेहतर बनाने के लिए काम किया जा रहा है. इसी कड़ी में रेलवे ने मेघालय को पहली इलेक्ट्रिक ट्रेन की सौगात दी है. इससे पूर्वोत्तर भारत के लोगों को फायदा होगा. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी इस बात पर अपनी खुशी जाहिर की. पूर्वोत्तर सीमांत रेलवे ने 15 मार्च को पंचरत्न और दुधनाई-मेंदीपथार (22.823 किलोमीटर) के बीच सिंगल लाइन और अभयपुरी-पंचरत्न डबल-लाइन (34.59 किलोमीटर) के बीच डबल लाइन पर विद्युतीकरण का काम पूरा कर बड़ी उपलब्धि हासिल की है.
बढ़ेगी ट्रेनों की स्पीड
रेलवे ने कहा कि वर्तमान में मेंदीपाथर उत्तर-पूर्वी राज्य मेघालय का एकमात्र रेलवे स्टेशन है, जो प्रधानमंत्री द्वारा उद्घाटन किए जाने के बाद 2014 से परिचालन में है. इलेक्ट्रिक ट्रैक्शन चालू होने के बाद, इलेक्ट्रिक लोकोमोटिव द्वारा चलने वाली ट्रेनें अब मेघालय के मेंदीपाथर से सीधे संचालित हो सकेंगी, जिससे औसत गति में वृद्धि होगी.
अन्य राज्यों से सीधे मेघालय पहुंच सकेंगी ट्रेनें
रेलवे के मुताबिक, अधिक यात्री और माल ढुलाई वाली ट्रेनें इन खंडों के माध्यम से पूर्ण अनुभागीय गति से संचालित हो सकेंगी. इस सेक्शन में समय की पाबंदी भी बढ़ेगी. इसके अलावा अन्य राज्यों से इलेक्ट्रिक लोकोमोटिव द्वारा चलाई जाने वाली पार्सल और माल ढुलाई वाली ट्रेनें अब सीधे मेघालय पहुंच सकेंगी.
होंगे कई और फायदे
बयान में कहा गया है कि विद्युतीकरण से पूर्वोत्तर भारत में रेलगाड़ियों की गतिशीलता में काफी सुधार होगा. जीवाश्म ईंधन से इलेक्ट्रिक होने की वजह से प्रदूषण में कमी आएगी. इसके अलावा क्षेत्र में रेलवे प्रणाली की दक्षता में भी सुधार होगा. रेलवे का कहना है कि यह निर्बाध यातायात की सुविधा प्रदान करेगा और मूल्यवान विदेशी मुद्रा में बचत के अलावा पूर्वोत्तर राज्यों से आने-जाने वाली ट्रेनों के समय की भी बचत करेगा.