
दिल्ली मेतेयी कोऑर्डिनेटिंग कमेटी की महिला विंग ने गुरुवार को मणिपुर के जिरीबाम से अपहृत छह लोगों की सुरक्षित और त्वरित रिहाई की अपील की है. इनमें महिलाएं और बच्चे भी शामिल हैं. मैतेयी महिला नेताओं ने एक बयान में कहा कि अपहृत व्यक्तियों की रिहाई के लिए सरकार के उच्चतम स्तर से तत्काल और गंभीर हस्तक्षेप जरूरी है. उन्होंने चेतावनी दी कि यदि अपहृत लोगों को नुकसान पहुंचाया गया तो इसे संबंधित अधिकारियों की मौन स्वीकृति के रूप में देखा जा सकता है.
उन्होंने कहा कि ऐसी स्थिति से जनता में अविश्वास और गहरा सकता है और यह धारणा बढ़ सकती है कि सरकार "राजनीतिक लाभ के लिए हिंसा को बढ़ावा देने और मणिपुर को जातीय आधार पर विभाजित करने" में सहायक है. महिला नेताओं ने चेतावनी दी कि अपहृत लोगों की रिहाई में विफलता न केवल भारतीय राज्य की नैतिक और सुरक्षा जिम्मेदारी को कमजोर करेगी, बल्कि "संचालन निलंबन ढांचे के तहत समर्थन के उद्देश्य और इसके प्रभावों पर गंभीर सवाल भी उठाएगी."
महिला नेताओं ने कहा, "सरकार को यह समझना चाहिए कि इन महिलाओं और बच्चों की सुरक्षा केवल मानवीय मुद्दा नहीं है, बल्कि मणिपुर में शांति और एकता के प्रति उसकी प्रतिबद्धता की परीक्षा भी है." इसलिए, महिला नेताओं ने कहा कि गृह मंत्री और प्रधानमंत्री की तुरंत और स्पष्ट भूमिका जरूरी है ताकि सरकार का रुख कमजोरों की सुरक्षा, जनता का विश्वास बनाए रखने, और संघर्ष के बढ़ने को रोकने में स्पष्ट हो सके.