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कांग्रेस नेता मणिशंकर अय्यर की बेटी के थिंक टैंक CPR का FCRA कैंसिल, नियमों के उल्लंघन पर गृह मंत्रालय का एक्शन

केंद्रीय गृह मंत्रालय ने कांग्रेस नेता मणिशंकर अय्यर की बेटी यामिनी अय्यर के नेतृत्व में चल रहे फेमस थिंक टैंक सेंटर फॉर पॉलिसी रिसर्च का FCRA कैंसिल कर दिया है. इससे पहले सीपीआर का लाइसेंस सस्पेंड कर दिया गया था.

मणिशंकर अय्यर की बेटी के थिंक टैंक का FCRA कैंसिल मणिशंकर अय्यर की बेटी के थिंक टैंक का FCRA कैंसिल
जितेंद्र बहादुर सिंह
  • नई दिल्ली,
  • 17 जनवरी 2024,
  • अपडेटेड 2:07 PM IST

केंद्रीय गृह मंत्रालय ने कांग्रेस नेता मणिशंकर अय्यर की बेटी यामिनी अय्यर के नेतृत्व में चलने वाले एक फेमस थिंक टैंक का फॉरेन कॉन्ट्रिब्यूशन रेगुलेशन एक्ट (FCRA) कैंसिल कर दिया है. इस थिंक टैंक का नाम सेंटर फॉर पॉलिसी रिसर्च (CPR) है. अधिकारियों के अनुसार ये संस्था नियमों का उल्लंघन कर रही थी.

गृह मंत्रालय के सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक, नियमों के उल्लंघन के चलते सेंटर फॉर पॉलिसी रिसर्च का FCRA लाइसेंस रद्द किया गया है. सेंटर फॉर पॉलिसी रिसर्च पहले भी सरकार के रडार पर था. इससे पहले इस थिंक टैंक पर इनकम टैक्स के सर्वे हो चुके थे. 

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सूत्रों के मुताबिक, बीते साल मार्च में गृह मंत्रालय ने CPR के FCRA लाइसेंस को सस्पेंड किया था. अब MHA के FCRA डिविजन ने इसका लाइसेंस कैंसिल कर दिया है. 

CPR पर क्या लगे थे आरोप? 

सूत्रों की मानें तो थिंक टैंक CPR को कथित तौर पर फोर्ड फाउंडेशन सहित कई विदेशी संगठनों से धन प्राप्त हुआ था. थिंक टैंक पर ये भी आरोप लगे कि उसने गुजरात की सामाजिक कार्यकर्ता तीस्ता सीतलवाड के एनजीओ को चंदा दिया था. हालांकि गृह मंत्री ने साल 2016 में ही तीस्ता के एनजीओ सबरंग ट्रस्ट का FCRA लाइसेंस सस्पेंड कर दिया था. 

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पहले सस्पेंड हो चुका है CPR का FCRA लाइसेंस 

इससे पहले गृह मंत्रालय ने छह महीने के लिए सेंटर फॉर पॉलिसी रिसर्च का FCRA सस्पेंड किया था, जिसे बाद में छह महीने के लिए बढ़ा दिया था. इस मामले में थिंक टैंक ने दिल्ली हाई कोर्ट का रुख भी किया था. हालांकि अब सीपीआर का FCRA लाइसेंस निरस्त कर दिया गया है. 

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सेंटर फॉर पॉलिसी रिसर्च करता क्या है? 

सेंटर फॉर पॉलिसी रिसर्च भारत की 21वीं सदी की चुनौतियों पर ध्यान देने के साथ ही नीतिगत मुद्दों पर गहन शोध करता है. संस्था की वेबसाइट के अनुसार, इस संस्था के मंच पर भारत के थिंकर और पॉलिसी मेकर्स एक साथ आते हैं और नीतिगत मसलों पर फैसले लेते हैं. संस्था का दावा है कि इस कवायद का उद्देश्य इंडिया के ईको सिस्टम को विकसित करना है. 

विदेशी फंडिंग पर सरकार की सख्ती

केंद्र सरकार देश के एनजीओ को विदेशों से मिलने वाले फंड को लेकर सख्ती बरत रही है. सीपीआर के अलावा ऑक्सफैम इंडिया, न्यूज वेबसाइट न्यूजक्लिक और बेंगलुरु स्थित मीडिया फाउंडेशन  समेत कई संस्थान विदेशी फंडिंग को लेकर जांच के दायरे में हैं. ऑक्सफैम इंडिया का भी FCRA कैंसिल हो चुका है और सरकार ने उसे रिन्यू करने से भी इनकार कर दिया था. 
 

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