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आर्टिकल 370 हटने के बाद से किसी कश्मीरी पंडित ने नहीं छोड़ी घाटी: गृह मंत्रालय

गृह मंत्रालय ने लिखित बयान देते हुए कहा कि सरकार ने जम्मू-कश्मीर में अल्पसंख्यकों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए कई कदम उठाए हैं. 2019 के बाद से घाटी से किसी कश्मीरी पंडित ने पलायन नहीं किया है.

गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय (फाइल फोटो) गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय (फाइल फोटो)
कमलजीत संधू
  • नई दिल्ली,
  • 20 जुलाई 2022,
  • अपडेटेड 7:59 PM IST
  • जम्मू-कश्मीर में आतंकी गतिविधियों में कमी आई है
  • इस साल 30 जून तक J&K में 7 नागरिकों पर हमले हुए

संसद के मॉनसून सत्र (Parliament Monsoon Session 2022) का बुधवार को तीसरा दिन था. गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय ने संसद में लिखित बयान देते हुए कहा कि जम्मू-कश्मीर में आतंकी गतिविधियों में कमी आई है. उन्होंने कहा कि 2018 में 417 घटनाएं हुई थीं, जो 2021 में 229 पर आ गई हैं. 

राज्यसभा में विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खडगे के सवाल का जवाब देते हुए उन्होंने कहा कि जम्मू-कश्मीर में आतंकवाद के खिलाफ ज़ीरो टॉलरेंस की नीति और सुरक्षा का स्थिति में काफी सुधार हुआ है.

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उन्होंने बताया कि 2021 में 229 आतंकी घटनाएं दर्ज की गईं, 2020 में 244, 2018 में 255 और 2018 में 417 घटनाएं दर्ज की गई थीं. इन घटनाओं में 2021 में सुरक्षा बल के 42 जवान मारे गए, 2020 में 62, 2019 में 80 और 2018 में 91 जवान मारे गए थे. 

क्या सरकार को कश्मीरी पंडितों पर हुए हमलों के बारे में जानकारी है?

नित्यानंद राय से सवाल किया गया कि क्या सरकार को कश्मीरी पंडितों पर पिछले कुछ महीनों में बढ़े हमलों के बारे में पता है? इसपर गृह मंत्रालय का जवाब था कि पिछले कुछ महीनों में जम्मू-कश्मीर में कश्मीरी पंडितों पर हमले की दो मामले दर्ज किए गए हैं. इन घटनाओं में एक व्यक्ति की मौत हुई और एक घायल हुआ था. 

गृह मंत्रालय ने आगे कहा कि सरकार ने जम्मू-कश्मीर में अल्पसंख्यकों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए कई कदम उठाए हैं. इनमें एक मजबूत सुरक्षा और खुफिया ग्रिड, रात में इलाकों में गश्त, नाकों पर चौबीसों घटे चैकिंग वगैरह की व्यवस्था है. 

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उन्होंने पिछले 5 साल में नागरिकों पर हुए हमलों के आंकड़े भी दिए. आंकड़ों के मुताबिक, इस साल 30 जून तक जम्मू-कश्मीर में 7 नागरिकों पर हमले हुए. 2021 में 12, 2019-20 में 28, 2018 में 33 लोगों पर हमले किए गए. उन्होंने यह भी कहा कि रिकॉर्ड के मुताबिक, 2019 के बाद से, इस अवधि के दौरान किसी भी कश्मीरी पंडित ने कश्मीर घाटी से कथित तौर पर पलायन नहीं किया है. 

 

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