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लव जिहाद: केंद्र में कानून बनाने के पक्ष में नहीं मोदी सरकार, सदन में कहा- ये राज्य का मामला

केंद्रीय मंत्री जी किशन रेड्डी ने कहा कि धर्मांतरण से संबंधित मामलों की रोकथाम, पड़ताल, पंजीकरण, जांच और अभियोजन प्राथमिक तौर पर राज्य और केंद्र प्रशासित राज्यों के अंतर्गत आते हैं. ऐसे मामलों में पहले से बने कानूनों के तहत कानून लागू करने वाली एजेंसियां कार्रवाई करती हैं.

लोकसभा में जी किशन रेड्डी ने लव जिहाद के मसले पर जवाब दिया. (फाइल फोटो) लोकसभा में जी किशन रेड्डी ने लव जिहाद के मसले पर जवाब दिया. (फाइल फोटो)
कमलजीत संधू
  • नई दिल्ली,
  • 02 फरवरी 2021,
  • अपडेटेड 8:45 PM IST
  • केंद्र ने कहा- ऐसे मामले राज्यों के अंतर्गत आते हैं
  • केंद्र लव जिहाद को लेकर कानून बनाने के पक्ष में नहीं
  • केंद्रीय मंत्री जी किशन रेड्डी ने दिया जवाब

एक तरफ जहां  बीजेपी शासित प्रदेशों में लव जिहाद को लेकर नए कानून बनाए गए हैं. वहीं सदन में इस मसले पर केंद्र सरकार राज्यों के पाले में गेंद डालती नजर आई. सदन में जबरन धर्मांतरण के सवाल पर केंद्र ने कहा कि लोक व्यवस्था और पुलिस संविधान के शेड्यूल 7 के तहत राज्य के अंतर्गत आते हैं.

केंद्रीय मंत्री जी किशन रेड्डी ने कहा कि धर्मांतरण से संबंधित मामलों की रोकथाम, पड़ताल, पंजीकरण, जांच और अभियोजन प्राथमिक तौर पर राज्य और केंद्र शासित राज्यों के अंतर्गत आते हैं. ऐसे मामलों में पहले से बने कानूनों के तहत कानून लागू करने वाली एजेंसियां कार्रवाई करती हैं.

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दरअसल, सदन में जबरन धर्मांतरण कर गैर मजहबी विवाह की घटनाओं पर केंद्र सरकार से उसके विचार पूछे गए थे. सवाल यह भी किया गया था कि अगर केंद्र सरकार को ऐसा लगता है कि ऐसे मामले हो रहे हैं तो क्या केंद्र सरकार की तरफ से ऐसे मामलों के सबूत जुटाए गए हैं? अगर सरकार ने ऐसा किया है तो फिर इसकी विस्तृत जानकारी दी जाए.सवाल में यह भी पूछा गया था कि क्या केंद्र सरकार जबरन धर्मांतरण और फिर विवाह के मामलों को लेकर देशभर के लिए कानून बनाने के पक्ष में है? अगर सरकार ऐसा करने के पक्ष में है तो ऐसे कानून बनाए जाने के प्रस्ताव की तारीख सदन में प्रस्तुत की जाए.

गौरतलब है कि हरियाणा के फरीदाबाद में निकिता तोमर हत्याकांड के बाद लव जिहाद का मसला जोर पकड़ा था. मध्य प्रदेश और उत्तर प्रदेश में लव जिहाद को लेकर कानून भी बनाए गए. इस कानून के तहत दोषियों को उम्र कैद और जुर्माने का भी प्रावधान है. असम और कर्नाटक सरकार ने भी इसे लेकर जल्द कानून बनाने की बात कही है.

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