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जंतर-मंतर पर पहलवानों की पुलिस से झड़प की शुरुआत कहाँ से हुई?

जंतर-मंतर पर रेसलर्स की पुलिस से झड़प की शुरुवात कहाँ से हुई, बजरंग दल पर बैन के वादे से बीजेपी को कैसे होगा फ़ायदा और पुतिन को जान से मारने की साज़िश किसने की? सुनिए 'आज का दिन' में.

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ख़ुशबू कुमार
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  • 04 मई 2023,
  • अपडेटेड 2:37 PM IST

जब देर रात आप सो रहें थे तब, दिल्ली के जंतर मंतर पर जारी पहलवानों के धरने में हंगामा हो गया. चारों तरफ़ अफ़रा तफ़री का माहौल. पहलवानों का आरोप है कि कुछ पुलिसकर्मियों ने शराब के नशे में महिला पहलवानों के साथ गाली-गलौज की, धक्का मुक्की की गई. घटना में कुछ पहलवानों को चोट भी आई है.


दरअसल बताया जा रहा है कि हंगामे की शुरुआत तब हुई जब पहलवानों के जंतर-मंतर पर चल रहे धरने में आम आदमी पार्टी नेता सोमनाथ भारती फोल्डिंग बेड लेकर पहुंचे. सोमनाथ भारती ने इसके लिए अनुमति नहीं ली थी. दिल्ली पुलिस ने इस पर उन्हें रोका. पुलिसकर्मियों की ओर से रोके जाने के बाद वहां मौजूद सोमनाथ भारती के समर्थक उत्तेजित हो गए और ट्रक से बेड निकालने की कोशिश करने लगे. इसके बाद भर्ती के समर्थकों, पहलवालों में तीखी नोक झोंक हुई. पहलवानों का कहना है कि वो फ़ोल्डिंग उन्होंने ही मंगवाई थी. मामले ने रातों रात राजनीतिक रंग भी ले लिया. आम आदमी पार्टी के नेता सौरभ भारद्वाज ने आरोपी पुलिस वाले की जांच की मांग की है और राष्ट्रीय लोक दल के नेता जयंत चौधरी ने खिलाड़ियों के समर्थन में रात में ही सुबह तक जंतर मंतर पहुंचने की घोषणा कर दी थी. इस पूरी घटना की शुरूआत कहां से हुई? पूरी खबर 'आज का दिन' में सुनने के लिए क्लिक करें.
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कर्नाटक में 10 मई को होने जा रहे विधानसभा चुनाव का प्रचार अभियान गरम हो गया है.. और फोकस विकास के मुद्दे से हटकर हनुमान और बजरंग दल पर आ गया है. वजह कांग्रेस का मैनिफेस्टो और उसमें में वादा की अगर वो कर्नाटक में जीतती है तो बजरंग दल पर बैन लगा दिया जाएगा. बैन की बात को भाजपा ने बहुत गंभीरता से लिया और इसे एक बड़े मुद्दे की तरह पेश करने की शुरुआत खुद प्रधानमंत्री मोदी ने की है. कर्नाटक के बाद कांग्रेस छत्तीसगढ़ और राजस्थान में भी इस संगठने को बैन करने की बात उठ रही है. वहीं जानकारों का कहना है कि कांग्रेस ने भाजपा को बैठे बिठाए एक मुद्दा दे दिया, ये भाजपा का होमग्राउंड है. दोनों पार्टियों के लिए बजरंग दल कितना बड़ा मुद्दा है और इससे किसे फायदा होगा? पूरी खबर 'आज का दिन' में सुनने के लिए क्लिक करें.

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रूस ने एक बहुत बड़ा दावा किया है. उसका कहना है कि यूक्रेन ने रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन को जान से मारने के लिए देर रात ड्रोन से हमला किया. हालांकि, ये कोशिश असफल रही. पुतिन सुरक्षित है. रूस का आरोप है कि यूक्रेन ने क्रेमलिन स्थित पुतिन के घर हमला करने के लिए दो ड्रोन भेजे. क्रेमलिन रूसी राष्ट्रपति के आवासीय परिसर को कहा जाता है, जो राजधानी मॉस्को में स्थित है. क्रेमलिन पर ये अटैक 9 मई को होने वाली विक्ट्री डे परेड से 6 पहले किया गया. लेकिन रूस की इलेक्ट्रॉनिक डिफेंस ने इन दोनों ड्रोन्स को डिसेबल कर दिया. यूक्रेन के राष्ट्रपति कार्यालय से कहा गया है कि यूक्रेन का इस हमले से कोई लेना-देना नहीं है. हमले के बाद रूस के संसद में यूक्रेन के राष्ट्रपति आवास पर हमले की मांग उठने लगी. तो पुतिन के घर पर हुए ड्रोन हमले का मतलब क्या है और इससे रूस-युक्रेन युद्ध पर क्या असर पड़ने वाला है और क्या रूस प्रोपेगंडा फैलाने के लिए इसका इस्तमाल कर रहा है, इसके पीछे रूस की क्या मंशा हो सकती है? पूरी खबर 'आज का दिन' में सुनने के लिए क्लिक करें.

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