Advertisement

टाइगर रिजर्व की बाउंड्री से 1 KM के भीतर माइनिंग एक्टिविटी कोर्ट के आदेश की अवमानना है: सुप्रीम कोर्ट

कोर्ट ने कहा कि मामले को देखने के बाद हम पाते हैं कि टाइगर रिजर्व की सीमाओं से एक किलोमीटर के दायरे में किसी भी खनन गतिविधियों को जारी रखना 26 अप्रैल, 2023 के हमारे आदेश की अवमानना होगी.

प्रतीकात्मक तस्वीर प्रतीकात्मक तस्वीर
aajtak.in
  • नई दिल्ली,
  • 15 मई 2024,
  • अपडेटेड 9:25 PM IST

सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को कहा कि टाइगर रिजर्व की सीमाओं से एक किलोमीटर के दायरे में खनन गतिविधियों (Mining Activities) को जारी रखना कोर्ट के आदेश की अवमानना होगी. शीर्ष कोर्ट ने पिछले साल अप्रैल में आदेश जारी किया था. सुप्रीम कोर्ट ने 26 अप्रैल, 2023 के अपने फैसले में निर्देश दिया था कि किसी नेशनल पार्क और वन्यजीव अभयारण्य के भीतर और उनकी सीमा से एक किलोमीटर के क्षेत्र में खनन की अनुमति नहीं होगी.

Advertisement

न्यूज एजेंसी के मुताबिक, न्यायमूर्ति बी आर गवई की अध्यक्षता वाली पीठ एक आवेदन पर सुनवाई कर रही थी जिसमें राजस्थान सरकार को 26 अप्रैल के फैसले का कथित उल्लंघन करने वाली सभी खनन गतिविधियों को रोकने का निर्देश देने की मांग की गई थी. पीठ में न्यायमूर्ति एसवीएन भट्टी और न्यायमूर्ति संदीप मेहता भी शामिल थे. पीठ ने कहा कि 26 अप्रैल, 2023 के हमारे फैसले में हमने सभी संरक्षित क्षेत्रों के एक किलोमीटर के दायरे में खनन गतिविधियों पर प्रतिबंध लगा दिया था.

कोर्ट ने कहा कि मामले को देखने के बाद हम पाते हैं कि टाइगर रिजर्व की सीमाओं से एक किलोमीटर के दायरे में किसी भी खनन गतिविधियों को जारी रखना 26 अप्रैल, 2023 के हमारे आदेश की अवमानना होगी.

पीठ ने कहा कि इन टिप्पणियों को देखते हुए उसे नहीं लगता कि बाघ निवास स्थान (बाघ अभयारण्य) की सीमाओं से एक किमी के दायरे में खनन गतिविधियों पर रोक लगाने के लिए राजस्थान राज्य को किसी विशेष निर्देश की जरूरत है. पीठ ने कहा कि आवेदक ने दावा किया था कि सरिस्का बाघ निवास के एक किमी के दायरे में खनन गतिविधियां जारी थीं, जो एक प्रोटेक्टेड एरिया है.

Read more!
Advertisement

RECOMMENDED

Advertisement