
असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने वीआईपी कल्चर पर एक्शन लेते हुए एक फरमान जारी किया है. उन्होंने कहा कि के जुलाई से सरकारी क्वार्टरों में रहने वाले सभी मंत्री, विधायक और अधिकारियों को अपने बिजली के बिल का भुगतान खुद करना होगा. इससे फैसले का मकसद वीआईपी कल्चर को खत्म करना है.
हिमंत ने इस बारे में सोशल मीडिया हैंडल एक्स पर लिखते हुए कहा कि हम करदाताओं के पैसे से सरकारी अधिकारियों के बिजली बिलों का भुगतान करने के वीआईपी कल्चर के नियम को समाप्त कर रहे हैं. मैं और मुख्य सचिव 1 जुलाई से अपना बिजली के बिल का भुगतान कर कर दूसरों के लिए उदाहरण पेश करेंगे. एक जुलाई, 2024 से सभी सरकारी कर्मचारियों को अपने घर के बिजली का बिल खुद जमा करना होगा.
सरमा ने कहा कि हमारा लक्ष्य राज्य में कम आय वाले लोगों को लाभ पहुंचाते हुए एक रुपये प्रति यूनिट की दर से कम में बिजली देना है. सरकार अगले साल अप्रैल तक 1 रुपये प्रति यूनिट करने का लक्ष्य बना रही है.
उन्होंने यह भी बताया कि राज्य में बिजली बचाने के लिए अभियान के तहत, असम सरकार ने सभी सरकारी ऑफिस में रात 8 बजे के बाद बिजली का ऑटो-डिस्कनेक्शन शुरू करने का भी फैसला लिया है. ये फैसला राज्य भर के 8,000 सरकारी कार्यालयों और स्कूलों में पहले से ही लागू है.