
रक्षा मंत्रालय ने चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ (CDS) की नियुक्ति से संबंधित तीनों रक्षा बलों के नियमों में संशोधन के लिए गजट अधिसूचना जारी की है. CDS की नियुक्ति के लिए सरकार उन अधिकारियों पर विचार कर सकती है जो लेफ्टिनेंट जनरल के समकक्ष या सामान्य समकक्ष के रूप में सेवा कर रहे हैं. या वो अधिकारी जो लेफ्टिनेंट जनरल या जनरल के पद से सेवानिवृत्त हुए हैं, लेकिन नियुक्ति की तारीख को 62 वर्ष की आयु प्राप्त नहीं की है.
यानी केंद्र सरकार जब चाहे तब लेफ्टिनेंट जनरल या जनरल रैंक से रिटायर सैन्य अधिकारी को चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ (CDS) बनाने का फैसला ले सकती है. इसके लिए रक्षा मंत्रालय ने थल, वायु और नौसेना के सर्विस एक्ट में बदलाव किया है. इसका गजट नोटिफिकेशन भी जारी कर दिया गया है. इसमें लिखा है कि लेफ्टिनेंट जनरल या जनरल या समकक्ष रैंक से रिटायर अधिकारी या इसी पदों के सेवारत अधिकारियों को चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ बनाया जा सकता है. लेकिन वह अधिकारी नियुक्ति के वक्त 62 साल से अधिक उम्र का नहीं होना चाहिए.
62 साल की उम्र सीमा डालने की वजह से अब इंडियन आर्मी, नेवी और एयरफोर्स के रिटायर्ड प्रमुख CDS की दौड़ से बाहर हो चुके हैं. क्योंकि तीनों सेनाओं के प्रमुखों का रिटायरमेंट 62 साल की उम्र में होता है. मतलब ये है कि 62 की उम्र में रिटायर हुए हैं तो CDS नहीं बन पाएंगे. जो अधिकारी सेवारत हैं और उम्र की सीमा पार नहीं की है, वो सीडीएस बन सकते हैं.
तीन स्टार वाले जनरल यानी लेफ्टिनेंट जनरल, इंडियन एयरफोर्स के एयर मार्शल या फिर नौसेना के वाइस एडमिरल 60 की उम्र में सेवानिवृत होते हैं. यानी अगर ये रिटायर हो भी गए और उम्र 62 से कम है तो वो भी सीडीएस बन सकते हैं. पिछली साल दिसंबर में एक हेलिकॉप्टर हादसे में देश के पहले सीडीएस जनरल बिपिन रावत की मौत के बाद से सीडीएस का पद खाली है.