
घंटा, शंख की ध्वनि, नारियल फोड़ने की गूंज और वैदिक मन्त्रों के साथ पूजा पाठ के बीच जहाजरानी यानी शिपिंग मंत्रालय को भी नया नाम मिला. मंगल ध्वनि के साथ फायर के अलार्म की जुगलबंदी के बीच मंत्री ने पत्तन, पोत परिवहन और जलमार्ग मंत्रालय के नए शिलापट्ट का पर्दा हटाया.
बता दें कि मंत्रिमंडल में मंजूरी के बाद तीन दिनों के भीतर नामपट्ट भी बदल गया. इससे पहले कृषि मंत्रालय, शिक्षा मंत्रालय, जल संसाधन मंत्रालय को भी नए नाम मिल चुके हैं. ताजातरीन पत्तन, पोत परिवहन और जलमार्ग मंत्रालय के स्वतंत्र प्रभार के मंत्री मनसुख भाई मांडविया ने समेकित मंत्रालय के नामकरण के बाद कहा कि मंत्रिमंडल ने पिछले हफ्ते हुई मीटिंग में इस नए नामकरण को मंजूरी दी.
इस मौके पर उन्होंने कहा कि तीन दिनों में नया नाम हुआ और अब नया काम भी होगा. दुनिया के साथ हमारे नए और पुराने जलमार्ग पर विकास के लिए कदम उठाए जा रहे हैं. चार हजार किलोमीटर अंतर्देशीय जलमार्ग विकसित कर दिया है. वाराणसी से हल्दिया, सुंदरबन, बांग्लादेश और ब्रह्मपुत्र पर ये जलमार्ग विकसित हुआ है.
उन्होंने कहा कि नए नाम से मकसद है कि सरकार जलमार्ग विकास पर फोकस कर रही है. यानी अब बनाई जाने वाली योजनाएं अंतर्देशीय पत्तन यानी डोमेस्टिक पोर्ट को विकसित कर यात्री और माल परिवहन को सस्ता, सुगम और शीघ्र पहुंचाने के मकसद से होंगी. पुराने पोर्ट्स को सुव्यवस्थित करना, नई तकनीक से जल परिवहन को विकसित कर जनोपयोगी बनाना ही इसका उद्देश्य है. इसके लिए देसी और अंतरराष्ट्रीय स्तर की तकनीक के लिए भी सरकार सभी बड़ी कंपिनियों से तालमेल करेगी.