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बृजभूषण के ख़िलाफ़ पॉक्सो मामले में बयान बदलने से जांच पर क्या असर पड़ेगा?

बृजभूषण शरण सिंह मामले में नाबालिग के बयान बदलने से क्या होगा? बालासोर ट्रेन हादसे में 'ब्लैक बॉक्स'से क्या निकला? फ्लाइट टिकट के दाम इतने ज़्यादा क्यों? क्या 'उज्ज्वला' को फेल कर रही है महंगाई? सुनिए 'दिन भर' में.

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कुमार केशव / Kumar Keshav/कुलदीप मिश्र
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  • 08 जून 2023,
  • अपडेटेड 8:27 PM IST

भारतीय कुश्ती महासंघ के अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह के ख़िलाफ़ पहलवानों ने अपना आंदोलन एक हफ़्ते के लिए स्थगित कर दिया है. कल प्रदर्शनकारी पहलवानों ने केंद्रीय खेल मंत्री अनुराग ठाकुर के साथ लंबी बैठक की थी. इसमें पहलवानों को आश्वासन दिया गया कि 15 जून तक बृजभूषण सिंह के खिलाफ मजबूत चार्जशीट दायर की जाएगी और डब्ल्यूएफआई के चुनाव जून के अंत तक होंगे. बृजभूषण शरण पर महिला पहलवानों ने यौन शोषण के आरोप लगाए हैं. इसके अलावा एक नाबालिग़ पहलवान की शिकायत पर बजे सांसद के ख़िलाफ़ पोक्सो एक्ट के तहत भी मामला दर्ज किया गया है. लेकिन अब इस मामले में एक नया मोड़ आया है. माइनर खिलाड़ी के पिता ने मजिस्ट्रेट के सामने नया बयान दर्ज कराया है. इसमें उन्होंने कहा है कि उनकी बेटी ने बृजभूषण शरण के ख़िलाफ़ कुछ ग़लत आरोप लगाए थे. सुनिए ‘दिन भर’ में. 

ओडिशा के बालासोर ट्रेन हादसे के 6 दिन बाद आज डेटा लॉगर की जानकारियां सामने आई हैं.  डेटा लॉगर में ट्रेन से जुड़ी मिनट-टू-मिनट डीटेल्स दर्ज़ होते हैं. इसकी मदद से ये पता लगाया जा सकेगा कि 2 जून को आख़िर किस प्वाइंट पर चूक हुई जिससे तीन ट्रेनें आपस में टकरा गईं और 288 लोगों को अपनी जान गंवानी पड़ी. रेलवे बोर्ड ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को इस डेटा लॉगर  को दिखाया था और इसका एक्सेस इंडिया टुडे ग्रुप को भी मिला है. 
लॉगर की जानकारियों के आधार पर ये पता लगाया जा सकेगा कि हादसा ह्यूमन एरर् की वजह से हुआ या किसी साजिश के तहत अंजाम दिया गया. रेलवे की तरफ से पहले ही कहा जा चुका है कि शुरुआती जांच में सिस्टम से छेड़छाड़ के सबूत मिले हैं, पटरी में तोड़फोड़ और इलेक्ट्रॉनिक इंटरलॉकिंग सिस्टम में फेरबदल की आशंका भी जताई गई है. अधिकारियों का मानना है कि टैंम्परिंग के बिना ये संभव नहीं है कि ट्रेन के लिए तय रूट को मेन लाइन से लूप लाइन में बदल दिया जाए. सीबीआई इन सभी पहलुओं की जांच भी कर रही है, हालांकि सवाल इस जांच पर भी उठ रहे हैं. सुनिए ‘दिन भर’ में. 
कम समय में कहीं भी जल्दी पहुँचने के लिए सबसे उपयुक्त साधन फ्लाइट है. लेकिन आजकल फ्लाइट टिकट के दाम सातवें आसमान पर पहुँच चुके हैं. पिछले कुछ दिनों से सोशल मीडिया पर लोग लगातार इस पर लिख रहे हैं. मैंने आज इंटरनेट पर चेक किया, 9 जून को दिल्ली से किसी भी बड़े शहर का मिनिमम एयर फेयर 14-15 हज़ार दिखा. DGCA का आंकड़ा बताता है कि इस साल मार्च महीने में क़रीब 1 करोड़ 30 लाख लोगों ने फ्लाइट का इस्तेमाल किया, जो 2018 और 2019 के मार्च महीने के डेटा से 11 फीसदी ज़्यादा है. तो इससे एक बात तो स्पष्ट है कि एयर ट्रेवल की डिमांड देश में लगातार बढ़ रही है और किसी भी बिजनेस का पूरा फंडा डिमांड और सप्लाई पर ही टिका होता है. लेकिन एयर फेयर में इतनी बढ़ोतरी के पीछे की अहम वजहें क्या हैं? सुनिए ‘दिन भर’ में. 

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