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कच्ची उम्र में लड़की ने जन्मा बच्चा, टॉयलेट में मिला मृत, फिर मां ने भी दम तोड़ा

Uttarakhand News: रुद्रप्रयाग जिला अस्पताल में एक नाबालिग ने बच्चे को जन्म दे दिया, लेकिन प्रसव के बाद जच्चा-बच्चा की मौत हो गई. 18 साल की नाबालिग को लेकर उसकी मां इलाज कराने जिला अस्पताल पहुंची थी. लेकिन डॉक्टरों को यह नहीं बताया गया था कि लड़की प्रसव पीड़ा से ग्रसित है. इस मामले का खुलासा तब हुआ जब सुबह शौचालय में एक नवजात मृत मिला.

अस्पताल प्रबंधन ने पूरे मामले में जांच बैठा दी है. अस्पताल प्रबंधन ने पूरे मामले में जांच बैठा दी है.
प्रवीण सेमवाल
  • रुद्रप्रयाग,
  • 23 जुलाई 2022,
  • अपडेटेड 3:24 PM IST
  • शौचालय में गुपचुप कराया गया प्रसव
  • डॉक्टरों से छिपाई गई पूरी बात
  • नाबालिग और नवजात की मौत

उत्तराखंड के रुद्रप्रयाग जिला अस्पताल के शौचालय में एक नाबालिग ने बच्चे को जन्म दे दिया, लेकिन प्रसव के बाद जच्चा और बच्चा की भी मौत हो गई है. पूरे घटनाक्रम के दौरान जिला अस्पताल के डॉक्टरों और नाबालिग की मां की लापरवाही भी सामने आई है. जहां डॉक्टरों को नाबालिग की प्रसव पीड़ा से ग्रसित होने की जानकारी नहीं लगी. वहीं, उसकी मां ने भी बदनामी की डर से सारी बातें छिपाई थीं. अब इस मामले में अस्पताल प्रबंधन ने जांच बैठा दी है. 

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दरअसल, शुक्रवार दोपहर को एक बीमार लड़की को लेकर उसकी मां इलाज कराने जिला अस्पताल पहुंची थी. लेकिन डॉक्टरों को यह नहीं बताया गया कि लड़की प्रसव पीड़ा से ग्रसित है. डॉक्टर भी नाबालिग का सामान्य उपचार करते रहे. 

बताया जा रहा है कि देर रात को नाबालिग की मां ने जिला अस्पताल के शौचालय में उसका प्रसव कराया. प्रसव के बाद नाबालिग की मौत हो गई. इस मामले का खुलासा तब हुआ जब सुबह शौचालय में सफाईकर्मियों को एक नवजात मृत अवस्था में मिला. 

नाबालिग की मां ने बदनामी की डर से डॉक्टरों सहित अन्य लोगों से झूठ बोला, जिस कारण जच्चे-बच्चे की मौत हो गई. बताया जा रहा है कि नाबालिक जिला मुख्यालय के नजदीकी गांव की ही थी. नाबालिग की मौत प्रसव के बाद अत्यधिक रक्त बहने से हुई है. अगर महिला चिकित्सकों को सारी सच्चाई बता देती तो शायद उसकी नाबालिग की जांच बच सकती थी.

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जिला अस्पताल के मुख्य चिकित्सा अधीक्षक डॉक्टर राजीव पाल सिंह के मुताबिक, शुक्रवार दोपहर एक नाबालिग को लेकर उसकी मां जिला चिकित्सालय पहुंची थी. जांच करने पर पता चला कि लड़की में हीमोग्लोबिन की कमी है. डॉक्टर उसे आगे के लिए रेफर कर रहे थे, लेकिन मरीज के अभिभावकों ने मना कर दिया और लिखित रूप में यह कहकर दिया कि उसका उपचार यहीं किया जाए. इसके बाद रात के समय उसने बच्चे को जन्म दिया और प्रसव के बाद उपचार न मिलने के कारण नाबालिग की भी मौत हो गई. पूरी घटना में नाबालिग के परिजनों की गलती है. वह घटना की सत्यता बताते तो बेहतर उपचार होता. पूरे मामले की अब जांच की जा रही है. 


 

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