
ओडिशा के नबरंगपुर जिले से एक दिल दहलाने वाला मामला सामने आया है. यहां के सरकारी स्कूल के शौचालय में आदिवासी नाबालिग छात्रा के साथ दुष्कर्म का मामला सामने आया है. छात्रा से दुष्कर्म के आरोपी कथित तौर पर इसी स्कूल के दो शिक्षक हैं. घटना के सामने आने के बाद ओडिशा में राज्यव्यापी आक्रोश फैल गया. वहीं विपक्षी दल पीड़िता के लिए न्याय की मांग कर रहे हैं, पुलिस ने शुक्रवार को इस संबंध में जानकारी दी है.
जानकारी के मुताबिक, छात्रा शौचालय में अंदर थी. आरोप है कि इसी दौरान सरकारी आवासीय विद्यालय का हेडमास्टर और एक अन्य शिक्षक जबरन शौचालय में घुस गए और छात्रा के साथ दुष्कर्म किया. अधिकारियों ने कहा कि दोनों आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया गया और बाद में नबरंगपुर की POCSO अदालत में पेश करने के बाद जेल भेज दिया गया. सरकारी वकील सच्चिदानंद स्वैन ने बताया कि आरोपियों को विशेष न्यायाधीश प्रणति साहा की अदालत में पेश कियके समक्ष पेश किया गया, जहां से उन्हें 14 दिनों की न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया.
इस बीच, इस मुद्दे को गंभीरता से लेते हुए, ओडिशा मानवाधिकार आयोग (ओएचआरसी) ने मुख्य जिला चिकित्सा अधिकारी (सीडीएमओ), नबरंगपुर से रिपोर्ट मांगी है. ओएचआरसी ने सीडीएमओ-सह-सार्वजनिक स्वास्थ्य अधिकारी (पीएचओ) को चार सप्ताह के भीतर एक रिपोर्ट सौंपने का भी निर्देश दिया है. आयोग ने सीडीएमओ को अस्पताल में बच्ची का समुचित इलाज सुनिश्चित करने को कहा है.
मंगलवार को हुई यह घटना 9 नवंबर को तब सामने आई जब लड़की को पेट के निचले हिस्से में दर्द महसूस हुआ और उसने अपने माता-पिता को अपने साथ हुई घटना की जानकारी दी. पुलिस ने कहा कि जब उसे अस्पताल ले जाया गया, तो वहां डॉक्टरों ने उसके साथ यौन उत्पीड़न की आशंका जाहिर की. नबरंगपुर के एसपी रोहित वर्मा ने कहा कि उसके माता-पिता द्वारा कुंडेई पुलिस स्टेशन में शिकायत दर्ज कराने के बाद, उसके स्कूल के प्रधानाध्यापक और एक अन्य शिक्षक को सामूहिक दुष्कर्म के आरोप में हिरासत में लिया गया और पूछताछ के बाद मेडिकल किया गया.
शिक्षकों के खिलाफ भारतीय दंड संहिता और यौन अपराधों से बच्चों का संरक्षण (POCSO) अधिनियम की कई धाराओं के तहत मामला दर्ज किया गया है. पुलिस ने बताया कि पीड़िता को नबरंगपुर के जिला मुख्यालय अस्पताल में भर्ती कराया गया है, जहां उसका इलाज चल रहा है. इस बीच, विपक्षी भाजपा और कांग्रेस ने राज्य की बीजद सरकार पर कड़ा प्रहार किया और महिलाओं, विशेषकर नाबालिग लड़कियों के खिलाफ अपराधों में वृद्धि के लिए उसे जिम्मेदार ठहराया.
भाजपा प्रवक्ता सोनाली साहू ने भुवनेश्वर में एक प्रेस वार्ता में कहा, "राज्य में महिलाओं की कोई सुरक्षा नहीं है. अगर सरकार नबरंगपुर स्कूली छात्रा से सामूहिक दुष्कर्म मामले में तत्काल कार्रवाई नहीं करती है, तो हमारी पार्टी इसे मुद्दा बनाएगी और सड़कों पर उतरेगी." भाजपा नेता ने महिला अत्याचार के मामलों में शामिल सत्ता पक्ष के कई नेताओं की सूची बनाई. उन्होंने बताया कि विभिन्न आपराधिक मामलों का सामना कर रहे 65 विधायकों में से लगभग 42 सत्ताधारी बीजद के थे.
ओडिशा प्रदेश कांग्रेस कमेटी (ओपीसीसी) के अध्यक्ष शरत पटनायक ने पीड़िता और उसके माता-पिता से मिलने और घटनास्थल का दौरा करने के लिए जेपोर विधायक ताराप्रसाद बाहिनीपति की अध्यक्षता में 10 सदस्यों की एक तथ्य-खोज टीम का गठन किया. जिला कांग्रेस कमेटी (डीसीसी) के अध्यक्ष डीसीसी अध्यक्ष मोनोरंजन त्रिपाठी ने नबरंगपुर में एक संवाददाता सम्मेलन में आरोप लगाया कि जिले के विभिन्न सरकारी स्कूलों में आदिवासी लड़कियों को नियमित रूप से परेशान किया जाता था और उनका यौन उत्पीड़न किया जाता था. उन्होंने घोषणा की कि पार्टी 11 वर्षीय छात्रा के लिए न्याय की मांग को लेकर आंदोलन शुरू करेगी.